पान खाना भारत की एक पुरानी परंपरा है, जिसे आयुर्वेद में तांबूल कहा जाता है। सदियों से हमारे यहां खाना खाने के बाद पान खाने की परंपरा रही है, लेकिन यह सिर्फ स्वाद और डाइजेशन के लिए ही नहीं, बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ भी देता है। आयुर्वेद में भी पान का इस्तेमाल सिर्फ माउथ फ्रेशनर के लिए नहीं, बल्कि कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार, पान के पत्ते में कई तरह की जड़ी-बूटियां और मसाले मिलाकर इसे शक्तिशाली औषधि बनाया जा सकता है। यह नुस्खा तंबाकू रहित है, इसलिए पूरी तरह से सेहतमंद है और इसे घर पर आसानी से बनाया जा सकता है। इसके फायदों और बनाने के तरीके के बारे में हमें Eternal Ayurveda की गट हेल्थ, हार्मोन और वेट लॉस एक्सपर्ट डॉक्टर चैताली राठौड़ बता रही हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि जब पान के पत्ते में कुछ खास औषधीय गुणों वाली जड़ी-बूटियों और मसालों को मिलाया जाता है, तब यह शरीर के तीनों दोषों यानी वात, पित्त और कफ को संतुलित कर सकते हैं। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को अच्छा और ब्लड सर्कुलेशन को सुधारने और सांसों से जुड़ी समस्याओं में भी राहत देता है। इस आयुर्वेदिक पान को बनाने के लिए किसी भी हानिकारक सामग्री, जैसे तंबाकू की जरूरत नहीं होती है। इसमें जायफल, इलायची, सौंफ और गुलकंद जैसी चीजें डाली जाती हैं, जो स्वाद बढ़ाती है और आपको सेहतमंद रखती हैं।
आयुर्वेदिक पान या तांबूल बनाने की विधि
सामग्री
- पान का पत्ता- 1-2 (फ्रेश)
- जायफल पाउडर- 1/2 चम्मच
- कपूर (खाने वाला)- 1 चुटकी
- सुपारी- थोड़ी सी
- लौंग- 1
- इलायची- 1
- कंकोल (काली मिर्च जैसा एक मसाला)- 1 चुटकी
- गुलकंद- 1 चम्मच
- खजूर- 1-2
- सौंफ- 1 चम्मच
बनाने का तरीका
- पान के पत्ते पर इन सभी चीजों को मिलाकर एक छोटा सा रोल बना लें।
- इसे सुबह या रात में खाना खाने के बाद खाया जा सकता है।
आयुर्वेदिक पान खाने के फायदे
आयुर्वेद के अनुसार, यह पान शरीर के कई अंगों के लिए फायदेमंद होता है।
डाइजेशन रहता है दुरुस्त
- मुंह के बैक्टीरिया को दूर करता है और सांसों की बदबू दूर करता है।
- लार ग्लैंड्स को बढ़ाता है, जिससे डाइजेशन सही रहता है।
- गैस और कब्ज की समस्या को दूर करता है।
- तीनों दोषों (वात, पित्त, कफ) को बैलेंस रखता है।
सर्कुलेटरी सिस्टम रहता है ठीक
- दिल के लिए टॉनिक की तरह काम करता है।
- हाई ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है।
- दिल की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए अच्छा
- फेफड़ों से एक्स्ट्रा कफ को बाहर निकालता है।
- सर्दी-ज़ुकाम, खांसी और अस्थमा जैसी समस्याओं में राहत देता है।
एक्सक्रेटरी सिस्टम रहता है दुरुस्त
- सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि एक्सक्रेटरी सिस्टम क्या होता है। यह शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में दद करता है और शरीर के केमिकल बैलेंस को बनाए रखता है।
- यह किडनी में ब्लड फ्लो बढ़ाकर यूरिन की मात्रा बढ़ाता है।
- यह यूरिन में होने वाली जलन और किडनी से जुड़ी पुरानी बीमारियों में भी फायदेमंद होता है।

रिप्रोडक्टिव सिस्टम के लिए अच्छा
- यह सेक्शुअल डिजायर को बढ़ाता है।
- महिलाओं में हेल्दी ओव्यूलेशन में मदद करता है।
वजन होता है कंट्रोल
- यह वात और कफ दोष को बैलेंस करता है, जो वजन कम करने में मदद करता है।
किसे पान नहीं खाना चाहिए?
- जिन महिलाओं के घाव आसानी से नहीं भरते हैं, ब्लीडिंग डिस्ऑर्डर से परेशान हैं और आंखों में सूजन रहती है, उन्हें पान खाने से बचना चाहिए।
आप घर पर बिना तंबाकू वाले इस आयुर्वेदिक पान बनाकर इसका मजा ले सकती हैं और अपनी सेहत को भी फायदा पहुंचा सकती हैं।
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