
बीते दिनों में ऐसी कई सारी खबरें हमें सुनने और देखने को मिली है, जहां डीजे की धुन पर डांस करते हुए लोगों की मौत हो गई। ऐसी खबरें देखने और सुनने में काफी विचलित करने वाली लगती हैं और देखा जाए तो ये घटनाएं बाकि लोगों के लिए एक हेल्थ अलर्ट भी साबित हुई हैं कि डीजे का तेज साउंड कितना खतरनाक हो सकता है।
पर वहीं बहुत सारे लोग इस तथ्य को जानने और समझने से इंकार कर डीजे की धुन पर घंटों मनोरंजन करते नजर आ जाते हैं। खासकर शादी-विवाह जैसे समारोह में डीजे बजाना और डीजे की धुन पर डांस करना आम चलन बन चुका है। दरअसल, ज्यादातर लोग इसके दुष्परिणाम के बारे में सही जानकारी नहीं रखते हैं और जाने-अंजाने में अपने सेहत के साथ खिलवाड़ करते रहते हैं। ऐसे में इस आर्टिकल के जरिए हम प्रयास अपने रीडर्स तक इस बारे सें सही जानकारी पहुंचाना है।
असल में, हमने डीजे के तेज साउंड से होने वाले सेहत पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव के बारे में लखनऊ के फिजिशियन डॉ. बिजेंद्र सिंह से बात की और उनसे मिली यह जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैँ।
डॉ. बिजेंद्र सिंह बताते हैं कि डीजे से 200-500 डेसिबल तक की ध्वनि उत्पन्न होती है, जबकि इंसान सिर्फ 80 डेसिबल की ध्वनि बर्दाश्त कर सकता है। ऐसे में डीजे का तेज साउंड सीधे तौर पर खतरनाक होता है। इसके अलावा डीजे के साउंड से कंपन भी उत्पन्न होता है, जो कि हृदयरोगियों के लिए घातक होता है। खासतौर पर अगर व्यक्ति देर तर ऐसे साउंड के संपर्क में रहे तो इससे दिल के दौरे का खतरा होता है।
असल में तेज ध्वनि व्यक्ति के दिल की धड़कन की गति को बिगाड़ सकती है, जिससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन गड़बड़ होता है और फिर ब्लड क्लॉटिंग और फिर इससे हार्ट फेल हो जाने की स्थिति बन सकती है। साउंड के कारण शरीर पर पड़ने वाले खतरनाक असर को चिकित्सा विज्ञान में एट्रियल फिब्रिलेशन कहते हैं।

दिल ही नहीं डीजे के तेज साउंड का दिमाग पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे शोर से सिर दर्द, तनाव और मानसिक अवसाद की स्थिति बनती है। वहीं यह तेज साउंड गर्भ में पल रहे बच्चे के मानसिक विकास पर घातक प्रभाव डालता है। इसके कारण होने वाले बच्चे में मानसिक विकृति भी हो सकती है। इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को खासतौर पर डीजे के साउंड से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

वहीं छोटे बच्चों में डीजे का तेज साउंड बिहेवरल डिसेबल का कारण बनता है, इसके कारण बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं और बिना वजह गुस्सा करते हैं। इतना ही नहीं डीजे के तेज साउंड के कारण बच्चों के कान के पर्दे फट भी सकते हैं। इसलिए छोटे बच्चों को डीजे से दूर ही रखना चाहिए।
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