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how to combat respiratory illness for elderly

बुजुर्गों में सांस संबंधी बीमारियों में जरूरी है सही देखभाल, इन टिप्स की लें मदद

बुजुर्गों में सांस संबंधी बीमारियां काफी आम हैं। इनमें दवाईयों के साथ सही देखभाल भी जरूरी है। खासकर बदलते मौसम में इन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। एक्सपर्ट के बताए इन टिप्स की मदद लें।
Editorial
Updated:- 2024-09-15, 13:00 IST

बढ़ती उम्र के साथ कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। उम्र बढ़ने के साथ, बीपी, शुगर, दिल की बीमारियां और जोड़ों के दर्द जैसी दिक्कतें आम हो जाती हैं। बुजुर्गों में सांस संबंधी बीमारियां भी अधिक होती हैं। सांस फूलना, सांस लेने में दिक्कत या श्वसन तंत्र के जुड़े इंफेक्शन बुजुर्गों को अधिक परेशान करते हैं। सांस संबंधी रोग, श्वसन मार्ग और फेफड़ों के रोग हैं, जो असल में व्यक्ति से श्वसन पर असर डालते हैं। जब श्वसन प्रणाली का कोई भी हिस्सा संक्रमित हो जाता है, तो कई तरह की दिक्कतें होने लगती हैं। कोई वायरस या बैक्टीरिया जब श्वसन तंत्र में चला जाता है, तो ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमित हो जाता है। खासकर, बढ़ती उम्र में और बदलते मौसम में सांस से जुड़ी दिक्कतो का खतरा अधिक रहता है। किन टिप्स की मदद से आप सांस संबंधी बीमारियों में बुजुर्गों की सही देखभाल कर सकते हैं, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डॉक्टर विनीत बंगा दे रहे हैं। वह फोर्टिस अस्पताल, फरीदाबाद के न्यूरोलॉजी विभाग में डायरेक्टर हैं।

बुजुर्गों में सांस संबंधी बीमारियों से बचने के लिए इन टिप्स की लें मदद

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  • बुजुर्गों में सांस संबंधी दिक्कतों में अधिक देखभाल की जरूरत होती है क्योंकि कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण, बुजुर्गों में इसका खतरा अधिक रहता है।
  • फ्लू और न्यूमोनिया के वैक्सीनेशन भी बहुत जरूरी हैं क्योंकि कॉमन इंफेक्शन से बचाने में ये वैक्सीन अहम भूमिका निभाती हैं।
  • इसके अलावा, बुजुर्गों के आस-पास साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी है, वहां धूल-मिट्टी नहीं होनी चाहिए क्योंकि धूल-मिट्टी, प्रदूषण के कण और अन्य कई चीजों के चलते, श्वसन संक्रमण बढ़ सकते हैं। 
  • अगर कोई व्यक्ति पहले से ही श्वसन संबंधी बीमारियों से घिरा हुआ है, तो उसमें एलर्जी अधिक बढ़ सकती है।
  • हाथों को बार-बार धोना भी जरूरी है। इसके साथ ही, फ्लू सीजन में या भीड़भाड़ वाली जगह में बुजुर्गों को मास्क लगाकर रखना चाहिए ताकि इंफेक्शन से बचा जा सके।

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  • इसमें डाइट का भी अहम रोल है। एंटी-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन-सी, विटामिन-डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर डाइट, फेफड़ों और इम्यून सिस्टम के लिए बहुत जरूरी है।
  • खुद को हाइड्रे़ट रखें और स्मोकिंग व स्मोक वाली जगह में जाना अवॉइड करें
  • अपनी क्षमता के अनुसार, फिजिकल एक्टिविटी भी जरूर करें। इससे लंग्स हेल्थ में सुधार होगा।
  • साथ ही, बीच-बीच में बुजुर्गों को हेल्थ चेकअप करवाते रहना चाहिए।

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बुजुर्गों में सांस संबंधी परेशानियों की देखभाल के लिए, एक्सपर्ट के बताए ये टिप्स मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही, हेल्दी डाइट और हेयर केयर पर भी ध्यान दें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit:Freepik, Shutterstock

FAQ
क्या बुजुर्गों को सांस संबंधी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है?
हां, कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण, बुजुर्गों को श्वसन संबंधी दिक्कतें जल्दी हो सकती हैं।
बुजुर्गों को सांस संबंधी बीमारियों से कैसे बचना चाहिए?
स्मोकिंग न करें, धुएं वाली जगहों पर कम जाएं, हेल्दी डाइट लें और क्षमता के अनुसार, फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें।
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