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Mother's Day 2025: मां बनने के बाद एंग्जाइटी और नींद न आना होता है नॉर्मल, इन उपायों से मिलेगी राहत

मां बनना एक खूबसूरत लेकिन अंजाना एहसास होता है। कई एसी माताएं ऐसी होती हैं, जिन्हें बच्चे के जन्म के बाद नींद की कमी,एंग्जाइटी, गुस्सा और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। आप इन उपायों को अपनाकर आप इस जर्नी को आसान बना सकती हैँ।
Editorial
Updated:- 2025-04-29, 17:52 IST

नई मां बनना एक खूबसूरत अनुभव है। मां बनने पर बहुत कुछ न्या एक्सपीरिएंस करने को मिलता है।इस दौरान कई तरह की चुनौतियां भी आती है। इनमें से अनिद्रा और चिंता जैसी समस्याएं होना आम बात है। कुछ मां घबरा जाती हैं, चिड़चिड़ापन और गुस्सा हावी होने लगता है। समझ नहीं आता है कि इस खुशी के साथ इन चुनौतियों का कैसे सामना करें?

यह समझना जरूरी है कि मां बनने के बाद होने वाली एंग्जाइटी सिर्फ हार्मोनल बदलावों के कारण नहीं होती है। इसके लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं। जैसे शारीरिक परिवर्तन, प्रसव के बाद आपका शरीर रिकवर हो रहा होता है, जिससे थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। मानसिक तनाव- एक नए बच्चे की देखबाल की जिम्मेदारी, सामाजिक समर्थन की कमी मानसिक तनाव बढ़ा सकती है। इसके कारण नींद प्रभावित होती है।

अगर आप भी मदरहुड के इस नाजुक दौर से गुजर रही हैं, तो जाने लें कि आप अकेली नहीं हैं। इस मदर्स डे पर, आइए जानें उन सरल उपायों के बारे में जो आपको शांति और सुकून दिला सकते हैं। और आपकी नींद भी बेहतर हो सकती है। इस बारे में हेल्थ एक्सपर्ट लवनीत बत्रा जानकारी दे रही हैं।

एंग्जाइटी और अनिद्रा से कैसे पाएं राहत

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  • जब बच्चा सो रहा हो तो झपकी लें। अगर 20 मिनट भी आप सोती हैं, तो इससे काफी मदद मिलती है।
  • रात 11 बजे से पहले सोने का लक्ष्य रखें।
  • सोने से पहले फोन स्क्रीन से बचें।
  • अपने आहार में मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे केले, बादाम, पलक का को शामिल करें।
  • जिंक के लिए कद्दू के बीज, दालें, अडें, अलसी के बीज शामिल करें।
  • सेलेनियम के लिए आप सूरजमुखी के बीज, ब्राउन राइस, ब्राजील नट्स शामिल करें।

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मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम के फायदे

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मैग्निशियम मस्तिषक में न्यूरोट्रांसमीटर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे शरीर पर शांत प्रभाव पड़ता है। यह तनाव हार्मोन के स्तर को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। इससे एंग्जाइटी में कमी आ सकती है और नींद बेहतर आ सकती है।

 

 

 

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जिंक की बात करें, तो यह भी डर, चिंता और तनाव को कम करने में मदद करता है। जिंक की कमी से सेरोटोनिन और डोपामाइन का संचार बाधित हो सकता है, जिससे एंग्जाइटी और डिप्रेशन के लक्षण बढ़ सकते हैं।

सेलेनियम एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद करता है।

अगर आपकी एंग्जाइटी गंभीर है, तो डॉक्टर या थेरेपिस्ट से बात करने में संकोच न करें।

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Image Credit:Freepik

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