अगर है PCOS की समस्या तो अपनी डाइट में जरूर शामिल करें ये चीज़ें

अगर आपको पीरियड्स से संबंधित कोई समस्या है या फिर पीसीओएस और पीसीओडी से ग्रस्त हैं तो डाइट में बदलाव जरूरी है। 

 

how protien can help with pcos

पीसीओएस या जिसे पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम भी कहा जाता है वो एक तरह की हार्मोनल कंडीशन है जिससे अधिकतर महिलाएं परेशान रहती हैं। ये वो बीमारी है जो रिप्रोडक्टिव उम्र में लोगों को परेशान करती है। इसके कारण पीरियड्स का ऊपर-नीचे होना, शरीर में अत्यधिक बाल होना, वजन बढ़ना, चेहरे पर दाने आदि होना बहुत आम बात है। पीसीओएस कई बड़ी समस्याओं को भी जन्म दे सकता है जैसे आपके यूट्रस में कोई सिस्ट हो जाए या फिर आपके पीरियड्स की समस्या ज्यादा ही बढ़ जाए।

ऐसे समय में कई बार डाइट और फिजिकल फिटनेस काफी मददगार साबित होती है। कई महिलाओं को इसके लिए दवाएं भी लेनी होती हैं पर कई के साथ सिर्फ लाइफस्टाइल के बदलाव ही काम कर जाते हैं। ऐसे में ये जरूरी है कि आप अपनी डाइट में बेहतर बदलाव लाएं, लेकिन क्या आप जानती हैं कि पीसीओएस के लिए किस तरह की डाइट मददगार साबित हो सकती है?

सेलेब न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पीसीओएस से जुड़ी कुछ जानकारी शेयर की है। पूजा मखीजा के अनुसार पीसीओएस के लिए हमेशा प्रोटीन डाइट मददगार साबित हो सकती है।

उन्होंने अपनी पोस्ट में तीन अहम कारण बताए हैं जिनके कारण प्रोटीन ज्यादा जरूरी साबित हो सकता है।

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1. मेटाबोलिक सिंड्रोम को करेगा कंट्रोल-

आपके शरीर में कई ऐसी चीजें होती हैं जिनके कारण हेल्थ कंडीशन असर करती है। अगर मेटाबोलिक सिंड्रोम की बात करें तो ये आपके भूख लगने के प्रोसेस को चेंज करता है। प्रोटीन से glucagon जैसे पेप्टाइड 1 का प्रोडक्शन होता है और इससे आपको बार-बार भूख नहीं लगती है। ये शरीर में ऐसे हार्मोन पैदा करता है जिससे पेट भरा हुआ लगता है और इससे अगर आपको बहुत ज्यादा फूड क्रेविंग्स होती हैं तो उससे भी बचा जा सकता है।

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2. ब्लड शुगर लेवल को करेगा कंट्रोल-

प्रोटीन का एक और बड़ा काम ये है कि ये आपके शरीर के ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखता है। सभी तरह के फूड्स गाइसेमिक रिस्पॉन्स ट्रिगर करते हैं और ऐसे में शरीर में ब्लड शुगर लेवल काफी बढ़ सकता है। अगर आपके शरीर में प्रोटीन है तो ये आसानी से डाइजेस्ट नहीं होगा और पेट जल्दी खाली नहीं होगा। ये धीरे-धीरे शरीर में डाइजेस्ट होता है और ब्लड शुगर लेवल कम ही रहता है।

3. इंसुलिन रिस्पॉन्स को रखता है कंट्रोल-

ब्लड शुगर लेवल अगर आपके शरीर में बढ़ता है तो इससे इंसुलिन रिस्पॉन्स भी ज्यादा बढ़ता है। अगर शरीर में सही मात्रा में प्रोटीन रहेगा तो ये इंसुलिन रिस्पॉन्स को कम कर सकेगा और इससे आपके शरीर में इंसुलिन रिस्पॉन्स सही होगा। ऐसे में ना तो ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ेगा और ना ही ज्यादा कम होगा। सही मात्रा में प्रोटीन आपके शरीर को सही तरह से बैलेंस करने में मदद कर सकता है। ऐसे में अगर एकदम से भूख लगती भी है तो भी ब्लड शुगर लेवल काफी कम नहीं होगा और ऐसे में चक्कर आने और कमजोरी होने जैसी समस्याएं नहीं होंगी।

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पीसीओएस के साथ आपको गैस से जुड़ी समस्याएं भी होती हैं और उसके लिए ये बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से एक बार बात कर लें। पीसीओएस के साथ इनफर्टिलिटी की समस्या भी होती है और इसलिए ये जरूरी है कि इसे लेकर ठीक तरह की गाइडेंस मिले। कई मामलों में ओरल एंटी-एस्ट्रोजेन मेडिसिन की जरूरत होती है और सिर्फ यही नहीं कई हाई हार्मोनल डोज दिए जाते हैं। इसलिए अपने हिसाब से इसके लिए कोई दवा नहीं लेनी चाहिए और हमेशा एक्सपर्ट की मदद लेनी चाहिए।

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अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है या पीरियड्स को लेकर कोई प्रॉब्लम है तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

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