नई मां और बच्चें के लिए ब्रेस्टफीडिंग बहुत जरूरी है। हम सभी यह बात जानते हैं। लेकिन, नई मां के लिए ब्रेस्टफीडिंग काफी चैलेंजिंग भी हो सकता है। खासकर, जुड़वां बच्चों को ब्रेस्टफीड करवाना थोड़ा मुश्किल होता है। बच्चों को दूध पिलाने के दौरान, कई बार मां को हल्का दर्द भी महसूस हो सकता है। वहीं, बच्चे को किस पोजिशन में ब्रेस्टफीड करवाना सही रहेगा, इस बारे में भी नई मां को जानकारी होनी चाहिए। मां के दूध से बच्चे का विकास सही होता है, आईक्यू अच्छा होता है। साथ ही, मां-बच्चे की बीच की बॉन्डिंग भी बढ़ती है। जुड़वां बच्चों के लिए ब्रेस्ट मिल्क पर्याप्त होगा या नहीं और ब्रेस्टफीडिंग करवाने में कितना वक्त लगेगा, ये सब नई मां के लिए चिंता का विषय हो सकता है। नई मां एक्सपर्ट के बताए टिप्स की मदद ले सकती हैं। इस बारे में सोनाली शिवलानी जानकारी दे रही हैं। वह, पी डी हिंदूजा हॉस्पिटल और एमआरसी खार में प्रेग्नेंसी व पेरेंटिंग काउंसलर हैं।
जुड़वां बच्चों को दूध पिलाने के लिए एक्सपर्ट के बताए इन टिप्स की लें मदद (How to successfully breastfeed twins)
- एक्सपर्ट के मुताबिक, इसके लिए सबसे पहले सही जानकारी बहुत जरूरी है। किसी प्रेग्नेंसी क्लास मे दाखिला लें। जिसमें लैक्टेशन के बारे में भी जानकारी दी जाती हो।
- अपने साथ पार्टनर को भी ये क्लासेज अटेंड करवाएं ताकि वह आपकी मदद कर सकें।
- बर्थ के बाद जितना जल्दी संभव हो, स्किन टू स्किन फीडिंग की प्रैक्टिस करें।
- कई बार बच्चों को जन्म के बाद एनआईसीयू में ऑब्जर्वेशन के लिए रखा जा सकता है। ऐसे में, डिलीवरी के बाद, ब्रेस्ट पंप की मदद से दूध निकालने की कोशिश करें।
- कुछ शुरुआती दिन,मां और बच्चे दोनों के लिए मुश्किल हो सकते हैं। इसलिए, एक समय में एक ही बच्चे को फीड करें।
- जब आपको कॉन्फिडेंट महसूस होने लगे, तो आप दूसरे ब्रेस्ट से भी स्तनपान करवा सकती हैं।
- इस तरह से आप दोनों बच्चों को एक ही वक्त पर ब्रेस्टफीड करवा पाएंगी और इससे समय भी बचेगा।
- अगर आपके तीन बच्चे हैं, तो आपको एक फीडिंग साइकिल बनाना होगा। इसके लिए आप लैक्टेशन काउंसलर की मदद ले सकती हैं।
- जुड़वां बच्चों के लिए सबसे अच्छी ब्रेस्टफीडिंग पोजिशन, फुटबॉल होल्ड हो सकती है क्योंकि इससे दोनों बच्चों को एक समय पर फीड करवाए पाएंगी।
- आप ट्विन ब्रेस्टफीडिंग पिलो का भी इस्तेमाल कर सकती है। इससे बच्चे आराम से दूध पी पाएंगे।
- ब्रेस्टफीड करवाते वक्त ब्रेस्ट स्विच करना बहुत जरूरी है ताकि दोनों ब्रेस्ट से दूध सही मात्रा में आ सके।
- साथ ही, अगर आप एक बच्चे को पहले एक ब्रेस्ट से फीड करवा रही हैं, तो अगली बार उस ब्रेस्ट से दूसरे बच्चे को फीड करवाएं। एक्सपर्ट इसे फायदेमंद मानती हैं।
- ब्रेस्टफीडिंग हार्मोन्स के लिए जुड़ी होती हैं। जब मां खुश होती है, तो ब्रेस्ट मिल्क अधिक बनता है। वहीं, अगर मां तनाव में है, तो ब्रेस्ट मिल्क कम बनता है।
- दूध की मात्रा पर ध्यान न दें। बस सही समय पर ब्रेस्टफीड करती रहें।
- जब तक आप ब्रेस्टफीड करवा रही हैं, तब तक बच्चों को बोतल वाला दूध न लें।
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इन टिप्स की मदद से आप ब्रेस्टफीडिंग को आसान बना सकती हैं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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