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PCOD की वजह से मटके की तरह हो गया है पेट, तो इन आसान तरीकों से कम करें बेली फैट

PCOD और PCOS में कई कारणों के चलते बेली फैट बढ़ जाता है और इसमें पेट की चर्बी को कम करना भी मुश्किल होता है। कई लड़कियों को लगता है कि पीसीओडी के साथ पेट की चर्बी को कम नहीं किया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है। एक्सपर्ट के बताए ये टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-12-16, 21:50 IST

PCOD और PCOS महिलाओं को आजकल काफी परेशान कर रहा है। अक्सर महिलाएं ये नहीं समझ पाती हैं कि इसका संबंध सिर्फ फर्टिलिटी से नहीं है, बल्कि इसकी वजह से पूरे शरीर पर होता है। इनमें होने वाले हार्मोनल इंबैलेंस के कारण कई बॉडी फंक्शन्स प्रभावित होते हैं। PCOD और PCOS में महिलाओं का वजन भी बढ़ने लगता है और खासकर पेट के आस-पास चर्बी जमा होने लगती है। इस कंडीशन में बेली फैट बढ़ने के कई कारण होते हैं। इनमें इंसुलिन रेजिस्टेंस, स्ट्रेस और हार्मोन्स का ऊपर-नीचे होना भी शामिल है। कई महिलाओं को लगता है कि पीसीओडी, पीसीओएस या थायराइड जैसी दिक्कतें होने पर बेली फैट को कम करना संभव नहीं है, लेकिन ऐसा नहीं है। सही खान-पान और लाइफस्टाइल में बदलाव की मदद से आप आसानी से लटकती हुई तोंद को अंदर कर सकती हैं। बेली फैट कम करने के लिए डाइट में क्या बदलाव करने चाहिए, चलिए इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत कालरा दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं और रीबूट गट हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली की फाउंडर और डायरेक्‍टर हैं।

PCOD में बेली फैट क्यों बढ़ जाता है?

belly fat reducing tips

  • एक्सपर्ट का कहना है कि सबसे पहले आपको यह समझने की जरूरत है कि पीसीओडी या पीसीओएस में बेली फैट क्यों बढ़ जाता है। दरअसल, इंसुलिन रेजिस्टेंस, हार्मोनल इंबैलेंस, कोर्टिसोल का बढ़ना और मेटाबॉलिज्म का धीमा होना आपके वजन और खासकर बेली फैट को बढ़ा देता है।
  • इंसुलिन रेजिस्टेंस की वजह से पेट के इर्द-गिर्द चर्बी जमा होने लगती है और एंड्रोजन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है।
  • जब शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस होता है, एंड्रोजन लेवल बढ़ता है तो बेली फैट बढ़ने लगता है और ओव्युलेशन प्रभावित होता है। मेटाबॉलिज्म धीमे होने का कारण कैलोरी जल्दी बर्न नहीं होती है और इसकी वजह से भी पेट के इर्द-गिर्द चर्बी जमा होने लगती है।

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PCOD में लटकती हुई तोंद को अंदर करने के लिए डाइट में करें ंये बदलाव

 

 

 

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  • डाइट में रागी, ज्वार, बाजरा और ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज को शामिल करें। ये इंसुलिन स्पाइक को कम करते हैं और ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस रखते हैं।
  • ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों को डाइट में शामिल करें। ड्रमस्टिक्स, मेथी, पत्तागोभी और करेले जैसी सब्जियों में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। ये इंफ्लेमेशन को भी कम करती हैं।
  • डेयरी प्रोडक्ट्स जैसी पनीर और दालों का डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं। इनसे पेट भरा हुआ रहता है और हार्मोन्स को बैलेंस करने में मदद मिलती है।

 

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PCOD में होने वाले हार्मोनल इंबैलेंस के कारण बेली फैट बढ़ सकता है। इसे कम करने में एक्सपर्ट के बताए ये टिप्स मदद कर सकते हैं। हर जिंदगी के वेलनेस सेक्शन में हम इसी तरह अपने आर्टिकल्स के जरिए स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में आप तक सही जानकारी पहुंचाने की कोशिश करते रहेंगे।
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Image Credit:Freepik

 

 

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