महिलाओं के शरीर में हार्मोन बहुत सारी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। हार्मोनल उतार-चढ़ाव सभी के साथ होता है और महिलाओं के शरीर में जो दो मुख्य सेक्स हार्मोन होते हैं वो हैं एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन। इनमें से एस्ट्रोजन का लेवल कई बार बढ़ जाता है और मेनोपॉज के बाद ये काफी घट भी जाता है। शरीर में होने वाले बदलाव काफी हद तक एस्ट्रोजन की कारस्तानी से होता है। इसका लेवल कई कारणों से बढ़ या घट सकता है।
महिलाओं के शरीर में न्यूट्रिशन की कमी, वजन में उतार-चढ़ाव, कॉफी का ज्यादा सेवन, स्ट्रेस लेने या फिर लाइफस्टाइल में कोई बड़ा बदलाव करने के कारण एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल बढ़ता है। पर क्या फूड हैबिट्स को बदलने से इसपर असर पड़ सकता है? हार्मोन बैलेंस और गट हेल्थ में एक्सपर्ट डाइटीशियन मनप्रीत ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एस्ट्रोजन लेवल को कम करने से जुड़े टिप्स शेयर किए हैं।
एस्ट्रोजन लेवल के बढ़ने पर होती हैं ये समस्याएं-
अगर किसी के शरीर में एस्ट्रोजन लेवल बढ़ रहा है तो ये समस्याएं हो सकती हैं।
1. ब्रेस्ट में टेंडरनेस और दर्द-
एस्ट्रोजेन लेवल ब्रेस्ट से जुड़ी समस्याएं लेकर आता है और कई महिलाओं को ब्रेस्ट में टेंडरनेस और समस्याएं हो सकती हैं।
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2. ब्लोटिंग-
ऐसे समय में ब्लोटिंग की प्रॉब्लम काफी ज्यादा हो सकती है।
3. हैवी मेंस्ट्रुअल फ्लो-
एस्ट्रोजेन हार्मोन अगर बढ़ता है तो मेंस्ट्रुअल फ्लो भी काफी ज्यादा हो सकता है। ये नॉर्मल से काफी ज्यादा होता है और समस्या भी बढ़ती है।
4. मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स-
एस्ट्रोजन हार्मोन मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है।
5. सिरदर्द-
कई बार एस्ट्रोजन लेवल के बढ़ने के कारण जरूरत से ज्यादा सिरदर्द भी हो सकता है।
6. पीएमएस-
लगातार मूड स्विंग होना, बहुत ज्यादा परेशानी भरा साबित हो सकता है।
7. हॉट फ्लैशेज-
एस्ट्रोजेन हार्मोन के ज्यादा बढ़ने पर कई बार हॉट फ्लैशेज जैसी समस्या भी हो जाती है।
एस्ट्रोजन लेवल को कंट्रोल करने के लिए क्या करें?
अब बात करते हैं एस्ट्रोजेन जैसे सेक्शुअल हार्मोन को कंट्रोल करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
1. प्लास्टिक कंटेनर को बदलें-
एस्ट्रोजन की समस्या को कम करने के लिए प्लास्टिक कंटेनर्स की जगह ग्लास कंटेनर्स का इस्तेमाल शुरू करें। प्लास्टिक कंटेनर्स खाने में टॉक्सिन फैला देते हैं और इसके कारण हार्मोनल समस्याएं हो सकती हैं। ग्लास कंटेनर्स हेल्थ के लिए ज्यादा बेहतर साबित हो सकते हैं।
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2. कुछ खास सब्जियों को डाइट में शामिल करें-
क्रूसिफेरस सब्जियां जैसे पत्ता गोभी, गोभी आदि एस्ट्रोजन को कम करने में मदद कर सकती हैं। क्रूसिफेरस सब्जियां कैलोरी में कम होती हैं और फोलेट से भरपूर होती हैं। इसमें कई तरह के न्यूट्रिएंट्स और फाइबर होता है।
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3. ककाओ एंटीऑक्सीडेंट स्मूदी-
ककाओ या कोको से शरीर से एक्स्ट्रा एस्ट्रोजन बाहर जाता है और इसके कारण समस्या कम हो सकती है। आप कोको एंटीऑक्सीडेंट स्मूदी बना सकते हैं।
सामग्री-
- 2 छोटे चम्मच ककाओ निब्स या फिर अनस्वीटनड कोको पाउडर
- 1 छोटा केला
- 1 बड़ा चम्मच ओट्स ब्रान
- 150 मिली दूध (आप नट मिल्क भी ले सकते हैं)
- 1 छोटा चम्मच चिया सीड्स
- एक चुटकी दालचीनी पाउडर
- एक चुटकी जायफल पाउडर
- 1 छोटा चम्मच बादाम का मक्खन
इन सभी चीज़ों को एक साथ ब्लेंड करें और इस ड्रिंक को एन्जॉय करें। इसमें और कुछ मिलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अगर आपको बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है तो डॉक्टर से बात जरूर करें। अपनी डाइट में कोई मेजर बदलाव करने से पहले भी डॉक्टर से बात करनी सही होती है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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