आखिर क्यों डव कंपनी वापस बुलवा रही है अपने शैम्पू? हेयर केयर प्रोडक्ट्स और कैंसर से जुड़ा रिस्क

कई चर्चित ब्रांड्स ने अपने ड्राई शैम्पू वापस बुलवा लिए हैं। इसके पीछे हाल ही में आई एक रिसर्च है। 

 
Dry shampoo cancer risk

क्या शैम्पू से कैंसर होता है? इस मामले को लेकर फिल्हाल बहुत बहस चल रही है। हाल ही में एक रिसर्च स्टडी आई है जिसके बाद बहुत सारे ब्रांड्स के ड्राई शैम्पू वापस बुलवा लिए गए हैं। कई कंपनियों को लेकर इस तरह के खुलासे हुए हैं जो बताते हैं कि शैम्पू में ऐसे केमिकल्स हैं जो कैंसर पैदा कर सकते हैं। दरअसल, अमेरिका के कनेक्टिकट स्थित एक लैब वेली श्योर ने 34 ब्रांड्स के ड्राई शैम्पू टेस्ट किए और 148 बैच का टेस्ट हुआ और जो नतीजे सामने आए वो चौंकाने वाले थे। इस रिपोर्ट के मुताबिक 70% में बेंजीन (benzene) की बहुत ज्यादा मात्रा पाई गई।

आखिर क्यों खतरनाक है बेंजीन?

अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक जिन प्रोडक्ट्स में बेंजीन पाया गया है उन्हें वापस बुला लिया गया है। दरअसल, ये केमिकल एक खास तरीके का ब्लड कैंसर पैदा कर सकता है जिसे ल्यूकेमिया कहा जाता है। जिस कंपनी ने ये खुलासा किया है उसने अन्य कंपनियों के खिलाफ केस फाइल कर दिया है।

dry shampoo and cancer

सबसे बड़ी बात ये है कि बेंजीन जैसा सब्सटेंस स्प्रे सनस्क्रीन, एंटीपरस्पिरेंट, हैंड सेनेटाइजर आदि में भी पाया जाता है और कई लोगों के लिए ये नुकसानदेह साबित हो सकता है। हो सकता है कई लोगों को इसकी वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा हो और उन्हें बीमारी के लक्षण दिखने लगे हों।

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इस तरह के शैम्पू में होता है सबसे हाई बेंजीन

रिपोर्ट का मानना है कि ड्राई शैम्पू में सबसे ज्यादा बेंजीन मिला। एक अमेरिकी ब्रांड जो अपने क्लीन और नेचुरल कंटेंट्स को लेकर बहुत फेमस था उसमें सबसे ज्यादा मात्रा में बेंजीन मिला। इस रिपोर्ट में डव कंपनी के शैम्पू भी शामिल हैं जिनमें बेंजीन पाया गया है। इसके अलावा, सॉव और बेड हेड जैसे यूनिलीवर कंपनी के प्रोडक्ट्स शामिल हैं। इसके अलावा, प्रॉक्टर और गैम्बल का पैंटीन शैम्पू भी शामिल है जो भारत में काफी फेमस है। इसके अलावा, हर्बल एसेंस कंपनी का शैम्पू भी इसमें शामिल है।

क्या ड्राई शैम्पू सेहत के लिए खराब होते हैं?

ड्राई शैम्पू खराब ही हो ये जरूरी नहीं होता है। ये उस समय के लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं जब आपके पास समय ना हो और आपको जल्दी से जल्दी काम निपटाना हो। ड्राई शैम्पू बालों को वॉश नहीं करता है बल्कि वो स्कैल्प का तेल सोख लेता है। इसलिए इसे हफ्ते में एक बार से ज्यादा इस्तेमाल ना करने की सलाह दी जाती है। सबसे ज्यादा दिक्कत ऐसे में उन लोगों को होती है जो हफ्ते में 4 से ज्यादा बार ड्राई शैम्पू का इस्तेमाल करते हैं। एक तरह से देखा जाए तो ये शैम्पू बहुत ही ज्यादा नुकसानदेह साबित हो सकता है स्कैल्प के लिए।

ये स्कैल्प में जमकर बालों को भी खराब कर सकता है। दरअसल, स्कैल्प में अगर ज्यादा केमिकल जमा हो जाता है तो वो स्कैल्प को जरूरत से ज्यादा ड्राई कर देता है। अब समझिए कि अगर आप ड्राई शैम्पू को लगातार कई दिनों तक इस्तेमाल करती हैं तो इसके केमिकल्स आपके स्कैल्प द्वारा ब्लड स्ट्रीम में भी एब्जॉर्ब हो जाता है।

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किस तरह से शैम्पू इस्तेमाल करने चाहिए?

आपको हमेशा ऐसे शैम्पू इस्तेमाल करने चाहिए जिनमें केमिकल कम हों। ऑर्गेनिक और नेचुरल इंग्रीडिएंट वाले माइल्ड शैम्पू ना सिर्फ आपके बालों के लिए अच्छे होते हैं बल्कि ये आपकी सेहत के लिए भी अच्छे हैं। पैराबेन, बेंजीन, ट्राइक्लोसन, परफ्यूम, पॉल्येथेलीन ग्लाइकोल आदि इंग्रीडिएंट्स को अवॉइड करना चाहिए।

ऐसे ही सोडियम सल्फेट, सोडियम लॉरेल सल्फेट, अमोनियम जैसे इंग्रीडिएंट्स से बहुत बचना चाहिए।

आपका इस बारे में क्या ख्याल है? जॉन्सन एंड जॉन्सन से बेबी पाउडर से लेकर डव के शैम्पू तक बहुत कुछ कैंसर के दायरे में आता है। अपने सुझाव हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Shutterstock/ Freepik

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