लंबे सफर में जाते हुए आखिर हम सो क्यों जाते हैं?

अगर हम दूर का सफर तय कर रहे होते हैं, तो सफर में नींद आ ही जाती है। कई बार तो हम सोचकर चलते हैं कि यात्रा का मजा लेंगे, लेकिन फिर क्यों ट्रैवल शुरू करते ही सो जाते हैं? आइए इसके पीछे के विज्ञान को जानें। 

why do some people feel sleepy when traveling

सुहाना सफर और यह मौसम हसीं...हमें डर है हम सो न जाएं कहीं! हां मालूम है कि गाने की लाइन यह नहीं है। यह हर उस आदमी का डर है जो लंबा सफर तय करता है। मैं अगर किसी नई जगह घूमने जा रही हूं, तो कोशिश करती हूं कि पूरे रास्ते को निहारते हुए ट्रैवल करूं। हालांकि, ऐसा हो ही नहीं पाता है। दूर का सफर तय करते हुए मैं ही नहीं, बल्कि कई लोग सो जाते हैं। आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? यह बात भी है कि ट्रैवल करते हुए हम कुछ न भी करें, लेकिन शरीर थक जाता है।

यह पैटर्न आम है कि लोग अपनी यात्रा की शुरुआत में उत्साहित और ऊर्जावान होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे नींद और थकान महसूस करने लगते हैं।

कई बार कुछ न हो तो बोरियत के चलते ही हम सो जाते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? इसके पीछे भी कारण है और वह क्या है, चलिए इस आर्टिकल में आपको बताएं।

एक्साइटमेंट के कारण आती है नींद

sleep during traveling

ट्रैवल के दौरान हमें जो नींद आती है उसका कारण एक रात पहले की एक्साइटमेंट होती है। लोग अक्सर अगले दिन की यात्रा को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित हो जाते हैं जिसके कारण वे पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं। एक दिन पहले की थकान को दूर करने के लिए यात्रा के दौरान लोग सो जाते हैं।

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सर्काडियन रिदम के कारण

हमारे शरीर की प्रोग्रामिंग ही इस तरह से हुई होती है कि हम रात में सोते हैं और दिनभर जागते हैं। यह साइकिल हमारी इंटरनल बॉडी क्लॉक या सर्काडियन रिदम द्वारा रेगुलेटेड किया जाता है। इसलिए अगर आप रात में ट्रैवल कर रहे हैं, तो 100 प्रतिशत आपको जल्दी नींद आएगी।

व्हाइट नॉइज़ के कारण

white noise makes us sleep

अगर हम कार से ट्रैवल कर रहे हैं, तो नींद आने का कारण इंजन से निकले वाली आवाज होती है। दरअसल कार का इंजन लगातार गुनगुनाहट करता है। वाहन के लगातार चलने से और इस शोर के कारण दिमाग आराम की अवस्था में आ जाता है। वैज्ञानिक इसे व्हाइट नॉइज़ कहते हैं। इसी के कारण हम ट्रैवलिंग के दौरान बहुत अच्छी नींद लेते हैं। कई पेरेंट्स अपने बच्चों को सुलाने के लिए व्हाइट नॉइज का इस्तेमाल करते हैं।

बोरियत के कारण

बोरियत भी नींद आने का एक बड़ा कारण है। जब लंबा सफर तय कर रहे होते हैं, तो हमारे पास आस-पास गुजरते नजारे देखने के अलावा और कुछ नहीं होता। आप पूरा टाइम फोन पर देखते हुए भी थकने लगते हैं। इस दौरान हमारा दिमाग ठीक वैसा ही महसूस करता है, जैसे बिस्तर पर पड़े-पड़े करता है। यही कारण होता है कि हम कुछ देर बाद सो जाते हैं।

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मोशन सिकनेस के कारण

motion sickness

देखिए, सफर में सो जाना एक आम बात है, लेकिन अगर आप या आपका कोई दोस्त 10-15 मिनट की राइड में भी सो जाता है, तो मतलब उन्हें मोशन सिकनेस है। मोशन सिकनेस मूवमेंट के द्वारा उत्पन्न होने वाली एक बीमार करने वाली भावना होता है। ऐसे लोगों को ट्रैवल के दौरान चक्कर या उल्टी आने जैसा महसूस होता है। यही कारण होता है कि वे यात्रा शुरू होते ही सो जाते हैं।

हालांकि ऐसा नहीं है कि ट्रैवल के दौरान सब सोते हैं। कुछ लोगों को नींद की जरूरत ज्यादा होती है। कुछ लोग बड़ी आसानी से पूरा सफर जागते हुए तय करते हैं और उसके बाद उन्हें थकान भी महसूस नहीं होती।

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Image Credit: Freepik

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