आज के समय में लोग हर चीज इंस्टेंट पाना चाहते हैं, फिर चाहे बात वेट लॉस की ही हो। यह देखने में आता है कि कुछ लोग जल्द वजन कम करने के लिए क्रैश डाइट फॉलो करने लग जाते हैं। क्रैश डाइट एक ऐसी डाइट होती है, जिसमें कैलोरी काउंट एकदम से कम कर दिया जाता है और लोग अपने आहार में काफी कटौती कर देते हैं। कई बार लोग लिक्विड डाइट पर भी चले जाते हैं। आमतौर पर, क्रैश डाइट फॉलो करने का मुख्य उद्देश्य कम से कम समय में अधिक से अधिक वजन कम करना होता है।
यकीनन क्रैश डाइट से आपको कुछ समय के लिए रिजल्ट तो मिलते हैं, लेकिन इसका नकारात्मक प्रभाव मेटाबॉलिज्म पर देखने को मिलता है। इतना ही नहीं, अगर क्रैश डाइट को लंबे समय के लिए फॉलो किया जाए तो इसके केवल नेगेटिव इफेक्ट ही होते हैं। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डायटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि क्रैश डाइट आपके मेटाबॉलिक रेट को किस तरह प्रभावित करती है-
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मेटाबॉलिक रेट होता है कम
आपको शायद यह पता ना हो, लेकिन क्रैश डाइट आपके मेटाबॉलिक रेट को कम करती है। दरअसल, दिन भर की सामान्य एक्टिविटीज को करने के लिए शरीर की कुछ कैलोरी जरूरतें होती हैं। लेकिन क्रैश डाइट में व्यक्ति एकदम से अपने कैलोरी काउंट को आधा कर देता है। ऐसे में आपका मेटाबॉलिज्म डिफेंसिव मोड में चला जाता है। जिसके बाद शरीर खुद को इस तरह बना लेता है कि आपके द्वारा ली जाने वाली कम कैलोरी ही उसकी बेसिक जरूरत बन जाती है। ऐसे में अगर आप अपना जरा सा भी कैलोरी काउंट बढ़ाते हैं, तो इससे वजन बढ़ना शुरू हो जाता है।
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नहीं होता वेट लॉस
कुछ लोग क्रैश डाइट इसलिए फॉलो करते हैं, ताकि उनका वजन तेजी से कम हो सके। लेकिन इस डाइट को फॉलो करने से आपका वजन जितनी तेजी से कम होता है, उतनी ही तेजी से बढ़ता भी है। सबसे पहले तो जब आपका शरीर डिफेंसिव मोड में होता है, तो वह कैलोरी को खर्च करने के बजाय उसे फैट में स्टोर करना शुरू कर देता है। इसके अलावा, क्रैश डाइट आपके मेटाबॉलिक रेट को भी कम करती है, जिससे आपका वजन कम करना मुश्किल हो जाता है। दरअसल, वजन घटाने के लिए मेटाबॉलिज्म का अच्छी तरह काम करना बेहद आवश्यक होता है।
होता है मसल्स लॉस
जब आप क्रैश डाइट पर होते हैं, तो इस दौरान आपको अपना वजन कम होता हुआ नजर आता है। हो सकता है कि जब आप अपना वजन करें तो आपको वह कम भी नजर आए। लेकिन वास्तव में क्रैश डाइट के दौरान लोग फैट लॉस नहीं करते, बल्कि मसल्स लॉस करते हैं। जो वास्तव में एक अनहेल्दी वेट लॉस है। चूंकि क्रैश डाइट के दौरान मेटाबॉलिक रेट कम हो जाता है और शरीर डिफेंसिव मोड में होता है, जिसके कारण वह फैट को लॉस नहीं होने देता। अंततः शरीर से मसल्स लॉस होना शुरू हो जाता है।
हो सकती हैं अन्य समस्याएं
जब शरीर का मेटाबॉलिज्म स्लो होता है, तो इसका असर सिर्फ वजन पर ही देखने को नहीं मिलता है, बल्कि इससे व्यक्ति को अन्य भी कई समस्याएं हो सकती हैं। सबसे पहले तो इसके कारण व्यक्ति का इम्युन सिस्टम कमजोर हो जाता है और आप बार-बार बीमार पड़ते हैं। इसके अलावा, मेटाबॉलिज्म आपके पाचन तंत्र से जुड़ा है, इसलिए कमजोर मेटाबॉलिज्म आपके पाचन तंत्र के लिए भी परेशानी खड़ा करता है। वहीं, जब आपका मेटाबॉलिक रेट कम होता है, तो इससे आपको बालों को झड़ना, नाखूनों का ना बढ़ना, चेहरे पर पीलापन नजर आना, थकान होना, किसी काम में मन ना लगना, जैसी समस्याएं भी होती हैं।
तो अब वेट लॉस के लिए कभी भी खुद से क्रैश डाइट फॉलो ना करें, बल्कि एक्सपर्ट की सलाह व उनकी गाइडेंस में ही किसी डाइट का पालन करें।
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Image Credit- freepik
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