अस्थमा एक ऐसी फेफड़ों से जुड़ी स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें ना केवल व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है, बल्कि इससे अक्सर लगातार खांसी भी आती है। आमतौर पर, खांसी को ट्रिगर करने और सांस लेने में कठिनाई होने पर व्यक्ति को बहुत अधिक असहजता का अनुभव होता है। कुछ लोगों को इस दौरान सांस फूलने की भी शिकायत होती है।
ऐसे में इस समस्या के तुरंत इलाज के लिए इनहेलर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। यह अस्थमा के इलाज के लिए एक प्रभावी तरीका है। लेकिन फिर भी लोगों के मन में इनहेलर को लेकर कई तरह के मिथक होते हैं, जिसके कारण वह इसका इस्तेमाल करने से बचते हैं। उन्हें लगता है कि वह महंगे होते हैं या फिर इनकी आदत लग जाती है। इन सभी मिथकों के चलते वह इनहेलर के स्थान पर दवाइयों का सेवन करते हैं। तो चलिए आज इस लेख में बीएलके मैक्स अस्पताल के रेस्पिरेटरी डिपार्टमेंट के हेड व सीनियर डायरेक्टर डॉ. संदीप नय्यर आपको इन मिथ्स और उनकी सच्चाई के बारे में बता रहे हैं-
सच्चाई- आमतौर पर, लोग इनहेलर लेने से इसलिए भी डरते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर वह एक बार इनहेलर लेंगे तो उन्हें वह उसे सारी उम्र लेना पड़ेगा। वह सोचते हैं कि इनहेलर की आदत लग जाती है। लेकिन यहां आपको यह समझना चाहिए कि अस्थमा एक कंट्रोलबेल डिसीज है, यह क्योरेबल डिसीज नहीं है। इसलिए, आप अपनी बीमारी को पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकते, बस इसे मैनेज किया जा सकता है। इसलिए, एक बार इनहेलर शुरू करने के बाद आपको पूरी उम्र उसे लेना पड़ता है। अगर आप दवाई भी लेंगे, तो वह भी आपको सारी उम्र ही लेनी होगी। इसलिए, यह सोचना कि इनहेलर एडिक्टिव्स होते हैं, गलत है।
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सच्चाई- कुछ लोगों को यह भी लगता है कि गोलियां इनहेलर से अधिक बेहतर होती हैं और वह जल्दी आराम करती हैं। लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। गोलियों और इनहेलर के काम करने का तरीका अलग होता है। जब आप गोली लेते हैं, तो वह पहले आपके पेट में जाती है और फिर ब्लड के जरिए फेफड़ों (फेफड़ों को स्वस्थ रखते हैं ये फूड्स) तक पहुंचती है। इस तरह, वह आपके शरीर के बाकी अंगों को भी इफेक्ट करती है और उसके साइड इफेक्ट्स अधिक होते हैं, जबकि इनहेलर सीधे आपके फेफड़ों तक दवाई को पहुंचाता है। साथ ही, इसमें आपको 20 गुना कम दवाई लेने की जरूरत पड़ती है, जिससे साइड इफेक्ट्स ना के बराबर होते हैं।
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सच्चाई- लोगों के मन में यह भी धारणा होती है कि इनहेलर के बहुत अधिक साइड इफेक्ट होते हैं, जबकि सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है। इनहेलर से दवाई सीधे लंग्स तक पहुंचती है, जिसके कारण आपकी डोज 20 गुना कम हो जाती है और इसलिए इसके साइड इफेक्ट्स गोलियों के मुकाबले बेहद ही कम होते हैं।
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सच्चाई- अमूमन लोग मानते हैं कि इनहेलर्स बच्चों और बूढ़ों के लिए सही नहीं होते हैं। जबकि वास्तव में उनके लिए दवाइयों या गोलियों से बेहतर इनहेलर्स ही होते हैं। चूंकि, बच्चों का इम्यून सिस्टमकमजोर होता है और बू़ढ़े व्यक्तियों के कई आर्गन सही तरह से फंक्शन नहीं करते हैं। ऐसे में अगर वह गोलियां लेते हैं, तो उसके बहुत अधिक नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। इतना ही नहीं, बच्चों को अस्थमा की गोलियां देने से उनकी ग्रोथ पर भी इसका विपरीत असर पड़ता है। जबकि इनहेलर्स से आपको यह नेगेटिव इफेक्ट देखने को नहीं मिलते। इनहेलर बच्चों से लेकर बूढ़ों तक के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
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Image Credit- freepik, pexels
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