शिशु की केयर करना बड़ी जिम्मेदारी होती है, खासकर जब बात उनके हेल्थ की आती है। शिशु के शरीर का हर अंग नाजुक होता है और उसकी सही देखभाल करना बेहद जरूरी है। पेरेट्स अक्सर अपने छोटे बच्चे की ग्रोथ से जुड़ी छोटी-छोटी बातों को लेकर परेशान रहते हैं। ऐसी ही एक चिंता अक्सर पेरेंट्स को तब होती है, जब उन्हें लगता है कि बच्चे का प्राइवेट पार्ट पूरी तरह से खुल नहीं रहा है। यह एक आम शंका है और कई बार जानकारी की कमी के कारण पेरेंट्स अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे छोटे बच्चे को तकलीफ हो सकती है।
डॉक्टर की राय
नारायणा मदर एंड चाइल्ड केयर, सिल्वर क्रेस्ट हॉस्पिटल और एचसीडब्ल्यू फाउंडेशन के डायरेक्टर और चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर हनीश बजाज बताते हैं कि इस समस्या को लेकर कई पेरेंट्स उनके पास आते हैं। वे अक्सर यह शिकायत करते हैं कि उनके बेटे का प्राइवेट पार्ट पूरी तरह से नहीं खुल रहा है। कुछ पेरेंट्स तो घबराकर इसे जबरदस्ती खींचकर खोलने की कोशिश भी करते हैं। इस तरह की गलती से शिशु को न सिर्फ दर्द होता है, बल्कि प्राइवेट पार्ट में सूजन, रेडनेस और एडिमा जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
क्या है फिजियोलॉजिकल फिमोसिस?
डॉक्टर के अनुसार, शिशु के प्राइवेट पार्ट का पूरी तरह से न खुलना नॉर्मल कंडीशन है, जिसे मेडिकल भाषा में फिजियोलॉजिकल फिमोसिस कहते हैं। यह कंडीशन जन्म से लेकर 5 से 7 साल की उम्र तक रह सकती है और समय के साथ अपने आप ठीक हो जाती है। यह शरीर का नेचुरल प्रोसेस है, जो किसी भी तरह के इलाज या हस्तक्षेप के बिना ठीक हो जाता है। इसलिए, पेरेंट्स को इसे लेकर परेशान होने या कुछ भी करने की जरूरत नहीं है।
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दूसरे शब्दों में आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि शिशु के शरीर की समय के साथ ग्रोथ होती है। शुरुआत के सालों में, पेनिस की स्किन (फोरस्किन) पेनिस के टिप (ग्लैंस) से जुड़ी हुई होती है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, वैसे-वैसे स्किन धीरे-धीरे अपने आप अलग होने लगती है। हर बच्चे में यह प्रोसेस अलग-अलग समय पर होता है। कुछ बच्चों में यह 3 साल की उम्र तक हो जाता है, जबकि कुछ में 5 से 7 साल तक का समय लग सकता है।
बेबी बॉय के प्राइवेट पार्ट की केयर कैसे करें?
डॉक्टर हनीश बजाज कुछ जरूरी बातें बताते हैं, जिनका ध्यान हर पेरेंट्स को रखना चाहिए।
स्किन को जबरदस्ती पीछे न खींचें
- बच्चे की फोरस्किन को कभी भी जबरदस्ती पीछे खींचने की कोशिश न करें। यह बहुत नाजुक होती है और इसे खींचने से दर्द या चोट लग सकती है।
नेचुरल प्रोसेस
- इस बात का ध्यान रखें कि 5-7 साल की उम्र तक फिजियोलॉजिकल फिमोसिस नॉर्मल है। यह कोई बीमारी नहीं है, बल्कि ग्रोथ का हिस्सा है।
जबरदस्ती खींचने के नुकसान
- कुछ पेरेंट्स बच्चे के प्राइवेट पार्ट की त्वचा को जबरदस्ती पीछे खींचने की कोशिश करते हैं। ऐसा करने से बच्चे को बहुत दर्द हो सकता है।

इंफेक्शन और सर्जरी का खतरा
- जबरदस्ती खींचने से त्वचा में सूजन, रेडनेस, घाव और खून भी आ सकता है। इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है और कुछ गंभीर मामलों में सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है।
डॉक्टर से कब मिलें?
अगर आपके बच्चे के प्राइवेट पार्ट में कोई असामान्य लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
- पेशाब करने में दिक्कत- अगर छोटे बच्चे को पेशाब करने में जोर लगाना पड़ रहा हो, पेशाब की धार बहुत पतली हो या दर्द हो रहा हो।
- बैलूनिंग- पेशाब करते समय प्राइवेट पार्ट के सिरे पर गुब्बारे जैसी सूजन दिखना।
- त्वचा में सूजन और रेडनेस- अगर छोटे बच्चे की फोरस्किन में लगातार सूजन, रेडनेस या दर्द हो।
नवजात शिशु के प्राइवेट पार्ट की देखभाल करते समय सबसे जरूरी यह है कि उसे नेचुरली बढ़ने दें। जबरदस्ती करने के बजाय, साफ-सफाई पर ध्यान दें और किसी भी असामान्य लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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