सावधान! कहीं आप भी अपनी हेल्‍थ प्रॉब्‍लम्‍स का सल्‍यूशन इंटरनेट से तो नहीं करती

क्‍या आप इंटरनेट देखकर हेल्‍थ प्रॉब्‍लम्‍स का सल्‍यूशन तलाशती हैं तो सर्तक हो जाये क्‍योंकि यह आपकी लाइफ को जोखिम में डाल सकता है।

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आजकल इंटरनेट हमारे बीच में इतना फेमस हो गया है कि हम अपनी हर प्रॉब्‍लम का सल्‍यूशन इसी पर खोजते हैं। यहां तक हेल्‍थ संबंधी प्रॉब्‍लम होने पर इंटरनेट पर उसके बारे में जानकारी लेना शुरू कर देते हैं। जानकारी तक तो ठीक हैं लेकिन कुछ लोग इंटरनेट पर बताई दवाओं को लेना भी शुरू कर देते हैं। लेकिन क्‍या आप जानती है कि आगे जाकर इलाज शुरू करना आपकी लाइफ को जोखिम में डाल सकता है। यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि एक नई रिसर्च से यह बात सामने आई है।

इंटरनेट देखकर दवा लेने के नुकसान

ऐसा की कुछ मेरे ऑफिस में काम करने वाले अतुल ने भी किया था। उसने अपनी बीमारी के इलाज के लिए गूगल से सर्च करके दवा ली थी। इसके लिए उसने गूगल पर अपनी बीमारी के लक्षण को डाला। फिर उसकी फोटोज देखी। उस बीमारी का पता लगाकर और उसने गूगल से दवा देखकर खा ली। उसका कहना है कि 'उसने दवा तो सही ली थी लेकिन कितनी मात्रा में लेनी हैं उसे इसके बारे में जानकारी नहीं थी। जो दवा उसने हफ्ते में एक बार लेनी थी उसने उसे रोजाना खा लिया। इससे मेरा वजन कम हो गया, लीवर में इंफेक्‍शन हो गया, पूरी बॉडी में सूजन खासतौर पर कान और नाक पर और स्किन पर चकत्‍ते हो गये थे। फिर मैंने परेशान होकर डॉक्‍टर को दिखाया। तब डॉक्‍टर ने बताया कि गलत दवा लेने से ऐसा हुआ है और बताया तुम्‍हें बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन हो गया है।' तब से मैंने तौबा कर ली कि मैं कभी भी गूगल देखकर दवा नहीं लूंगा।'

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समस्‍या को बढ़ा सकती है हेल्‍थ से जुड़ी जानकारी

गूगल से जानकारी के बाद इलाज शुरू कर देने को सायबरकॉंड्रिया कहा जाता है। इसमें हेल्‍थ से जुड़ी समस्याओं के बारे मे खुद ही ऑनलाइन निदान करने की प्रवृत्ति पैदा हो जाती है। कभी-कभार इंटरनेट पर हमें हेल्‍थ प्रॉब्‍लम्‍स के बारे में सही जानकारी मिल सकती है लेकिन अधिकतर यह ऑनलाइन जानकारी आपकी समस्या को बढ़ा सकती है।

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खुद से इलाज करने का बढ़ा है चलन

इंडस हेल्थ प्लस की आरोग्यसेवा विशेषज्ञ कांचन नायकवडी कहती हैं, 'खुद से चेकअप शुरू कर देना और दवाइयां लेना बहुत नॉर्मल बात हो गई है। इसकी कई वजहे हैं जिसमें समय की कमी, आर्थिक विषमता, जागरूकता कि कमी, आकर्षक विज्ञापन और औषधियों का आसानी से उपलब्ध होना शामिल है। इन सभी कारणों से खुद से इलाज करने का चलन बढ़ रहा है।'

उन्होंने कहा, 'खुद से दवाइयां लेने से बीमारी का गलत इलाज, दवाइयों के शरीर पर होने वाले गंभीर परिणाम, चिकित्सक की सलाह से वंचित हो जाना, दवाओं के दुष्प्रभाव व फर्जी दवाओं के प्रयोग की संभावना होती है। ऐसे में इससे बचने की जरूरत है।'

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