अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में दर्द व सूजन का अहसास होना सामान्य है। आमतौर पर, अर्थराइटिस में दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए लोग दवाइयों का सेवन करते हैं। लेकिन सिर्फ दवाइयों के जरिए ही पूर्ण रूप से समस्या का इलाज करना संभव नहीं है। बेहतर होगा कि आप अपने आहार पर भी पर्याप्त ध्यान दें। जी हां आपका आहार इस सूजन और दर्द करने में किसी औषधि की तरह काम करता है।
आमतौर पर, अर्थराइटिस के मरीज जूस पीने को अधिक प्राथमिकता देते हैं। फलों और सब्जियों में एंटी-ऑक्सिडेंट, विटामिन्स व मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो ऑस्टियोअर्थराइटिस सहित अधिकांश प्रकार के गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। लेकिन जब आप जूस का सेवन कर रहे हैं तो आपको कुछ बातों का पर्याप्त ध्यान रखना चाहिए, ताकि आपको पर्याप्त लाभ मिल सके। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ आसान टिप्स के बारे में बता रहे हैं-
कैलोरी काउंट का रखें ध्यान
भले ही जूस अर्थराइटिस के मरीजों के लिए एक हेल्दी विकल्प हैं, लेकिन इनका भी अपना कैलोरी काउंट होता है। इसलिए आपको हमेशा जूस की मात्रा पर ध्यान देना चाहिए ताकि आप अपनी डेली कैलोरी को सीमित कर पाएं। मसलन, टार्ट चेरी जूस अर्थराइटिस के मरीजों के लिए अच्छा है, लेकिन इसका कैलोरी काउंट अधिक होता है। इसलिए सुनिश्चित करें कि आप दिनभर में केवल एक गिलास जूस का सेवन(टमाटर जूस)करें।
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सब्जियों की मात्रा रखें अधिक
जूस बनाते समय अधिकतर लोग फलों का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। लेकिन अर्थराइटिस के मरीजों को यह सलाह दी जाती है कि वे 80 प्रतिशत सब्जियों और 20 प्रतिशत फलों की मदद से जूस बनाकर पिएं। इससे आप अपनी शुगर को आसानी से लिमिटेड कर पाएंगी।
इन्हें भी करें शामिल
चूंकि अर्थराइटिस के मरीजों को शरीर में इन्फ्लमेशन की समस्या होती हैं तो ऐसे में कोशिश करें कि जूस बनाते समय आप सब्जियों और फलों के साथ-साथ अदरक आदि को भी शामिल करें। इसके एंटी-इन्फ्लमेटरी गुण क्रॉनिक ऑस्टियोअर्थराइटिस के लक्षणों को भी बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, आप संतरे और जामुन, चेरी व गाजर, के साथ हल्दी व दालचीनी को मिक्स करके जूस बना सकती हैं।
शारीरिक स्थिति पर बनाएं रखें नजर
यूं तो फल और सब्जियों की मदद से बनने वाले जूस को अर्थराइटिस के मरीजों के लिए लाभदायक माना गया है। लेकिन हर व्यक्ति का शरीर अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है। इसलिए अगर आपने अभी-अभी जूस पीना शुरू किया है, तो अपने शरीर में होने वाले बदलावों पर विशेष रूप से ध्यान दें। टमाटर और मिर्च जैसे नाइटशेड सब्जियां कुछ लोगों में गठिया के लक्षणों को बद से बदतर बना सकती हैं। इसलिए, अलग-अलग तरह की सब्जियों का इस्तेमाल करें और अपनी बॉडी का रिस्पॉन्स भी अवश्य चेक करें।
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हमेशा ताजा जूस पीएं
यह एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। दरअसल, समय के साथ पोषक तत्व टूट जाते हैं और फिर जूस के सेवन से आपको वह लाभ नहीं मिलता है, जो वास्तव में मिलना चाहिए। इसलिए सबसे अच्छा विकल्प है कि आप इन्हें जूसर से घर पर बनाएं और पीएं। बाजार में मिलने वाले पैकेज्ड जूस में कंसट्रेट की मात्रा अधिक होती है। वहीं, जूस की दुकान पर मिलने वाला फ्रेश जूस भी बहुत अधिक हेल्दी नहीं होता है।
तो अब आप जब भी जूस बनाएं तो ऐसे में आप इन आसान टिप्स को फॉलो अवश्य करें, ताकि आपको जूस के सेवन से मैक्सिमम लाभ मिल सके।
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