इस बात से तो हम सभी वाकिफ हैं कि खाने का असली स्वाद उसके मसालों में छिपा होता है। जब आप मसालों को सही
तरह से इस्तेमाल करती हैं तो इससे खाने को एक बेहतरीन खुशबू व फ्लेवर मिलता है। हालांकि, मसाले सिर्फ और सिर्फ
स्वाद बढ़ाने के लिए ही नहीं होते हैं, बल्कि ये हमारी सेहत के साथी भी होते हैं। इसलिए, आप मसालों का चयन किस
तरह से कर रही हैं, यह बहुत अधिक मायने रखता है। अमूमन देखने में आता है कि भारतीय घरों में साबुत मसालों की
जगह उनके पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। पर पाउडर मसाले पोषण, स्वाद और पचाने की ताकत में ये पूरे
मसालों का मुकाबला नहीं कर सकते।
शायद आपको पता ना हो, लेकिन जब मसालों को साबुत ही इस्तेमाल किया जाता है तो वे हमारी सेहत के लिए कमाल
करते हैं। डाइजेशन को बेहतर बनाने से लेकर इम्यूनिटी बढ़ाने और ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करने में वे मददगार
साबित होते हैं। तो चलिए आज इस लेख में मुदितम आयुर्वेद की क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट नेहल जोशी आपको बता रही
हैं कि पाउडर मसालों की जगह साबुत मसाले खाने से आपकी सेहत को किस तरह फायदा मिल सकता है-
अगर आप पाउडर की जगह साबुत मसालों का इस्तेमाल करती हैं तो इससे आपको ज्यादा पोषक तत्व मिलते हैं, क्योंकि
साबुत मसाले अपने तेल और बायोएक्टिव कंपाउंड को बहुत बेहतर तरीके से बचाए रखते हैं। जबकि पिसे हुए मसालों के एंटीऑक्सीडेंट और तेल अक्सर खत्म हो जाते हैं। मसलन, साबुत लौंग में युजेनॉल होता है, जो एंटीबैक्टीरियल और
एंटीऑक्सीडेंट गुण रखता है। जबकि इसे पिसने और स्टोर करने के बाद इसका अधिकांश हिस्सा चला जाता है।
अगर आप साबुत मसालों को खाने में शामिल करती हैं, तो इससे डाइजेशन के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है। दरअसल, साबुत मसाले डाइजेस्टिव एंजाइम को नेचुरली एक्टिव करते हैं। जब पोषक तत्व अच्छे से अब्जॉर्ब होते हैं तो ऐसे में पाचन बेहतर रहता है।
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साबुत मसाले ब्लड शुगर और हार्ट हेल्थ के लिए अच्छे माने गए हैं। मसलन, दालचीनी ब्लड शुगर रेगुलेट करती है और बैड कोलेस्ट्रॉल कम करती है। वहीं, काली मिर्च ब्लड सर्कुलेशन और पोषक तत्वों के अवशोषण को बेहतर बनाती है। जब आप इन साबुत मसालों को हर दिन अपने खाने का हिस्सा बनाती हैं तो इससे आपकी ओवर ऑल हेल्थ पर काफी अच्छा असर पड़ता है।
जब आप साबुत मसालों को अपनी डाइट में शामिल करती हैं तो इससे इम्यूनिटी पर भी अच्छा असर पड़ता है। वहीं, मसालों को पिसने से उनका तेल उड़ जाता है और फिर वे उतने असरदार नहीं होते हैं। लौंग, दालचीनी, इलायची और काली मिर्च में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। जब आप इन्हें रोजाना खाने में शामिल करती हैं तो इससे आपकी इम्यूनिटी बेहतर होती है।
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