Western Toilet Cause Uti:आज के मॉर्डन जमाने में हर जगह इंग्लिश यानी की वेस्टर्न टॉयलेट का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। घर,ऑफिस, मॉल, हॉस्पिटल, स्कूल सभी जगह पर वेस्टर्न टॉयलेट ने इंडियन टॉयलेट की जगह ले ली है। वहीं लोगों को भी वेस्टर्न टॉयलेट ही इस्तेमाल करना सुविधाजनक लगता है ,ये ऑप्शन खासकर उन लोगों के लिए बेहतर होता है जिन्हें घुटनों में दर्द रहता है या फिर पैर से जुड़ी कोई भी समस्या होती।लेकिन क्या आप जानते हैं कि वेस्टर्न टॉयलेट इस्तेमाल करने से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। जी हां वेस्टर्न टॉयलेट यूज करने से यूटीआई हो सकता है। सैलुब्रिटास मेडीसेंटर की कंसल्टेंट गायनोकॉलोजिस्ट डॉ.नैंसी नागपाल ने इस बारे में जानकारी साझा की है।आइए जानते हैं।
वेस्टर्न टॉयलेट से बढ़ता है यूटीआई का खतरा?(can western toilet seats give you a uti)
एक्सपर्ट के मुताबिक ये समस्या किसी भी वर्ग के लोगों को हो सकती है लेकिन सबसे ज्यादा महिलाएं ही इसकी चपेट में आती हैं। जब आप घर में वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करती हैं तो काफी हद तक साफ सफाई का ख्याल रखा जा सकता है,लेकिन अगर पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करती हैं तो इससे यूटीआई (यूटीआई से बचाव के लिए क्या करें)का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि ये टॉयलेट काफी लोगों के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। वहीं जब आप वेस्टर्न टॉयलेट इस्तेमाल कर रही होती हैं तो टॉयलेट सीट से आपका शरीर डायरेक्ट संपर्क में आता है,इससे इंटिमेट एरिया में इंफेक्शन होने की संभावना रहती है। कई बार टॉयलेट की बूंदें सीट पर रह जाती है,अगर आपने ध्यान नहीं दिया और जल्दी में बिना साफ किए ही सीट पर बैठ जाएं तो इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
क्या है यूटीआई (What is the main cause of UTI)
यूटीआई यानी यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन। ये समस्या तब होती है जब मूत्राशय और इसकी नली बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाती है। यूटीआईमुख्य रूप से ई-कोलाई बैक्टीरिया से होता है। ये बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से होते हुए ब्लैडर तक पहुंच जाता है। इसके लक्षण की बात करें तो बार-बार पेशाब आना,पेशाब करने में जलन होना,पेट (पेट दर्द की समस्या से कैसे छुटकारा पाएं) के निचले हिस्से में दर्द होना और पेशाब से दुर्गंध आना शामिल है।अगर इसका वक्त पर इलाज न किया जाए तो ये कई बड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है
कैसे करें बचाव?
- पब्लिक टॉयलेट इस्तेमाल करते समय साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें।
- सीट पर बैठने से पहले सीट को टिशू से साफ कर लें।
- एक व्यक्ति के टॉयलेट इस्तेमाल करने के थोड़ी देर बाद ही टॉयलेट जाएं।
- इंटिमेट एरिया की पूरी सफाई रखें।
- टॉयलेट यूज करने से पहले और बाद में टॉयलेट सीट का ढक्कन गिरा कर ही फ्लश करें।
- इंडियन सीट वाले टॉयलेट को ही प्राथमिकता दें।
- टॉयलेट इस्तेमाल करने के बाद हाथों को अच्छे से वॉश करें।
अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है,तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit: Freepik
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