पीरियड के दौरान महिलाओं को पेट, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, खिंचाव और भारीपन महसूस होता है। इसका मुख्य कारण यूट्रस की मसल्स का सिकुड़ना है, जिससे शरीर की पुरानी लाइनिंग बाहर निकलती है। इस प्रोसेस के दौरान कई बार शरीर पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है, जिससे थकान, सिरदर्द, उल्टी, दस्त या जी मिचलाने जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं। अधिकांश महिलाएं इस दर्द से राहत पाने के लिए पेनकिलर खाती हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर करवा चौथ के दिन ही पीरियड आ जाए, तो क्या किया जाए?
करवा चौथ का व्रत हर विवाहित महिला के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन की कामना करते हुए दिन-भर निर्जला व्रत रखती हैं, लेकिन अगर इस दिन पीरियड शुरू हो जाए, तो यह कंडीशन और भी असुविधाजनक हो सकती है, क्योंकि व्रत के दौरान पानी या दवा लेना संभव नहीं होता।
बिना पानी और भोजन के रहना पहले ही शरीर को कमजोर बना देता है, ऐसे में पीरियड क्रैम्प्स की तकलीफ और बढ़ सकती है। हालांकि, चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि आयुर्वेद में ऐसे कई नेचुरल उपाय बताए गए हैं, जो बिना दवा के भी दर्द को शांत कर सकते हैं। इनमें सबसे असरदार और सुरक्षित उपाय कैस्टर ऑयल की सिंकाई है, जो पीरियड्स पेन को नेचुरली कम करने के साथ-साथ शरीर को रिलैक्स और एनर्जी से भर देती है। इसके बारे में हमें दिल्ली आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स ब्रांड ‘द कदंब ट्री’ की फाउंडर और BAMS डॉक्टर दीक्षा भावसार बता रही हैं।
कैस्टर ऑयल (अरंडी का तेल) को आयुर्वेद में नेचुरल हीलर माना गया है। इसमें मौजूद रिकिनोलेइक एसिड शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी है, जो शरीर की सूजन को कम और दर्द को शांत करने में बेहद असरदार है। यह खासतौर पर पेट के निचले हिस्से, पीठ और जांघों में होने वाले पीरियड्स क्रैम्प्स को जल्दी शांत करता है।
कैस्टर ऑयल के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर में प्रोस्टाग्लैंडिंस के असर को कम करते हैं, जो पीरियड्स के दौरान दर्द पैदा करते हैं। इससे सूजन और दर्द दोनों में आराम मिलता है।
जब आप पेट के निचले हिस्से पर कैस्टर ऑयल लगाकर हल्की सिंकाई करती हैं, तब यह पेल्विक एरिया में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। इससे ऑक्सीजन और पोषक तत्व मसल्स तक आसानी से पहुंचते हैं और दर्द में तुरंत राहत मिलती है।
कैस्टर ऑयल के गर्म और नेचुरल गुण मसल्स को रिलैक्स करते हैं। इससे ऐंठन धीरे-धीरे शांत होती है और शरीर को सूदिंग अनुभव मिलता है।
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यह तेल शरीर से जमा टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। इससे शरीर हल्का महसूस होता है और पीरियड्स के दौरान होने वाली थकान, भारीपन और मूड स्विंग जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है।
यह पूरी तरह नेचुरल और सेफ उपाय है, जिसमें किसी दवा या पेनकिलर की जरूरत नहीं पड़ती। खासकर करवा चौथ जैसे व्रत के दिनों में, जब पानी भी नहीं पिया जाता, तब यह देसी नुस्खा बेहद असरदार और सुरक्षित विकल्प बन सकता है।
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अगर करवा चौथ के दिन व्रत रखते हुए आपके भी पीरियड आ जाए, तो इस उपाय को आजमाने के साथ आराम भी करें। जरूरत लगे तो व्रत के नियमों को थोड़ा आसान करें और खुद पर जोर न डालें। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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