अति किसी भी चीज की बुरी होती है, खान-पान के संबंध में भी यह बात पूरी तरह से लागू होती है। जैसे कि सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माने जाने वाले अखरोट का सेवन भी कुछ लोगों के लिए हानिकारक साबित होता है। इस आर्टिकल में हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं कि किन परिस्थितियों में अखरोट का सेवन फायदेमंद होने के बजाय नुकसानदेह (side effects of eating walnuts) हो सकता है।
बता दें कि हमने इस बारे में लखनऊ के जनरल फिजिशियन डॉ. बृजेंद्र सिंह से बात की है और उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं। डॉ. बृजेंद्र सिंह बताते हैं कि अखरोट में विटामिन ई, हेल्दी फैट्स, फाइबर के साथ ही शरीर के लिए जरूरी खनिज तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। ऐसे में अखरोट एक स्वास्थ्यवर्धक सूखा मेवा माना जाता है, जो स्किन, दिल और दिमाग के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।
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पर इसके साथ ही ध्यान देने वाली बात यह भी है कि कई सारे पौष्टिक तत्वों के साथ ही अखरोट में कुछ ऐसे यौगिक भी पाए जाते हैं जिनके चलते कुछ विशेष स्वास्थ्य परिस्थितियों में इसका सेवन नुकसानदेह साबित होता है। यहां हम आपको ऐसी ही कुछ स्वास्थ्य समस्याओं और परिस्थितियों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे पीड़ित लोगों के लिए अखरोट का सेवन हानिकारक हो सकता है। तो चलिए इनके बारे में जरा विस्तार से जानते हैं।
किडनी की समस्या
अखरोट में ऑक्सलेट नामक यौगिक पाया जाता है, जो कि अपने आप में किडनी में पथरी की मुख्य वजह है। ऐसे में अगर किसी को पहले से ही किडनी में पथरी की समस्या है तो उसे खासतौर पर अखरोट के सेवन से दूरी बनानी चाहिए। वहीं किडनी संबंधी दूसरी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए भी बेहतर होगा कि वो अखरोट का सेवन सीमित रूप में ही करें। बता दें कि अखरोट के साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियों, नट्स, बीज, अनाज और फलियों में भी ऑक्सलेट पाया जाता है। इसलिए किडनी के मरीजों को भी इनके सेवन में सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
हाई बीपी की समस्या
अखरोट में टायरामाइन नामक अमीनो एसिड पाया जाता है, जिसकी अधिकता होने पर हृदय गति असंतुलित होने के साथ ही हाई बीपी की समस्या हो सकती है। इसलिए जिन लोगों को हाई बीपी की समस्या रहती है, उन्हें भी अखरोट का सेवन सोच-समझकर ही करना चाहिए।
पाचन संबंधी समस्याएं
अखरोट का अधिक सेवन पाचन संबंधी समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। दरअसल, अखरोट में मौजूद ऑक्सलेट पाचन के लिए भी हानिकारक होता है। ऐसे में शरीर में ऑक्सलेट की अधिकता होने पर पेट में दर्द, अपच, गैस और दस्त की समस्याएं हो सकती हैं।
हृदय संबंधी रोग
अखरोट में वसा की अधिकता होती है, जबकि वसा की अधिकता प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही रूप में दिल के रोगियों के लिए घातक साबित होती है। इसलिए हृदय संबंधी रोगों से पीड़ित लोगों को भी अखरोट का सेवन सीमित रूप में ही करना चाहिए।
वजन बढ़ने की समस्या
अखरोट एक हाई कैलोरी फूड है, जिसका सेवन वजन बढ़ाने में सहायक माना जाता है। ऐसे में जिन लोगों का पहले से ही वजन बढ़ा हुआ है, उन्हें अखरोट का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
मुंह में छाले
अखरोट की तासीर गर्म होती है। ऐसे में इसका अधिक सेवन करने से शरीर की गर्मी बढ़ सकती है और मुंह में छाले की समस्या जन्म ले सकती है। इसलिए जिन लोगों को गर्मियों में अक्सर मुंह में छाले की समस्या होती हैं, उन्हें विशेषतौर पर अखरोट के अधिक सेवन से बचना चाहिए।
स्किन संबंधी समस्याएं
अखरोट का अधिक सेवन स्किन एलर्जी का भी कारण बन सकता है। दरअसल, इसमें मौजूद ऑक्सलेट के चलते सेंसिटिव स्किन वाले लोगों को स्किन एलर्जी की समस्या हो सकती है। वहीं तेल और वसा की अधिकता के कारण कील-मुहांसे की समस्या भी जन्म ले सकती है। इसलिए अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है तो भी आपको अखरोट के सेवन में सतर्कता बरतने की जरूरत है।
गौरतलब है कि किसी भी चीज की अधिकता ही उसके नुकसानदेह बनने की वजह बनती है। यही बात अखरोट के सेवन के संबंध में भी लागू होती है। इसलिए अगर इससे होने वाले किसी भी तरह के नुकसान से बचना है तो बेहतर होगा कि इसका सेवन संतुलित मात्रा में ही किया जाए।
उम्मीद करते हैं कि सेहत से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करना न भूलें।
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