हम खुद को फिट तो रखना चाहते हैं लेकिन अच्छी तरह से देखभाल करने के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। जिससे हमें कई तरह की समस्याएं घेरने लगती हैं। इसलिए समय-समय पर हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताते हैं जिसे आप घर पर आसानी से करके फिट और लंबे समय तक अपनी हेल्थ को दुरुस्त रख सकते हैं।
जी हां, हम स्पाइडर पोज के बारे में बात कर रहे हैं। इसे कुछ लोग उत्कट कोणासन वेरिएशन के नाम से भी जानते हैं। इसकी जानकारी हमें फिटनेस एक्सपर्ट प्रियंका जी दे रही हैं। स्पाइडर पोज (उत्कटा कोणासन वेरिएशन या उत्तानासन क्रॉस्ड हेंड्स ऑन फ्लोर) मूलभूत मुद्रा उत्कटा कोणासन में एक चुनौतीपूर्ण फॉरवर्ड फोल्ड है।
स्पाइडर पोज
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इसे करते हुए शरीर बैठने की चौड़ी पोजीशन में होता है जिससे निचले हिस्से की ताकत पंजों पर रखते हुए ऊपरी शरीर नीचे की ओर मुड़ा हुआ होता है और हाथों को सामने की ओर रखते हुए, बाहरी हथेलियों को जमीन पर टिकाते हुए, मकड़ी के आकार जैसा होता है।
इसलिए इसका नाम स्पाइडर पोज है। इस हिप्स ओपनर मुद्रा के लिए जागरूकता और ध्यान के साथ-साथ अंतिम स्थिति में स्थिरता और संतुलन खोजने के लिए एक अच्छी ताकत की आवश्यकता होती है। इसलिए, जोड़ों को गति देने और शरीर को इस इंटरमीडिएट लेवल पोज में स्वतंत्र रूप से प्रवाहित करने के लिए जोड़ों को मुक्त करने के योग के साथ वार्म-अप करना जरूरी होता है।
बैलेंस पोज और फॉरवर्ड बेंड पोज दोनों के रूप में, स्पाइडर पोज शक्ति और बैलेंस ट्रेनिंग का एक मजेदार और रचनात्मक कॉम्बिनेशन है जो पूरे शरीर को मजबूत करते हुए एनर्जी और आत्मविश्वास को बढ़ाता है। यद्यपि बैलेंस बनाए रखने के लिए कुछ प्रयासों की आवश्यकता होती है क्योंकि इस स्ट्रेच में शरीर कर्ल करता है, सांस की जागरूकता पर ध्यान केंद्रित करना शांत बनाए रखने की कुंजी है।
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आध्यात्मिक रूप से, यह रूट चक्र और त्रिक चक्र को एक्टिव करने में मदद करता है, जिससे आपकी देखभाल करने की क्षमता विकसित होती है। इसलिए भौतिक लाभों के अलावा, इस मुद्रा का गहरा प्रतीकात्मक महत्व भी है। यह हमें जीवन के माध्यम से रास्ता बुनने की कला सिखाता है क्योंकि मकड़ी एक जटिल वेब बुनती है, कताई करती है और प्रतीत होता है कि कुछ भी नहीं है।
स्पाइडर पोज के फायदे
- कंधे की मसल्स को एक्टिव करता है।
- कोर की मसल्स को मजबूत और एक्टिव करें।
- मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- फोकस और समन्वय में सुधार करता है।
- एनर्जी को बढ़ाता है और आत्मविश्वास का निर्माण करता है।
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इसे करने से हिप्स, घुटने और टखनों को भी फायदा मिलता है। शरीर के निचले हिस्से को ताकत देने और रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाने के लिए रोजाना इसका अभ्यास करना बहुत फायदेमंद होता है। रिप्रोडक्टिव अंगों से जुड़ी समस्याओं में यह पोज बहुत फायदेमंद माना जाता है।
स्पाइडर पोज की विधि
- इसे करने के लिए सबसे पहले आराम से पैरों के बीच समान दूरी बनाकर खड़ी हो जाएं।
- इसके बाद हाथों को आराम देते हुए पैरों के बीच में 3 फीट की दूरी बनाएं।
- पैरों को बराबर रखते हुए उंगलियों को बाहर की तरफ मोड़ें और एडियों को शरीर के पास रखें।
- फिर घुटनों को मोड़ते हुए हिप्स को नीचे की ओर लेकर जाएं।
- अब हाथों को नीचे लेकर जाएं और क्रॉस करते हुए जमीन को टच करें।
- इसके बाद चेस्ट को आगे की तरफ करते हुए कंधे को थोड़ा पीछे की ओर रखें।
- इसी पोजीशन में रहकर सामान्य व गहरी सांस लें।
- सांस छोड़ने के बाद पेट को सिकोड़ें और पीठ के हिस्से को नीचे की तरफ दबाएं।
- इसके बाद आराम से पोज को रिलीज करते हुए नॉर्मल पोज में आ जाएं।
आप भी स्पाइडर पोज को करके ये सारे फायदे पा सकती हैं। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें, साथ ही कमेंट भी करें। फिटनेस से जुड़े ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Shutterstock
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