बढ़ती उम्र में हर महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव दिखाई देते हैं। फाइन लाइन्स और झुर्रियों की तरह, ढीले ब्रेस्ट भी नेचुरल बदलाव है। हालांकि, ये बदलाव कुछ कारकों जैसे वेट लॉस, एस्ट्रोजेन की कमी, प्रेग्नेंसी, ब्रा के बिना एक्सरसाइज करना, स्मोकिंग आदि के कारण समय से पहले दिखाई देने लगते हैं।
अगर आप भी चाहती हैं कि समय से पहले ऐसे बदलाव दिखाई न दें, तो रोजाना ये 2 योगासन घर पर ही आसानी से करें। ये ब्रेस्ट को टोन और लिफ्ट करने में मदद करते हैं। इन योगासनों के बारे में हमें योग एक्सपर्ट जूही कपूर बता रही हैं। एक्सपर्ट का कहना है, ''योग चेस्ट की मसल्स को मजबूती देने और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने में मदद करता है, जिससे ब्रेस्ट टोन होती हैं।''
अर्ध उष्ट्रासन के फायदे (Half Camel Pose)
अर्ध उष्ट्रासन को हाफ कैमल पोज के नाम से भी जानते हैं। यह एक पीछे झुकने वाला पोज है, जो शरीर की कई समस्याओं को दूर करता है। योग मुद्रा का नाम संस्कृत के शब्दों अर्ध (अर्थात् आधा), उष्ट्र (अर्थात् ऊंट) और आसन (अर्थात् मुद्रा या आसन) से बना है।
अर्ध उष्ट्रासन कैसे करें?
- सबसे पहले वज्रासन में घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं।
- अब धीरे-धीरे घुटनों के बल खड़ी हो जाएं।
- पैरों को शरीर के पीछे सीधा रखें।
- बाजुओं को कंधे तक उठाएं।
- दाहिनी ओर थोड़ा मुड़ें और बाएं हाथ से दाहिनी एड़ी को पकड़ने की कोशिश करें।
- साथ ही, बाएं हाथ को सिर के ऊपर स्ट्रेच करें।
- स्ट्रेचिंग करते समय बाजुओं पर प्रेशर न डालें।
- सिर थोड़ा पीछे और आंखें ऊपर उठे हाथ पर टिकी होनी चाहिए।
- पहली पोजिशन में वापस आएं।
- एक राउंड पूरा करने के लिए दूसरी तरफ से दोहराएं।
- इस प्रक्रिया को 3-5 राउंड तक दोहराएं।
अर्ध उष्ट्रासन के फायदे
- पेट, कंधों और चेस्ट में स्ट्रेच आता है।
- लटकते ब्रेस्ट टोन होते हैं।
- पेट का लचीलापन बढ़ता है।
- ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है।
- हिप्स और थाइज की मसल्स मजबूत होती हैं।
- डाइजेशन में मजबूतीआती है।
- थायरॉइड ग्लैंड ठीक रहता है।
- त्वचा पर ग्लो आता है।
- पीठ दर्द से राहत मिलती है।
सीटेड कैट काउ पोज (Seated Cat Cow Pose)
कैट और काउ पोज को आसान मुद्रा माना जाता है। कैट पोज संस्कृत के शब्द मार्जरीआसन, 'मार्जय' से बना है, जिसका अर्थ बिल्ली है। काउ पोज संस्कृत के शब्द 'बिटिलासन', 'बिटिल' से आया है, जिसका अर्थ 'गाय' है।
हालांकि, कैट और काउ पोज दोनों आसन हथेलियों और घुटनों को फर्श पर रखकर किया जाता है। लेकिन, सीटेड कैट काउ पोज बैठकर किया जाता है, जिसमें संस्कृत में 'उपविस्थ' का अर्थ 'बैठना' है।
सीटेड कैट काउ पोज कैसे करें?
- इसे करने के लिए सुखासन में पैरों को क्रॉस करके बैठ जाएं।
- शरीर को ऊपर की ओर उठाते हुए रीढ़ को स्ट्रेच करें।
- हाथों को घुटनों पर रखें।
- फिर सिर झुकाएं।
- अब पहले पेट को अंदर और फिर ऊपर की ओर स्ट्रेच करें।
- चिन को चेस्ट से लगाएं और घुटनों पर हाथों से प्रेशर बनाते हुए कंधों और चेस्ट को अंदर की ओर स्ट्रेच करें।
- ऊपर की ओर देखें, पीठ को झुकाएं और चेस्ट को फुलाएं।
- इस पोजिशन को कुछ देर होल्ड करें।
- फिर वापस सीटेड काउ पोज में आ जाएं।
- रीढ़ को अंदर और गर्दन को ऊपर की ओर लेकर जाएं।
- फिर पूरी पीठ को गोल करें और नाभि को रीढ़ की ओर स्ट्रेच करें ताकि मुद्रा को थोड़ा और गहरा किया जा सके।
- इसे बहुत धीरे-धीरे और सावधानी से करना चाहिए, क्योंकि नाभि को अचानक अंदर की ओर धकेलने से पेट में ऐंठन या असुविधा हो सकती है।
- धीरे-धीरे शरीर और पैरों को सामने फैलाते हुए छोड़ें और रिलैक्स करें।
सीटेड कैट काउ पोज के फायदे
- इसे करने से मसल्स में स्ट्रेच आता है।
- ब्रेस्ट में कसाव आता है।
- पाचन सही रहता है।
- सांसों से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।
- तनाव दूर होता है।
- पीरियड्स में होने वाला दर्द दूर होता है।
- घुटनों के दर्द से राहतमिलती है।
- रीढ़ की हड्डी में मजबूती आती है।
इन आसनों को रेगुलर करने के साथ लाइफस्टाइल में बदलाव से चेस्ट की मसल्स टोन होती हैं और पोश्चर में सुधार होता है, जिससे ब्रेस्ट सुडौल दिखाई देते हैं। हालांकि, इस बात का ध्यान रखना होगा कि ब्रेस्ट टोनिंग के लिए अकेले योग मदद नहीं कर सकता है। इसके लिए आपको सही डाइट और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की भी जरूरत होती है।
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