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फेस्टिवल्स में सांसों पर खतरा? 10 मिनट का ये योगाभ्यास बनाएगा फेफड़ों को स्ट्रॉन्ग, बीमारियां नहीं कर पाएंगी अटैक

त्योहारों का मौसम मिठाइयों और खुशियों के साथ-साथ प्रदूषण और धूल भी लाता है, जिससे आपकी सांसों पर खतरा मंडरा सकता है। ऐसे में फेफड़ों को स्ट्रॉन्ग बनाना बहुत जरूरी है। आप 10 मिनट का आसान योगाभ्यास (प्राणायाम) कर सकती हैं। इससे न सिर्फ आपके लंग्‍स मजबूत होंगे, बल्‍क‍ि बीमार‍ियां भी कोसों दूर रहेंगी।
Editorial
Updated:- 2025-10-24, 16:17 IST

द‍िवाली का त्‍योहार खुशि‍यां लेकर आता है। इस द‍िन देशभर की रौनक देखते ही बनती है। घर-घर में माता लक्ष्‍मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। पटाखे जलाए जाते हैं, लेकिन इससे हवा में धुआं, धूल और प्रदूषण भी घुल जाता है। पटाखों से उठने वाला स्मॉग न सिर्फ आंखों में जलन पैदा करता है, बल्कि सांस लेने में परेशानी भी खड़ी कर सकता है। इससे बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा के मरीजों को बहुत परेशानी होती है।

ऐसे में अगर रोजाना सिर्फ 10 मिनट का योगाभ्यास किया जाए, तो आपके लंग्‍स मजबूत बन सकते हैं और शरीर को प्रदूषित हवा से लड़ने की ताकत भी मिल स‍िकती है। आज हम आपकाे बताएंगे क‍ि योगासन से हमारे फेफड़े कैसे मजबूत बन सकते हैं। साथ ही ये भी जानेंगे क‍ि आपको कौन-कौन से प्राणायाम करने चा‍ह‍िए। आइए जानते हैं -

लंग्‍स के लिए असरदार उपाय है योग

योग में सांस से जुड़े प्राणायाम सबसे ज्‍यादा असरदार होते हैं। ये फेफड़ों के काम करने की क्षमता को बढ़ाते हैं। साथ ही शरीर में ऑक्सीजन के लेवल को भी बेहतर बनाते हैं। शोध बताते हैं क‍ि अगर आप कुछ प्राणायाम को अपने रूटीन में शाम‍िल करती हैं तो इससे आपको फायदा जरूर मि‍लेगा।

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अनुलोम-विलोम प्राणायाम

अनुलोम-विलोम प्राणायाम को अल्‍टरनेट नॉस्‍ट्र‍िल ब्रीद‍िंग (alternate nostril breathing) भी कहा जाता है। एक नाक से सांस लेकर दूसरे से छोड़ने की ये प्रक्रिया फेफड़ों की सफाई करती है और ऑक्सीजन का संतुलन बनाए रखती है। रोज पांच मिनट तक ये प्राणायाम करने से सांस फूलने की समस्या में राहत मिलती है।

yoga for healthy lungs (1)

भस्त्रिका प्राणायाम

इसे सांसों का ब्लोअर भी कहा जाता है क्योंकि इसमें तेज और गहरी सांसें ली और छोड़ी जाती हैं। इससे लंग्‍स के मसल्स मजबूत होते हैं और प्रदूषित हवा का असर कम होता है। नियमित भस्त्रिका करने से फेफड़ों की क्षमता में सुधार आता है और सांस लेने की ताकत बढ़ती है।

फेफड़ों को खोलने वाले आसान योगासन

भुजंगासन: पेट के बल लेटकर हाथों की मदद से शरीर का ऊपरी हिस्सा ऊपर उठाना। इससे सीने की मांसपेशियां खुलती हैं और फेफड़ों तक हवा आसानी से पहुंचती है।

मत्स्‍यासन: इस आसन में पीठ के बल लेटकर छाती को ऊपर की ओर उठाया जाता है। यह फेफड़ों में जमी जकड़न को दूर करता है और सांस लेना आसान बनाता है।

सेतु बंधासन: ये आसन सीने को ऊपर उठाने में मदद करता है जिससे ऑक्सीजन का लेवल बेहतर होता है और शरीर में ताजगी महसूस होती है।

उष्ट्रासन: ये आसन फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए बेहतरीन माना जाता है। इसमें शरीर पीछे की ओर झुकता है, जिससे छाती पूरी तरह खुल जाती है और फेफड़ों में ऑक्‍सीजन का लेवल बढ़ता है।

आपको बता दें क‍ि सुबह-सुबह जब हवा थोड़ी साफ होती है, तब योगाभ्यास करना सबसे बेहतर माना जाता है। इससे पूरे दिन फेफड़े एक्टिव रहते हैं और सांस से जुड़ी द‍िक्कतें भी कम होती हैं।

मन को भी देगा सुकून

दि‍वाली के समय चारों तरफ चहल-पहल और शोर रहता है, लेकिन ये 10 मिनट आपके लिए एक शांत कोना बन सकते हैं। ये छोटा-सा अभ्यास न सिर्फ शरीर को बल्कि मन को भी हल्का बनाता है। धीरे-धीरे आप महसूस करेंगी कि न सिर्फ सांस लेना आसान हुआ है, बल्कि तनाव भी कम हो गया है।

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अगर आपको अपने फेफड़ों को मजबूत बनाना है तो इन योगासनों का अभ्‍यास करना शुरू कर दीजि‍ए। इससे आपको खुद फर्क मालूम चलेगा। साथ ही अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- Freepik/AI Generared

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