क्या PCOD को जड़ से खत्म किया जा सकता है? अगर आपके मन में भी है यह सवाल, तो गायनेकोलॉजिस्ट से जान लीजिए जवाब

क्या एक बार PCOD हो जाने पर यह जिंदगी पर पीछा नहीं छोड़ती है...क्या PCOD को जड़ से खत्म करना पॉसिबल नहीं है, अगर आपके मन में भी ये सवाल हैं, तो इनका जवाब गायनेकोलॉजिस्ट से जान लीजिए।
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'PCOD की वजह से पीरियड्स हर महीने आंख-मिचोली खेलते हैं...वजन बढ़ता जा रहा है...चेहरे पर अनचाहे बाल निकल रहे हैं, एक्ने कम नहीं हो रहे हैं और हेयरफॉल बढ़ता जा रहा है....' PCOD से परेशान हर लड़की की यही कहानी है। इस हेल्थ कंडीशन में न केवल महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, फर्टिलिटी प्रभावित होती है, बल्कि इसका असर शरीर पर कई तरीकों से होता है। कई महिलाओं के मन में यह सवाल यह उठता है कि क्या इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है...क्या इसका परमानेंट इलाज संभव है या क्या इसे सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है, चलिए इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डॉक्टर सोनू खोखर, एमबीबीएस डॉक्टर, हेल्थ एंड वेलनेस एक्सपर्ट (Dr. Sonu Khokhar, MBBS Doctor, Health and Wellness Expert) दे रही हैं।
PCOD यानी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (Polycystic Ovarian Disease) का असर शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से होता है। इसमें शरीर में पुरुष हार्मोन अधिक हो जाती है, ओवरीज में पानी से भरी छोटी-छोटी भरी सिस्ट बन जाती हैं और इसी वजह से कई तरह की दिक्कतें होने लगती हैं।
डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाईयां लेने, डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करने और तनाव से दूर रहने में इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है।

क्या PCOD को जड़ से खत्म किया जा सकता है?

  • PCOD कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह लाइफस्टाइल से जुड़ी एक कंडीशन है, जिसे बेशक मैनेज और कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन, यह पूरी तरह ठीक हो जाएगा या दोबारा लौटकर नहीं आएगा, ऐसा कहना सही नहीं है।
  • PCOD लाइफस्टाइल से जुड़ी एक कंडीशन है। ऐसे में अगर इसके लक्षण कंट्रोल हो जाए और जीवनशैली से जुड़ी आदतों में सुधार न हो, तो यह फिर से बढ़ सकते हैं।

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  • पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (पीसीओडी) को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। लाइफस्टाइल और खान-पान की आदतों में बदलाव के जरिए इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है।
  • एक्सपर्ट का कहना है कि पीसीओडी का पता अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट के जरिए किया जाता है। अल्ट्रासाउंड के जरिए जहां ओवरीज में मौजूद सिस्ट और गर्भाशय की परत की मोटाई का पता चलता है। वहीं, ब्लड टेस्ट के जरिए हार्मोन के स्तर जैसे कि एंड्रोजन, इंसुलिन और अन्य की जांच की जाती है।

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  • अगर आपको PCOD हो गई है, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाई लें। साथ ही, डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करें। अगर PCOD के लक्षण कंट्रोल में भी आ जाएं, तब भी इलाज बीच में न छोड़ें।

यह है एक्सपर्ट की राय

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एक्सपर्ट का कहना है कि PCOD के लक्षणों को मैनेज करने के लिए खान-पान और जीवनशैली में बदलाव बहुत जरूरी है। साथ ही, स्ट्रेस से दूर रहें और एक्सरसाइज जरूर करें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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