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what happens if prolactin level is high in female

ब्रेस्ट में दर्द, डिस्‍चार्ज या कमजोरी से परेशान हैं? यह 1 हार्मोन है असली गुनहगार, जो सेहत को धीरे-धीरे करता है बर्बाद

क्‍या आपको ब्रेस्‍ट में दर्द, वजन बढ़ना, अनियमित पीरियड या हड्डियों में कमजोरी जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो  ये सभी शरीर में प्रोलैक्टिन प्रोटीन के बढ़ने का संकेत हो सकते हैं। आइए एक्‍सपर्ट रमिता कौर से इसके कारण और उपायों के बारे में जान लेते हैं।  
Editorial
Updated:- 2025-10-10, 11:01 IST

क्या आपकी ब्रेस्ट में दर्द या डिस्चार्ज हो रहा है? क्या पेट और जांघों के आस-पास चर्बी बढ़ रही है और हड्डियों में कमजोरी महसूस होती है? अगर हां, तो यह संकेत किसी सामान्य समस्या के नहीं हैं। दरअसल, इसके पीछे एक ऐसा हार्मोन हो सकता है, जो आपके शरीर को अंदर से खोखला कर रहा है।

जी हां, यह हार्मोन प्रोलैक्टिन है, जो ऐसा साइलेंट किलर है और अगर जरा-सा भी बढ़ जाए, तो आपकी सेहत पर बुरा असर डालता है। यह हार्मोन धीरे-धीरे महिलाओं के शरीर को कमजोर करने लगता है और कई गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम्स की वजह बन सकता है।

women in pain

प्रोलैक्टिन क्या होता है?

प्रोलैक्टिन आमतौर पर दूध बनने के प्रोसेस (लैक्टेशन) से जुड़ा है, लेकिन जब इसका लेवल जरूरत से ज्‍यादा बढ़ जाता है, जिसे हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया कहा जाता है, तो यह महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्‍टम को प्रभावित करने लगता है। इसके अलावा, जब प्रोलैक्टिन ज्‍यादा हो जाता है, तब यह शरीर में एक और हार्मोन GnRH (गोनाडोट्रोपिन रिलीजिंग हार्मोन) के बनने में रुकावट डालता है। इसकी वजह से ओव्यूलेशन प्रोसेस में परेशानियां आती हैं, जिससे प्रेग्नेंसी में दिक्कतें आने लगती हैं और शरीर का हार्मोन संतुलन बिगड़ जाता है।

प्रोलैक्टिन असंतुलन से महिलाओं के शरीर पर क्‍या असर होता है और इसे कैसे कंट्रोल किया जा सकता है? इसके बारे में हमें मैटरनल और चाइल्‍ड न्‍यूट्रिशनिस्‍ट रमिता कौर बता रही हैं। डॉक्‍टर रमिता कौर एक न्यूट्रिशनिस्ट, डाइट और लाइफस्टाइल कंसल्टेंट हैं। डॉक्‍टर कौर के पास अपने क्लाइंट्स के लिए पर्सनलाइज्ड डाइट प्लान बनाने और लाइफस्टाइल कंसल्टेशन देने का 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है। रमिता Nutriapt हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड पाखोवाल में प्रैक्टिस करती हैं।

प्रोलैक्टिन असंतुलन से शरीर पर होने वाले 7 बड़े खतरे

प्रोलैक्टिन के बढ़े हुए लेवल से महिलाओं के शरीर में कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जिन्हें अक्सर महिलाएं नजरअंदाज कर देती हैं।

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  • अनियमित पीरियड- यह सबसे आम संकेत है। पीरियड साइकिल गड़बड़ा जाती है या पीरियड पूरी तरह से रुक सकता है।
  • इनफर्टिलिटी- चूंकि यह ओव्यूलेशन को बाधित करता है, इसलिए कंसीव करने में काफी कठिनाई आ सकती है।
  • ब्रेस्‍ट में दर्द और डिस्‍चार्ज- ब्रेस्‍ट में दर्द और भारीपन महसूस होना या निप्पल से दूध जैसा डिस्‍चार्ज होना।
  • स्‍लो मेटाबॉलिज्म- मेटाबॉलिज्‍म धीमा हो जाता है, जिससे थकान महसूस होती है और वजन बढ़ना शुरू हो जाता है।
  • चर्बी जमा होना- शरीर, विशेषकर पेट और जांघों के आस-पास अनावश्यक फैट जमा करने लगता है।
  • मानसिक स्वास्थ्य पर असर- यह हार्मोनल असंतुलन अक्सर डिप्रेशन और चिंता के लक्षणों को बढ़ाता है।
  • हड्डियों में कमजोरी- लंबे समय तक प्रोलैक्टिन ज्‍यादा रहने से बोन डेंसिटी में कमी आती है, जिससे भविष्य में ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डी टूटने का खतरा बढ़ जाता है।

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इन 4 जादुई पोषक तत्वों को करें डाइट में शामिल

आप अपनी लाइफस्‍टाइल और डाइट में छोटे बदलाव करके इस हार्मोन को नेचुरली कंट्रोल कर सकती हैं। इन 4 जरूरी पोषक तत्वों को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं और शरीर में पॉजिटीव बदलाव देखें।

zinc for female body

  • जिंक- यह डोपामाइन के लेवल को बैलेंस करता है, जो प्रोलैक्टिन को कंट्रोल करने वाला मुख्य न्यूरोट्रांसमीटर है। इसके स्रोतों में कद्दू के बीज, दालें, काजू, शकरकंद, छोले आदि जैसी चीजें शामिल हैं।
  • विटामिन- B6- यह भी डोपामाइन के संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे प्रोलैक्टिन का लेवल नीचे आता है। इसके स्रोतों में छोले, केला, आलू, पालक, सूरजमुखी के बीज आदि जैसी चीजें शामिल हैं।
  • विटामिन-E- यह एंटी-ऑक्सीडेंट तनाव को कम करने और हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मददगार होता है। पपीता, एवोकाडो, सूरजमुखी के बीज, बादाम आदि विटामिन-E से भरपूर होते हैं।
  • मैग्नीशियम- यह शरीर की तनाव प्रतिक्रिया को शांत करता है, जिससे हार्मोनल संतुलन को बढ़ावा मिलता है। इसके स्रोतों में हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, बीज, बीन्स, कोको आदि जैसी चीजें शामिल हैं।

चेस्टबेरी टी- यह जड़ी बूटी विशेष रूप से प्रोलैक्टिन के लेवल को नेचुरली कम करती है और पीरियड को रेगुलर करती है। आप इसे भी अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं।

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इन पोषक तत्‍वों के साथ ही बैलेंस और हेल्‍दी डाइट जरूर लें। अगर आप लगातार हाई प्रोलैक्टिन के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्‍टर के पास जाएं। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Shutterstock 

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