सुबह नहीं रात को खाने के बाद करें ये योग, वजन होगा कम और दिखेंगी स्लिम

अगर आपको सुबह के समय योग करने का समय नहीं मिलता है तो वजन कम करने के लिए रात को खाने के बाद एक्‍सपर्ट के बताए योगासन करें।  

yoga after dinner hindi
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Verified by Himalayan Siddha, Akshar

रात्रि का भोजन सोने से कम से कम 3 घंटे पहले किया जाना चाहिए। भोजन के तुरंत बाद सोने से वजन बढ़ता है‌ क्योंकि शरीर को डाइजेशन के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है। लेकिन आप खाने के बाद भी कुछ योगासन को करके अपने वजन को कम और डाइजेशन को दुरुस्‍त कर सकती हैं। इन योगासन के बारे में हमें योग मास्टर, स्पिरिचुअल गुरु और लाइफस्टाइल कोच, ग्रैंड मास्टर अक्षर जी बता रहे हैं। आइए वेट लॉस के लिए रात को खाने के बाद किए जाने वाले कुछ योगासन के बारे में जानें।

वज्रासन

yoga after dinner vajrasana

वज्रासन का नाम संस्कृत शब्द वज्र से लिया गया है, जिसका अर्थ है हीरा या वज्र। आसन का अर्थ है मुद्रा, और इसे एडमिंटाइन आसन भी कहा जाता है। यह आसन भोजन के तुरंत बाद भी किया जा सकता है।

वज्रासन वज्र नाड़ी को एक्टिव करता है जो अच्छे डाइजेशन को बढ़ावा देता है और लिवर के कार्यों में मदद करता है। इसके कई लाभों में से, यह साइटिका, तंत्रिका मुद्दों और अपचन की स्थिति से छुटकारा पाने में मदद करता है। वज्रासन शरीर के निचले हिस्से- जांघों और पैरों में ब्‍लड के फ्लो को बाधित करता है। पेल्विक एरिया और पेट में ब्‍लड फ्लो बढ़ जाता है जिससे मल त्याग और डाइजेशन बेहतर हो जाता है। वास्तव में, यह भोजन करने के ठीक बाद किया जाना चाहिए।

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विधि

  • सीधी खड़ी होकर शुरुआत करें।
  • आगे झुकें और धीरे से घुटनों को चटाई पर रखें।
  • पेल्विक को एड़ी पर रखें और पैर की उंगलियों को बाहर की ओर इंगित करें।
  • यहां, जांघों से पैर की मसल्‍स को दबना चाहिए।
  • एड़ियों को एक दूसरे के पास रखें।
  • पैर की उंगलियों को एक दूसरे के ऊपर न रखें, इसके बजाय दाएं और बाएं एक दूसरे के बगल में होने चाहिए।
  • हथेलियों को घुटनों पर ऊपर की ओर रखें।
  • पीठ को सीधा करें और आगे देखें।
  • इस आसन को कुछ देर तक रोक कर रखें।

सावधानी

  • सांस लेने की विधि धीरे-धीरे श्वास लें और छोड़ें।
  • पैर या घुटने में चोट लगने की स्थिति में इसे नहीं करना चाहिए।

फायदे

  • यह आसन डाइजेशन में मदद करता है। यही एकमात्र आसन है जिसका अभ्यास भोजन करने के तुरंत बाद किया जा सकता है।
  • इसे करने से वजन और पेट की चर्बी को कम करने में मदद मिलती है।
  • पैर की मसल्‍स को दूसरे हृदय के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि हमारी गतिशीलता पैरों की मसल्‍स की ताकत से निर्धारित होती है।
  • वज्रासन हमारे पैर की मसल्‍स को गतिमान करता है।
  • आसन पैरों, टखनों और नी कैप को आराम देता है और मजबूत करता है।
  • टखनों को फ्लेक्स किया जाता है।
  • नी कैप्स को लुब्रिकेट करता है।
  • ध्यान और प्राणायाम के लिए अच्छी मुद्रा है।

यहां कुछ और कोमल पोज़ दिए गए हैं जिन्हें रात के खाने के बाद किया जा सकता है-

सुखासन

Sukhasana for weight loss

  • पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठें।
  • दाहिने पैर को मोड़ें।
  • दूसरे पैर को मोड़ें और एक क्रॉस बनाएं।
  • पीठ को सीधा करें।
  • हथेलियों को घुटनों पर रखें।
  • दूसरे पैर से भी यही दोहराएं।

फायदे

  • लंबे समय तक रखने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
  • खुशी और सकारात्मकता की भावना को बढ़ावा देता है।
  • दिमाग को शांत करता है।
  • चिंता, तनाव और मानसिक थकान को कम करता है।
  • शरीर की मुद्रा में सुधार करता है।
  • नियमित अभ्यास घुटनों को सख्त होने से रोकता है।

समस्थिति

Samasthithi for weight loss

  • पैरों को एक साथ रखकर खड़ी हो जाएं।
  • रीढ़ की हड्डी को संरेखित रखें और मुद्रा को सीधा रखें।
  • कंधों को आराम दें।
  • बाजुओं को शरीर के बगल में फैलाएं और उन्हें बिना संपर्क के आने दें।
  • आंखें बंद करें।

फायदे

  • यह शरीर को तैयार करता है और मन को शांत करता है।
  • यह पूरे शरीर की मुद्रा में सुधार करता है।
  • आत्म-जागरूकता पैदा करता है।

कई अध्ययन किए गए हैं जो यह भी सलाह देते हैं कि भोजन के बाद 10-15 मिनट की छोटी सैर हमारे लिए अत्यधिक फायदेमंद है। यह न केवल डाइजेशन प्रक्रिया को लाभ पहुंचाता है बल्कि स्वस्थ ब्‍लड शुगर लेवल को बनाए रखने में भी मदद करता है।

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खाना खाने के तुरंत बाद सोना कई कारणों से खतरनाक होता है। पाचन तंत्र को भोजन को संसाधित करने और सिस्टम में सूक्ष्म और स्थूल पोषक तत्वों को कुशलतापूर्वक अवशोषित करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता है। इससे कब्ज, सूजन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं आदि जैसी समस्याएं होती हैं।

वज्रासन सबसे बुनियादी आसनों में से एक होने के कारण दिन के किसी भी समय, बिना किसी सूक्ष्म व्यायाम के अभ्यास किया जा सकता है। हालांकि, भोजन के बाद आदर्श समय होगा। यदि सूर्य नाड़ी (सूर्य चैनल) पर दबाव डालना चाहती हैं, तो बाएं पैर के अंगूठे को दाहिने पैर के अंगूठे पर आराम से रहने दें और जब चंद्र नाडी पर दबाव पड़े तो दाएं पैर के अंगूठे को बाईं ओर रखें। यह कब्ज से राहत देता है और शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण की सुविधा के लिए भी जाना जाता है।

आप भी इन योगासन को करके अपने वजन को कम करने के साथ-साथ पेट से जुड़ी समस्‍याओं को दूर कर सकती हैं। योग से जुड़ी ऐसी ही और जानकारी के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।

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Image Credit: Shutterstock

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