अस्थमा सबसे आम बीमारियों में से एक है। वायु प्रदूषण और एलर्जी के कारण अस्थमा की शिकायत लगातार बढ़ती जा रही है। लोगों को लगता हैं कि अस्थमा को ठीक नहीं किया जा सकता हैं। लेकिन इस बीमारी का समय रहते इलाज किया जाए, तो अस्थमा को कंट्रोल में रखा जा सकता हैं। अस्थमा के लिए भारत में अच्छी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हैं।
अस्थमा फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारी है, जो श्वास नलिकाओं को प्रभावित करती है। श्वास नलिकाएं फेफड़ों से हवा को अंदर-बाहर करती हैं। अस्थमा होने पर इन नलिकाओं में सूजन आ जाती है, जिससे ये सिकुड़ जाती हैं और फेफड़ों तक पर्याप्त हवा नहीं पहुंच पाती हैं। इससे मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इसके अन्य लक्षणों में सीने में जकड़न, घरघराहट और खांसी शामिल हैं।
अस्थमा के मरीज क्या करें और क्या न करें जैसी कुछ बातें समस्या से बचाने में मदद कर सकती हैं। अस्थमा को अच्छे तरीके से कंट्रोल करने में आपकी मदद के लिए यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं। इनके बारे में हमें मेडिकवर हॉस्पिटल्स, नवी मुंबई, कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट, डॉ शाहिद पटेल बता रहे हैं।
अस्थमा के मरीजों के लिए क्या करें और क्या न करें? (Dos & Don't for Asthama Patient)
- चूंकि अस्थमा अक्सर बदलते मौसम के साथ बदलता रहता है, इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने पल्मोनोलॉजिस्ट से मिलकर लक्षणों पर ध्यान दें और अपनी चिकित्सा को आवश्यकतानुसार बदलें।
- दवाइयों का सेवन नियमित रूप से करें। पल्मोनोलॉजिस्ट की बताई अस्थमा की दवा लेने से आपको लक्षणों को कंट्रोल में रखने में मदद मिलेगी।
- सांस की तकलीफ या सीने में जकड़न महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह ले।
- वर्क प्लान बनाने से अस्थमा को मैनेज करने में मदद मिलती है।
- दिमाग को शांत रखें। यदि आपको अस्थमा का अटैक पड़ता है, तो शांत रहें, अपने अस्थमा वर्क प्लान को फॉलो करें और पल्मोनोलॉजिस्ट से परामर्श लें।
- धुएं में रहने से बचें। हम जिस हवा में सांस लेते हैं, वह अस्थमा के लिए ट्रिगर हो सकता है। दरअसल हवा में सिगरेट के धुएं से लेकर पॉल्यूशन आदि अस्थमा अटैक की वजह बन सकते हैं।
- रेगुलर एक्सरसाइज करें। फिट रहने से आपको हेल्दी रहने में मदद मिलेगी। लेकिन किसी भी एक्सरसाइज, खेल या अन्य एक्टिविटी में शामिल होने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
- गर्मियों और पतझड़ के दौरान खिड़कियां खोलने से बचें। एलर्जी के मौसम में पराग को अपने घर या ऑटोमोबाइल में प्रवेश करने से रोकें। जब भी बाहर जाएं, तबमास्क जरूर पहनें।
- पालतू जानवर के संपर्क में आने से अस्थमा ट्रिगर होता है। इसके अलावा, उनके बाल भी एलर्जी और अस्थमा की समस्या को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में उपचार का सबसे अच्छा तरीका बचाव है।
अस्थमा के मरीजों के लिए सावधानियां (Precautions for Asthama Patient in Hindi)
- रेगुलर एक्सरसाइज करें।
- ट्रेवल करते समय हमेशा अपने साथ इन्हेलर रखें।
- चेस्ट के डॉक्टर से रेगुलर संपर्क बनाए रखें।
- अपने रोजाना के कामों के लिए एक रूटीन बनाएं, ताकि आप आसानी से थके नहीं।
- स्वस्थ आहार को डाइट में शामिल करें और नियमित समय पर खाएं।
- इस बात का ध्यान रखें कि आपके रहने की जगह साफ और धूल रहित हो।
- बाहर निकलते समय मास्क पहनें।
- आराम करें और मेडिटेशन करें।
- ऐसा कुछ करें, जिससे आपको खुशी मिलती है।
आप भी इन टिप्स को आजमाकर अस्थमा को कंट्रोल में रख सकते हैं। आपको भी हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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