हमारा शरीर भोजन और तरल पदार्थों से पोषक तत्वों को अवशोषित करता है ताकि यह ठीक से काम कर सके। अधिकांश विटामिन्स और मिनरल्स जिनकी हमारे शरीर को आवश्यकता नहीं होती है, ब्लड द्वारा किडनी तक पहुंचाए जाते हैं। किडनी इन अतिरिक्त पोषक तत्वों को छानकर यूरिन के माध्यम से बाहर निकाल देती हैं। फिर भी, कुछ पोषक तत्व किडनी में जमा हो जाते हैं और नुकसान पहुंचा सकते हैं। यदि किसी को पहले से ही किडनी से जुड़ी बीमारी होती है, तो किडनी फेलियर हो सकता है।
इसलिए हेल्दी किडनी के लिए डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, होल व्हीट ब्रेड, ब्राउन राइस, केला, डेयरी प्रोडक्ट्स, प्रोसेस्ड मीट, अचार, टमाटर और आलू जैसे फूड्स से बचने की कोशिश करें। आज हम आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं, जिनसे दूरी बनाकर आप किडनी को हेल्दी रख सकते हैं। इनके बारे में हमें नूट्रिशनिस्ट, डाइटिशियन और फिटनेस एक्सपर्ट मनीषा चोपड़ा जी बता रही हैं।
डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ
आमतौर पर डिब्बाबंद चीजों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए प्रिजर्वेटिव के रूप में ज्यादा नमक डाला जाता है, जिसके परिणामस्वरूप अधिकांश डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में सोडियम की मात्रा अधिक होती है। किडनी की बीमारी से परेशान लोगों को अक्सर सलाह दी जाती है कि नमक की मात्रा अधिक होने के कारण डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
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होल व्हीट ब्रेड
फाइबर से भरपूर होने के कारण होल व्हीट ब्रेड बहुत पौष्टिक होती है। हालांकि, किडनी की बीमारी वाले लोगों के लिए होल व्हीट ब्रेड की तुलना में व्हाइट ब्रेड ज्यादा पसंद की जाती है। यह इसकी पोटेशियम और फास्फोरस सामग्री के कारण होता है। चोकर और साबुत अनाज के कारण होल व्हीट ब्रेड में फास्फोरस और पोटेशियम की मात्रा बढ़ जाती है।
आलू
अगर आपको किडनी की समस्या है तो आपको आलू से दूर रहना चाहिए क्योंकि यह पोटेशियम से भरपूर होता है।
ब्राउन राइस
होल व्हीट ब्रेड की तरह ब्राउन राइस एक ऐसा साबुत अनाज है जिससे किडनी की बीमारी वाले लोगों को बचना चाहिए क्योंकि इसमें व्हाइट चावल की तुलना में अधिक पोटेशियम और फास्फोरस होता है।
केला
केले में भरपूर मात्रा में पोटैशियम होता है। नेचुरली सोडियम की मात्रा कम होने के बावजूद, एक मीडियम साइज के केले में 422 मिलीग्राम पोटैशियम होता है।
डेयरी प्रोडक्ट्स
ये प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं और फॉस्फेट और पोटेशियम का प्राकृतिक स्रोत हैं। जब अन्य फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थों के साथ मिलाया जाता है, तब डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन किडनी की बीमारी वाले लोगों में हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
प्रोसेस्ड मीट
इसमें मौजूद प्रिजर्वेटिव के कारण प्रोसेस्ड मीट को अनहेल्दी माना जाता है। इसके अलावा, स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमें नमक का इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जाता है।
अचार
अक्सर अचार बनाने या पकाने की प्रक्रिया के दौरान बहुत सारा नमक डाला जाता है। इस वजह से अचार से परहेज करना चाहिए।
टमाटर
टमाटर में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है जो किडनी के लिए अच्छी नहीं होती है।
निष्कर्ष
सोडियम और पोटेशियम से भरपूर चीजों के सेवन से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि जब किडनी ठीक से काम नहीं कर रही होती है, तब अतिरिक्त पोटैशियम या नमक को निकालना मुश्किल हो जाता है।
किडनी के कामकाज को बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका डाइट में बहुत सारे फल, सब्जियों, पौष्टिक अनाज और थोड़ी मात्रा में प्रोटीन को शामिल करना है। इसके अलावा, रेगुलर एक्सरसाइज करना भी बेहद जरूरी होता है। फिर भी, यदि कोई व्यक्ति किडनी की बीमारी से पीड़ित है, तो रीनल डाइट से बीमारी की प्रगति को धीमा और इसे खराब होने से रोका जा सकता है।
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ब्लड शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर और ब्लड कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करने के लिए, रीनल डाइट को अक्सर डायबिटीज और हार्ट हेल्दी डाइट के साथ जोड़ा जाता है। किडनी की बीमारी के कारण डायबिटीज और हार्ट डिजीज जैसी अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं। यदि कोई ऐसी डाइट पर ध्यान केंद्रित करता है जो सभी बीमारियों को दूर करने में मदद करती है, तो किडनी का काम अच्छी तरह से हो सकता है।
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हेल्दी किडनी के लिए बेस्ट फूड्स में फूलगोभी, ब्लूबेरी, अंडे का सफेद भाग, ऑलिव ऑयल, गोभी, शिमला मिर्च, मूली और लहसुन शामिल हैं।
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