बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं और जो अंग पहले नॉर्मल तरीके से काम करते थे, उन्हें ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। 60 की उम्र पार करने के बाद अपनी सेहत का ध्यान रखना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। क्या आप जानती हैं कि हमारे शरीर में एक 'दूसरा दिल' भी होता है? जी हां, यह कोई रूपक नहीं, बल्कि पिंडली की मसल्स हैं, जिन्हें 'सेकंड हार्ट' या पेरिफेरल हार्ट के नाम से जानते हैं।
पिंडली की मसल्स आपको सिर्फ चलने में सहारा ही नहीं देती हैं, बल्कि वे आपके दिल की सेहत के लिए भी जरूरी हैं। ये मसल्स पैरों से ब्लड को वापस दिल तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, खासकर जब आप हिलते-डुलते हैं या चलते हैं। यह हेल्प करने वाला ऐसा पंपिंग प्रोसेस है, जो दिल पर पड़ने वाले बोझ को कम करता है और पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सही करता है।
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हममें से ज्यादातर लोग खासकर बढ़ती उम्र में बहुत ज्यादा देर तक बैठे रहते हैं। ऐसा करने से पिंडलियों की मसल्स इनएक्टिव हो जाताी है, जिससे ब्लड का सर्कुलशन खराब हो जाता है। इससे पैरों में सूजन, टांगों मे दर्द और वैरिकाज वेन्स जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
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यदि आप चाहती हैं कि 60 की उम्र के बाद आपको पेरेंट्स या घर के बड़े-बुजुर्ग लंबा और हेल्दी जीवन जिएं, तो उनके 'दूसरे दिल' यानी पिंडलियों की मसल्स को एक्टिव करना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। पिंडली को मजबूत करने से पैरों से दिल की ओर ब्लड पंप करने वाले प्रोसेस में सुधार होता है, जो वैस्कुलर हेल्थ के लिए जरूरी है। आज योग और फिटनेस एक्सपर्ट 4 ऐसी आसान एक्सरसाइज के बारे मेंबता रही हैं, जिन्हें रोज कुछ मिनट करने से 'दूसरे दिल' को एक्टिवेट किया जा सकता है और हेल्थ से जुड़ी कई समस्याओं से बचा जा सकता है।
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यह काफ मसल्स को मजबूत बनाने वाली सबसे अच्छी और असरदार एक्सरसाइज है यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करती है और पैरों को एनर्जी देती है।
यह वेरिएशन पिंडली की मसल्स के कई हिस्सों पर काम करता है और पैरों में ब्लड फ्लो को और बेहतर बनाता है।
यह वेरिएशन भी पिंडली की मसल्स के अलग-अलग हिस्से पर काम करता है और मजबूती देता है।
इस एक्सरसाइज को आपने ब्लॉक की मदद से करना है। यह एक्सरसाइज पिंडली की मसल्स की स्पीड की पूरी रेंज पर काम करती है, जिससे वे ज्यादा मजबूत बनती हैं।
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अगर आपके माता-पिता एक्सरसाइज बिल्कुल नहीं करते हैं, तो उन्हें धीरे-धीरे शुरुआत करनी चाहिए। पहले कम रेपेटिशन और सेट करें, फिर धीरे-धीरे बढ़ाएं। इन एक्सरसाइज को रोज या हफ्ते में कम से कम 5 दिन करने से सबसे अच्छे रिजल्ट मिलेंगे। अगर कोई दर्द महसूस हो या अनकंर्फटेबल महसूस तो एक्सरसाइज उसी समय रोक दें। खुद के साथ जबरदस्ती न करें।
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Image Credit: Shutterstock & Instagram
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