पीरियड्स एक सामान्य शारीरिक घटना है और हम सभी हर महीने पीरियड्स को एक्सपीरियंस करते हैं। यह एक ऐसा दौर होता है, जब आप खुद को अधिक थका हुआ, चिड़चिड़ा या दर्द महसूस कर सकते हैं। यही कारण है कि पीरियड्स के उन दिनों में हम सभी अपने वर्कआउट रूटीन को स्किप कर देते हैं।
इतना ही नहीं, पीरियड्स में वर्कआउट को लेकर हम तरह-तरह की बातें सुनते हैं और आंख मूंदकर उस पर भरोसा भी कर लेते हैं। लेकिन जब पीरियड्स में आप ऑफिस जाना नहीं छोड़तीं या फिर अपने घर के कामों से मुंह नहीं मोड़तीं तो एक्सरसाइज रूटीन को क्यों स्किप किया जाए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको पीरियड्स के दौरान एक्सरसाइज करने से जुड़े कुछ पॉपुलर मिथ्स और उनकी सच्चाई के बारे में बता रहे हैं-
सच्चाई- आपको शायद जानकर हैरानी हो, लेकिन पीरियड्स में इससे ठीक विपरीत होता है। न्यूजीलैंड में किए गए एक रिचर्स के अनुसार, पीरियड्स के दौरान आपके हार्मोन लो फेज़ में होते हैं। इसका मतलब है कि आपकी दर्द सहने की क्षमता सामान्य से अधिक है और ऐसे में आप वर्कआउट के बाद खुद को अधिक तेजी से रिकवर कर पाते हैं। इसलिए, अब आपको यह सोचकर अपने वर्कआउट रूटीन को छोड़ने की जरूरत नहीं है कि इसे करने से आप आसानी से थक जाएंगे। लेकिन आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आप पीरियड्स के दौरान इंटेंस वर्कआउट ना करे।
सच्चाई- यह एक कॉमन मिथ है, जिस पर हम सभी भरोसा करते हैं। लेकिन वास्तव में इस मिथ में कोई सच्चाई नहीं है। पीरियड्स में फ्लो और वर्कआउट का कोई संबंध नहीं है। आप अगर वर्कआउट नहीं भी करती हैं तो भी पीरियड्स के शुरुआती दिनों में आपको हैवी फ्लो होता है। आप चाहकर भी उसे रोक नहीं सकतीं या फिर कम नहीं कर सकतीं। इसलिए, आप हैवी फ्लो के लिए अपने वर्कआउट रूटीन को दोष ना दें।
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सच्चाई- यह एक ऐसा मिथ है, जिसे आपने शायद पीरियड्स शुरू होने के बाद हमेशा ही दूसरों से सुना हो। जबकि वास्तव में इस बात में भी कोई सच्चाई नहीं है। ऐसी कोई रिचर्स या स्टडी नहीं है, जो यह बात साबित करती हो कि पीरियड्स में वर्कआउट करने से आपको नुकसान हो सकता है। इससे उलट जब आप पीरियड्स में हल्की एक्सरसाइजकरती हैं तो इससे आपको थोड़ा आराम भी महसूस होता है, क्योंकि वर्कआउट के दौरान आपके हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं।
सच्चाई- यह सच है कि पीरियड्स में योग, प्राणायाम या मेडिटेशन करने से आपको काफी रिलैक्स महसूस होता है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप योग के अलावा अन्य वर्कआउट नहीं कर सकती हैं। पीरियड्स में भी आप अपने वर्कआउट रूटीन ट्रेडमिल से लेकर साइकिलिंग आदि को शामिल कर सकती हैं। आप इस अवस्था में लाइट वेट ट्रेनिंग भी कर सकती हैं। हालांकि, अगर आप असमंजस में हैं तो ऐसे में आप इस दौरान ट्रेनर की मदद लें।(प्राणायाम करने के फायदे)
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तो अब आप भी इन मिथ्स पर भरोसा करना छोड़ें और किसी की कही-सुनी बातों पर यूं ही विश्वास ना करें।
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