क्या आप अपनी फर्टिलिटी में सुधार करना चाहती हैं?
क्या आप हेल्दी मेनोपॉज चाहती हैं?
क्या आप दिनभर एनर्जी से भरपूर रहना चाहती हैं?
तो योनि मुद्रा को अपने फिटनेस रूटीन में शामिल करें। जी हां, मुद्राएं ऐसी तकनीकों में से एक है, जो हमारे शरीर में पांच तत्वों को संतुलित करती हैं। मुद्राएं शरीर में तीन दोषों यानि वात, पित्त और कफ को संतुलित करती हैं।
रोजाना मुद्राओं को करने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ पाए जा सकते हैं। आज हम आपको योनि मुद्रा के बारे में बताने जा रहे हैं, जो महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है। इसके बारे में हमें आयुर्वेदिक डॉक्टर जीतू रामचंद्रन बता रही हैं।
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योनि मुद्रा एक विशेष प्रकार की मुद्रा है, जो शिशु जैसे दिमाग पाने में मदद करती है। जिस प्रकार गर्भ में बच्चा बाहरी दुनिया से अलग शांत रहता है, ठीक वैसे ही इस मुद्रा को करने वाली महिला भी बाहरी दुनिया से कट जाती है और आनंद की स्थिति का अनुभव करती है।
योनि मुद्रा में शामिल दोनों शब्द संस्कृत से बने है, 'योनि' का अर्थ है 'गर्भ' जो महिला के रिप्रोडक्टिव सिस्टम को दर्शाता है और 'मुद्रा' का अर्थ 'हाथ की उंगलियों और अंगूठे का इशारा' है। महिलाओं में रिप्रोडक्टिव सिस्टम में सुधार के लिए इस मुद्रा को किया जा सकता है। साथ ही, इस मुद्रा से पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, हाइपोथायरायडिज्म, दिल के रोग, इम्यून सिस्टम के साथ-साथ ब्रेन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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योनि मुद्रा की विधि
- इसे करने के लिए सुखासन या वज्रासन में बैठ जाएं।
- कंधों को ऊपर उठाकर या दीवार के सहारे सीधे बैठकर रीढ़ को सीधा करें।
- हाथ को इस तरह मोड़ें कि गर्भ जैसा आकार बन जाए।
- दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और अंगूठों को कानों के पास रखें।
- फिर तर्जनी उंगली को आंखों, मध्यमिका को नाक के पास और अनामिका को होंठों के ऊपरी हिस्से पर रखें।
- साथ ही, छोटी उंगली को होंठों के नीचे वाले हिस्से पर रखें।
- सांस को नाक से भरते हुए मध्यमिका से नाक को दोनों साइड से बंद करें।
- सांस को अपनी क्षमतानुसार रोकें और कुछ समय बाद ओम का जाप करते हुए धीरे से सांस को बाहर छोड़ें।
- धीरे से वापस पुरानी पोजिशन में आ जाएं।
- शुरुआत में किसी एक्सपर्ट की निगरानी में मुद्रा को करें।
महिलाओं के लिए योनि मुद्रा के लाभ
यूट्रस का कामकाज होता है नियंत्रित
यह यूट्रस के लिए लाभकारीयोग है और फर्टिलिटी में सुधार करता है। इस मुद्रा का अभ्यास महिलाओं के लिए बेस्ट एक्सरसाइज माना जाता है। यह हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करता है और महिला के रिप्रोडक्टिव सिस्टम को ठीक रखता है।
स्त्री ऊर्जा को बढ़ाती है यह मुद्रा
योनि मुद्रा एक महिला को उसकी आंतरिक स्त्री ऊर्जा से जुड़ने में मदद करती है।
पीरियड्स के लिए योनि मुद्रा
योनि मुद्रा गर्भ और मासिक धर्म चक्र से जुड़ी होती है। यह गर्भ में प्राण को मजबूत करती है। इसलिए यह पीरियड्स के दौरान बेहद फायदेमंदहोती है।
तनाव होता है दूर
उंगलियों में मौजूद पांच पृथ्वी तत्वों को मिलाकर योनि मुद्रा के कई रूप विकसित किए गए हैं। यह आपको तनाव मुक्त रखती है। यह मुद्रा हमारे नर्वस सिस्टम के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। यह एकाग्रता को बढ़ाती है। साथ ही साथ, हमें आंतरिक शांति भी प्रदान करती है।
धरती से जोड़ती है आपको
योनि मुद्रा आध्यात्मिक रूप से अच्छी होती है। इसे करने से आपको शांति का अहसास होता है और यह आत्मविश्वास बढ़ाती है।
इस मुद्रा को करने से पहले एक बार किसी एक्सपर्ट से सलाह जरूर कर लें। अगर आपको भी मुद्रा से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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