क्या चलते समय आपके घुटनों से भी चटकने की आवाज आती है? आयुर्वेद के अनुसार, घुटनों से कट-कट की आवाज आना एक आम समस्या है, जिससे कई महिलाएं परेशान रहती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, यह समस्या वात असंतुलन या अस्थि धातु (बोन टिश्यु) की कमी के कारण हो सकती है। वात असंतुलन के कारण जोड़ों में कमजोरी, अकड़न और दर्द हो सकता है। आयुर्वेद में इस समस्या के लिए कई उपचार हैं, जिनमें से सबसे आसान और असरदार तरीका आयुर्वेदिक तेल के मिश्रण का इस्तेमाल करना है। इस तेल के बारे में हमें डाइटिशियन मनप्रीत बता रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।
एक्सपर्ट का कहना है, ''इस आयुर्वेदिक तेल का मिश्रण आपके जोड़ों को मज़बूत बनाने और बढ़े हुए वात को नेचुरली शांत करने में मदद करता है। इसे आप रसोई में मौजूद चीजों से बना आसानी से बना सकती हैं। रसोई में कई ऐसे मसाले हैं, जो सब्जी का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ हेल्थ से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में भी मदद करते हैं। इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट और अन्य कई तरह के दर्द को दूर भगाने वाले गुण होते हैं।''
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लौंग के फायदे- लौंग में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करते हैं। साथ ही, इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो जोड़ों को नुकसान से बचाते हैं।
दालचीनी के फायदे- दालचीनी नेचुरल पेनकिलर के रूप में काम करती है। यह जोड़ों में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाती है, जिससे जोड़ों तक पोषक तत्व बेहतर तरीके से पहुंचते हैं और रिपेयरिंग प्रोसेस में मदद मिलती है। इसमें मौजूद एनाल्जेसिक गुण दर्द का दूर करते हैं। साथ ही, इसमें सूजन से लड़ने की क्षमता होती है।
काली मिर्च के फायदे- किचन में मौजूद छोटी सी मिर्च न सिर्फ खाने को स्वादिष्ट बनाती है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। काली मिर्च में पिपेरिन नामक का तत्व होता है, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करता है और अन्य जड़ी-बूटियों के गुणों को शरीर में बेहतर तरीके से अवशोषित होता है।
मेथी के फायदे- मेथी में फ्लेवोनोइड्स और सैपोनिन जैसे तत्व होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं। इसमें कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। साथ ही, मेथी में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं, जो जोड़ों के दर्द का अहम कारण है।
अजवाइन के फायदे- अजवाइन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों में सूजन को कम करता है। साथ ही, यह मसल्स की ऐंठन और दर्द के कम करता है, जो अक्सर जोड़ों में दर्द के कारण होती है।
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तिल के तेल के फायदे- तिल के तेल की तासीर गर्म मानी जाती है और यह जोड़ों को चिकनाई देता है, जिससे जोड़ों की अकड़न कम होती है। इसमें हल्के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। यह तेल त्वचा में आसानी से समा जाता है और जड़ी-बूटियों के औषधीय गुणों को गहराई तक पहुंचाने में मदद करता है।
आयुर्वेदिक तेल का मिश्रण घुटनों की चटकन और जोड़ों के दर्द को कम करने का प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका है। इस तेल मिश्रण में कई तरह की जड़ी-बूटियों और तेलों का कॉम्बिनेशन होता है, जो जोड़ों को मजबूत बनाने और वात दोष को शांत करता है।
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