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साइंस भी नहीं समझ पाई है भारत के इन 10 मंदिरों का रहस्य

भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जिनके रहस्यों को लोग आज भी समझ नहीं पाए हैं। आइए आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ मंदिरों के बारे में जिनके रहस्य को विज्ञान भी नकार नहीं पाया है।
Editorial
Updated:- 2025-10-28, 15:19 IST

हमारा देश भारत अनगिनत मंदिरों की भूमि है। विभिन्न समुदाय के लोग इन मंदिरों में पूजा-पाठ करते हैं और अपनी मुरादें पूरी करने की मन्नतें मांगते हैं। कई मंदिरों को लेकर ऐसी मान्यताएं हैं कि आप वहां जो भी मांगते हैं वो पूरा होता है, लेकिन इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो तर्क, विज्ञान और यहां तक कि प्रकृति के नियमों को भी चुनौती देते हैं। कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जहां ऐसी घटनाएं घटित होती हैं जो वास्तव में विज्ञान पर भी प्रश्न चिह्न लगाती हैं। ऐसे कई मंदिर हैं जहां देवता स्वयं प्रसाद ग्रहण करते हैं, कहीं समुद्र भगवान के आदेश पर शांत हो जाता है, तो किसी मंदिर में ऐसे गुप्त कक्ष हैं जिन्हें कभी खोला ही नहीं जा सकता है। ये मंदिर वास्तव में आस्था और हकीकत की सीमा से परे हो जाते हैं। जरा सोचिए कि क्या हो अगर जिन पत्थरों को हम सदियों से पूजते आए हैं वो मौन न होकर जीवित हो जाएं? क्या हो अगर वो पत्थर भी हमें देख रहे हों, हमारी हर प्रार्थना को सुन रहे हों और अपनी दिव्यता को साबित कर रहे हों। आइए जानें उन 10 मंदिरों के बारे में जिनके रहस्य वास्तव में दुनिया से अनजान हैं।

पनकाला नरसिंह स्वामी मंदिर, आंध्र प्रदेश

अगर हम आपसे कहें कि एक ऐसा मंदिर है जहां देवता सच में भक्तों द्वारा चढ़ाया गया प्रसाद देवता ग्रहण कर लेते हैं? आंध्र प्रदेश के पनकाला नरसिंह स्वामी मंदिर में भक्त शंख के माध्यम से गुड़ मिले पानी को सीधे भगवान नरसिंह के मुख में अर्पित करते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इस प्रसाद को ग्रहण करते समय एक ऐसी आवाज सुनाई देती है जिससे पता लगता है कि कोई कुछ पानी पी रहा हो। इससे भी ज्यादा चकित करने की बात यह है कि आमतौर पर जहां गुड़ होता है वहां चींटियां भी जरूर होती हैं, लेकिन इस मंदिर में एक भी चींटी नजर नहीं आती है। भगवान को अर्पित किए गए जल का आधा भाग वापस निकल आता है, जिसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।

जगन्नाथ मंदिर, ओडिशा

पुरी का जगन्नाथ मंदिर अपने आप में एक ऐसा रहस्य समेटे हुए है जिसे सुनकर किसी भी भक्त के रौंगटे खड़े हो सकते हैं। ऐसे कहा जाता है कि लकड़ी की मूर्ति के भीतर भगवान कृष्ण का वास्तविक हृदय सुरक्षित रूप में विराजमान है और आज भी मूर्ति से दिल धड़कने की आवाज सुनाई देती है।

jagannath temple puri

यही नहीं इस मंदिर की रसोई में जो कि विश्व की सबसे बड़ी रसोई मानी जाती है एक के ऊपर एक हांडी रखकर खाना पकाया जाता है, फिर भी सबसे ऊपर वाली हांडी का भोजन सबसे पहले पकता है। यही नहीं मंदिर का ध्वज हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है और आज भी मंदिर के ऊपर आकाश में कोई पक्षी उड़ने की हिम्मत नहीं करता। क्या यह संयोग मात्र है या खुद भगवान जगन्नाथ आज भी प्रकृति के नियमों को चुनौती देकर अपनी उपस्थिति का प्रमाण दे रहे हैं? वास्तव में ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब विज्ञान से भी परे है।

चनाक्कारी भगवती मंदिर-केरल

केरल के चनाक्कारी भगवती मंदिर में लोग केवल आशीर्वाद पाने नहीं आते हैं बल्कि भूत-प्रेत, श्राप और मानसिक अशांति से मुक्ति पाने के लिए जाते हैं। यहां की मुख्य देवी महालक्ष्मी मानी जाती हैं, लेकिन रात होते ही वे अपने भयंकर रूप जिन्हें बुराइयों का संहार करने वाली भद्रकाली कहा जाता है, उसमें परिवर्तित हो जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहां रोजाना ही हजारों लोग तंत्र-क्रियाओं के माध्यम से ठीक होते हैं। मंदिर परिसर में एक पवित्र वृक्ष भी है, जिसके तने में असंख्य लोहे के कीलें गड़ी हुई हैं। वहीं इस मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य है गुरी पूजा। रात 8 बजकर 45 मिनट पर, जब मंत्रोच्चार तेज होने लगता है, तब स्थानीय लोग मानते हैं कि देवी स्वयं मंदिर तालाब में अपना कृपाण धोने आती हैं और उसी समय धीमे प्रकाश में पूरा तालाब गहरे लाल रंग से चमक उठता है। यह मंदिर आज भी चिकित्सा का केंद्र माना जाता है।

कामाख्या देवी मंदिर, गुवाहाटी

कामाख्या देवी मंदिर बाकी सभी मंदिरों से बिल्कुल अलग है जहां पूजा के लिए किसी मूर्ति का अस्तित्व नहीं है। हर साल मानसून के दौरान यहां एक अद्भुत घटना होती है। ऐसा माना जाता है कि माता कामाख्या को मासिक धर्म होता है। यह सुनने में भले ही अटपटा क्यों न लगे, लेकिन इस दौरान यहां बहुत बड़ा उत्सव मनाया जाता है। यहां देवी जी की प्रतिमा के स्थान पर 'योनि' के प्रतीक स्वरूप एक प्राकृतिक पत्थर है, जिसे लाल साड़ी से ढक दिया जाता है। हर साल जून महीने में मंदिर कुछ दिनों के लिए बंद हो जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उस दौरान माता रजस्वला होती हैं, यानी कि मासिक धर्म से ग्रसित होती हैं।

रामेश्वरम मंदिर, तमिलनाडु

भारत के दक्षिणी सिरे पर स्थित रामनाथस्वामी मंदिर वह स्थान है जहां स्वयं भगवान श्रीराम ने लंका तक सेतु बनाने से पहले भगवान शिव की पूजा की थी। यह मंदिर उन आस्था के स्थलों में से एक है जहां श्रद्धालु अपने पूर्वजों की आत्मा की मुक्ति के लिए पिंडदान और अंतिम संस्कार करते हैं, लेकिन इस मंदिर का सबसे रहस्यमयी स्थल है अग्नि तीर्थं, जो मंदिर के ठीक सामने समुद्र तट पर स्थित है। यह वही समुद्र है जो बंगाल की खाड़ी का हिस्सा है- जहां लहरें हमेशा प्रचंड रहती हैं, लेकिन अग्नि तीर्थम पर समुद्र हमेशा शांत और लहर विहीन रहता है।

महाकालेश्वर मंदिर, मध्य प्रदेश

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के लिए आज भी एक बात प्रचलित है कि वहां जो भी राजा या राजनेता जाता है उसकी सत्ता समाप्त हो जाती है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस नगरी के एकमात्र राजा हैं महाकालेश्वर महाराज यानी कि स्वयं भगवान शिव।

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महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग अपनी अनोखी पहचान रखता है और उन्हें समय के स्वामी के रूप में पूजा जाता है। किंवदंतियों की मानें तो जो भी व्यक्ति उज्जैन में रात भर ठहरता है, चाहे वह राजा हो या मंत्री, उसकी सत्ता समाप्त हो जाती है।

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आंध्र प्रदेश का तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर

दुनिया के सबसे अधिक दर्शन किए जाने वाले मंदिरों में से एक है तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर। इसके रहस्य आज तक अनसुलझे हैं। ऐसा माना जाता है कि बालाजी की मूर्ति इस स्थान पर 'जीवित' अवस्था में मौजूद है। उनके केश रेशम जैसे मखमली हैं और कभी भी उलझते और गिरते नहीं हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान का शरीर स्वयं पसीना छोड़ता है और ऊष्मा विकीर्ण करता है।

निधिवन मंदिर, उत्तर प्रदेश

आज भी वृंदावन के निधिवन को सूरज ढलने से पहले ही बंद कर दिया जाता है। मान्यता है कि आज भी हर रात यहां भगवान कृष्ण, राधा और गोपियां अनंत रासलीला रचते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहां के वृक्ष रात होते ही गोपियों का रूप ले लेते हैं और नाचते-गाते हैं। सदियों से मान्यता चली आ रही है कि रात के समय जो भी इन्हें नृत्य करते हुए देख लेता है वो या तो अंधा हो जाता है या फिर उसकी मृत्य हो जाती है। भोर होते ही गोपियां वापस पेड़ों में बदल जाती हैं। हर शाम पुजारी कृष्ण और राधा के लिए सेज, मिष्ठान और जल सजाते हैं। सुबह होते ही वह सेज बिखरी मिलती है, प्रसाद आधा खाया हुआ मिलता है। वास्तव में ये ऐसी बातें हैं जिनसे आज भी दुनिया अनजान है और कोई भी आज तक इसका पता नहीं लगा पाया है।

अमरनाथ गुफा मंदिर, जम्मू-कश्मीर

हिमालय की ऊंचाइयों में स्थित अमरनाथ गुफा वह पवित्र स्थान है जहां भगवान शिव ने पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। आज भी गुफा के भीतर बर्फ से निर्मित शिवलिंग दिखाई देता है जो चंद्रमा की कलाओं के साथ घटता-बढ़ता रहता है। भक्त इसे शिव की साक्षात उपस्थिति मानते हैं। कथा में एक अनोखा रहस्य हैं दो कबूतर जो इस गुफा में सदियों से देखे जाते हैं और ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने भगवान शिव का अमरत्व वाला रहस्य सुन लिया था। आश्चर्य यह है कि कड़ाके की ठंड में भी वे हर वर्ष जीवित रहते हैं।

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पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल

अब बात करते हैं दुनिया के सबसे रहस्यमयी मंदिर की। यह है पद्मनाभस्वामी मंदिर, जहां भगवान विष्णु अनंत शेषनाग पर विराजमान हैं। यह केवल पृथ्वी का सबसे धनवान मंदिर नहीं है बल्कि सबसे निषिद्ध भी है। मंदिर के नीचे अनगिनत खजानों से भरे तहखाने हैं जिसमें सोना, रत्न, पुरातन धरोहरें जिनकी कीमत अरबों-खरबों में आंकी जाती है। ऐसा माना जाता है कि वह द्वार केवल दिव्य मंत्रों से खुलेगा, बलपूर्वक नहीं।

वास्तव में ये वो मंदिर हैं जिनके रहस्य आज भी दुनिया और विज्ञान से परे है। ऐसा माना जाता है कि यह वही मंदिर हैं जिनके रहस्य कोई सुलझा नहीं पाया है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। 

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