यूं तो गर्मियों में तापमान के बढ़ने से हेल्थ से जुड़ी कई परेशनियां होने लगती हैं, लेकिन इस मौसम में डिहाइड्रेशन सबसे ज्यादा सताता है। ऐसे में, आप शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए खस की जड़ को पानी में मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। खस को वेटिवर के नाम से भी जानते हैं। इस जड़ में विशिष्ट सुगंध होती है। यह गर्मियों के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक पानी है। इसमें आयरन, फाइबर, मैंगनीज, प्रोटीन, जिंक, कॉपर, सेलेनियम, मैग्नीशियम और विटामिन-ए जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह पानी एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होता है, जिससे शरीर बीमारियों से सुरक्षित रहता है। खस की जड़ को पानी में मिलाकर पीने से शरीर को क्या फायदे होते हैं? इसके बारे में आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ चेताली राठौड़ ने इंस्टाग्राम से शेयर किया है। उन्होंने BAMS किया है।
उनका कहना है, ''उशीर सिद्ध जल या वेटिवर इन्फ्यूज्ड वाटर गर्मियों के दौरान इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे अच्छा आयुर्वेदिक पानी है। इस शीतलक, प्राकृतिक और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी से भरा पानी पीने से आपको गर्मी से राहत मिलती है।''
खस की जड़ का पानी पीने से शरीर को ठंडक मिलती हे और प्यास कम होती है। साथ ही, यह शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है।
खस की जड़ का पानी डाइजेशन का टॉनिक माना जाता है, क्योंकि, इसमें शीतल और कार्मिनेटिव गुण होते हैं। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत करता है और भोजन को पचाने में मदद करता है, जिससे एसिडिटी कम होती है। इसके अलावा, इस जड़ में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन कम करते हैं।
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खस की जड़ में मौजूद पित्त-शामक गुण शरीर में पित्त असंतुलन को कम करते हैं। इससे बना पानी रोजाना पीने से शरीर में एनर्जी का लेवल बना रहता है और डाइजेशन बेहतर होता है।
खस की जड़ का पानी ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। इसमें मौजूद नेचुरल गुण ब्लड वेसल्स को फैलाने में मदद करते हैं। जब ब्लड का फ्लो सही तरीके से होता है, तब शरीर के विभिन्न अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व सही तरीके से पहुंचते हैं, जिससे पूरे शरीर की कार्यक्षमता बढ़ती है।
खस की जड़ का पानी मूत्रवर्धक के रूप में काम करता है। इस पानी को पीने से यूटीआई के कारण पेशाब में होने वाली जलन और दर्द कम होता है। साथ ही,खस की जड़ में ऐसे गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया से लड़ने में मदद कर सकते हैं, जो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का कारण हैं।
खस की जड़ में एंटी-इमेटिक गुण होते हैं, जो उल्टी और मतली के इलाज में मदद करते हैं। इस जड़ को आयुर्वेद में शीतल प्रदान करने वाली जड़ी-बूटी माना जाता है, जो पित्त को शांत करती है और उल्टी और मतली को कम करती है। इसके अलावा, खस की जड़ में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो शरीर को हानिकारक फ्री-रेडिकल्स से बचाकर उल्टी और मतली को दूर करते हैं।
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यह पानी पित्त संतुलन करके गर्मी से बचाने के लिए अद्भुत तरीके से काम करता है। इस ठंडी जड़ी-बूटी से बने पानी को पीकर आप खुद को अंदर से ठंडा रख सकते हैं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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