आज के समय में हर कोई कीटो डाइट फॉलो करने लगा है। खासतौर से, जिन्हें क्विक वेट लॉस करना है, वे लंबे समय तक कीटो डाइट पर रहते हैं। यह एक खास तरह की डाइट होती है, जिसमें कार्ब्स को कम लिया जाता है और फैट को बढ़ाया जाता है। कीटो डाइट में अमूमन लोग मटन, चीज, अंडा, चिकन, नट्स या सीफूड्स आदि लेना अधिक पसंद करते हैं। कीटो डाइट को फॉलो करते हुए बॉडी कीटोसिस में चली जाती है और ऐसे में शरीर कार्ब्स से एनर्जी लेने की जगह फैट से एनर्जी लेने लगता है।
यूं तो कीटो डाइट के अपने कई फायदे हैं। वेट लॉस के अलावा इसे कैंसर या अल्जाइमर जैसी बीमारियों में भी अच्छा माना जाता है। लेकिन इस डाइट के अपने कई नुकसान भी हैं। जब लंबे समय तक कीटो डाइट को फॉलो किया जाता है तो बॉडी पर इसका नेगेटिव असर दिखाई देने लगता है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको कीटो डाइट से होने वाले कुछ नुकसान के बारे में बता रही हैं-
हार्मोनल बदलाव
अगर लंबे समय तक कीटो डाइट को फॉलो किया जाता है, तो इससे शरीर में कुछ हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं। दरअसल, कीटो डाइट इंसुलिन और कोर्टिसोल को इफेक्ट करती है। कई बार महिलाओं को इस डाइट के करण अपने पीरियड साइकल में भी बदलाव नजर आता है। अगर लंबे समय तक हार्मोन संतुलित नहीं होते हैं तो इससे डॉक्टर की मदद की जरूरत भी पड़ सकती है।
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मुंह से बैड स्मेल आना
अगर आप कीटो डाइट पर हैं तो ऐसे में आपको बैड ब्रेथ की समस्या हो सकती है। दरअसल, कीटो डाइट के दौरान कीटोन्स का प्रोडक्शन होता है। जिसके कारण मुंह से अच्छी स्मेल नहीं आती है। ऐसे में यह बेहद जरूरी हो जाता है कि आप अपने ओरल हाइजीन का खास ख्याल रखें और खुद को पूरी तरह से हाइड्रेटेड रखने की कोशिश करें।
डाइजेशन पर असर
कीटो डाइट डाइजेस्टिव सिस्टम पर भी नेगेटिव असर डाल सकती है। दसअसल, इस डाइट में फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे कि क्विनोआ, बीन्स, दाल, फल, ब्राउन राइस आदि को शामिल नहीं किया जाता है। इस तरह के फूड्स में कार्ब्स पाए जाते हैं। लेकिन जब शरीर को पर्याप्त फाइबर नहीं मिलता है तो इससे व्यक्ति को कब्ज व अन्य डाइजेशन प्रोब्लम्स हो सकती हैं।
नींद ना आना
कीटो डाइट को फॉलो करने वाले अधिकतर लोगों का स्लीप पैटर्न भी बिगड़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि जब आप कीटो डाइट लेना शुरू करते हैं तो उस दौरान शरीर में एनर्जी और हार्माेनल बदलाव होते हैं, जो आपके स्लीप पैटर्न को डिस्टर्ब कर सकते हैं। ऐसे में व्यक्ति को देर रात जागना या रात में ठीक से नींद ना आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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पोषक तत्वों की कमी
अगर एक व्यक्ति लंबे समय तक कीटो डाइट को फॉलो करता है तो इससे उसके शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कीटो डाइट में कुछ फूड आइटम्स ग्रुप्स को पूरी तरह से बाहर कर दिया जाता है या फिर बेहद ही कम लिया जाता है। जिसके चलते शरीर में पोषक तत्वों का असंतुलन होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
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Image Credit- freepik
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