इस समय बाहर का तापमान ऐसा रहता है कि आप ज्यादा देर धूप में नहीं रह सकते। गर्म हवाएं धीरे-धीरे हावी होती जाती हैं और गर्मी के कारण गला सूखता रहता है। मगर ऐसे में एक आइसक्रीम ही है जिसे खाते ही राहत मिलती है। फिर चाहे मलाई वाली आइसक्रीम हो या बर्फ वाली, दोनों ही गर्म दिनों में हमारी सेवियर बन जाती हैं।
कई लोग तो मानते हैं कि आइसक्रीम खाकर शरीर को ठंडक मिलती है। मगर कुछ लोग ऐसे होते हैं जो आइसक्रीम खाते ही बीमार पड़ जाते हैं। उन्हें ठंड-गर्म हो जाता है। सर्दी-जुकाम हो जाता है। मगर ऐसा क्यों होता है? चलिए इस आर्टिकल में हम जानते हैं कि क्या आइसक्रीम वाकई शरीर को ठंडक पहुंचाती है।
कैसे करता है शरीर काम?
हमारे शरीर में यह क्षमता होती है कि वह अपने तापमान को सिचुएशन के अनुसार कुछ रेंज तक बैलेंस कर सकता है। यह लगभग 36.5 से 37.5 डिग्री सेल्सियस (97.7 से 99.5 डिग्री फेरेनहाइट) तक होता है। इस रेगुलेशन को कंट्रोल करने वाला ऑर्गन हाइपोथैलामस है, जो ब्रेन में होता है। जब बाहर का तापमान एकदम से बढ़ता है, तो हमारा शरीर ठंडा होने के लिए कई मेकेनिज्म का इस्तेमाल करता है। पसीना आना ऐसा ही एक मेकेनिज्म है, जो शरीर को ठंडा करने में मदद करता है।
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आइसक्रीम खाने से कैसे होती है कूलिंग सेंसेशन?
आइसक्रीम खाते ही हमें ठंडक मिलती है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उसे बहुत देर तक फ्रीज किया जाता है। उसके हाई टेंपरेचर के कारण आइसक्रीम हमें ठंडी लगती है। हालांकि, मुंह में रखते हैं, शरीर की गर्मी से से आइसक्रीम पिघलने लगती है। पिघलती हुई ठंडी आइसक्रीम कुछ समय के लिए ठंडक प्रदान करती है।
आपको बता दें कि यह ठंडक सिर्फ मुंह तक रहती है और आपके पूरी शरीर को आइसक्रीम खाने से कोई ठंडक नहीं मिलती। आइसक्रीम खाने से हमारे शरीर में अलग प्रतिक्रियाएं होने लगती हैं। जब हम कोई भी ठंडी चीज खाते हैं, तो हमारा शरीर कम हुए तापमान को नियंत्रित करने की कोशिश करता है। इसके कारण ब्लड फ्लो एकदम से कम हो सकता है और शरीर को नुकसान पहुंचता है।
आखिर आइसक्रीम खाने के बाद क्यों पड़ते हैं हम बीमार?
आइसक्रीम खाने के बाद बीमार पड़ना कई कारणों से हो सकता है। आइसक्रीम खाने के बाद आप बीमार इसलिए पड़ जाते हैं क्योंकि हो सकता है कि आप लैक्टोज इंटॉलरेंट हों। ऐसा तब होता है जब शरीर में एंजाइम लैक्टेज की कमी हो जाती है, जो डेयरी उत्पादों में पाई जाने वाली शुगर लैक्टोज को पचाने के लिए जरूरी है। आइसक्रीम या अन्य डेयरी उत्पादों के सेवन से लैक्टोज इनटॉलरेंट लोगों में सूजन, गैस, पेट में ऐंठन, दस्त और मतली जैसे लक्षण हो सकते हैं।
लैक्टोज इंटॉलरेंट और डेयरी एलर्जी के अलावा, कुछ लोग आइसक्रीम में पाए जाने वाले इंग्रीडिएंट्स को जल्दी से पचा नहीं पाते। आइसक्रीम में स्टेबलाइजर्स, इमल्सीफायर्स, फ्लेवरिंग या एडिटिव्स हो सकते हैं और कुछ लोग इन तत्वों के प्रति संवेदनशीलता हो सकते हैं। यही कारण होता है कि आइसक्रीम खाने के बाद ये संवेदनशीलता पाचन संबंधी समस्याएं, मतली या अन्य लक्षण पैदा कर सकती है।
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आइसक्रीम में अक्सर चीनी की मात्रा अधिक होती है, जिससे ब्लड शुगर के स्तर में तेजी से वृद्धि हो सकती है। इसके बाद, तुरंत उसमें गिरावट आती है। इससे भी आप बीमार पड़ सकते हैं। एकदम से हुए ब्लड शुगर फ्लकचुएशन को शरीर समझ नहीं पाता और इसके कारण ठंड लग सकती है। थकान हो सकती है या फिर चक्कर आ सकते हैं।
इसके अलावा कुछ लोगों को आइसक्रीम खाने के बाद एलर्जी की शिकात हो सकती है। ब्रेन फ्रीज भी हो सकता है और कई लोगों में फूड पॉइजनिंग के लक्षण भी देखे गए हैं।
इन सब बातों का यही कनक्लूजन निकलता है कि आइसक्रीम खाने से शरीर को ठंडक नहीं पहुंचती है बल्कि यह शरीर के तापमान को गड़बड़ कर सकती है, जिससे बीमार होने की संभावन बढ़ जाती है।
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