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PCOD की वजह से इंबैलेंस हो गए हैं हार्मोन्स? इन आसान हैक्स से करें मैनेज

PCOD में महिलाओं के हार्मोन्स इंबैलेंस हो जाते हैं और इसकी वजह से उनकी पीरियड साइकिल, एनर्जी लेवल और मेंटल हेल्थ पर असर होता है। एक्सपर्ट के बताए ये टिप्स हार्मोन्स को बैलेंस करने में मदद कर सकते हैं।  
Editorial
Updated:- 2025-09-15, 18:22 IST

PCOD को सिर्फ पीरियड्स या फर्टिलिटी से जोड़ना ठीक नहीं है। इसका असर महिलाओं के शरीर पर इनसे कहीं ज्यादा होता है। PCOD में होने वाले हार्मोनल इंबैलेंस के कारण, महिलाओं का वजन, पीरियड साइकिल, फर्टिलिटी, मूड और स्किन समेत कई चीजें प्रभावित होती हैं। PCOD में होने वाले इंसुलिन रेजिस्टेंस और हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से महिलाओं की शुगर क्रेविंग्स होती हैं और अधिक मीठा खाने के चलते एक्ने, मोटापा और अनियमित पीरियड्स जैसी दिक्कतें बढ़ जाती हैं। ऐसे में हार्मोनल बैलेंस पर ध्यान देना खासा जरूरी है। PCOD में हार्मोन्स को मैनेज करने, शुगर क्रेविंग्स को कंट्रोल करने और इसके लक्षणों को रिवर्स करने में ये हैक्स मदद कर सकते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं और रीबूट गट हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली की फाउंडर और डायरेक्‍टर हैं।

PCOD में हार्मोन्स को मैनेज करने के लिए अपनाएं ये 7 आसान हैक्स

  • PCOD में महिलाओं को मैग्नीशियम रिच फूड्स को डाइट में शामिल करना चाहिए। नट्स, सीड्स और पालक समेत मैग्नीशियम से भरपूर चीजें, हार्मोन्स को बैलेंस करने में मदद करती हैं। इनसे पीरियड्स को रेगुलर करने में भी मदद मिलती है और इंसुलिन रेजिस्टेंस कम होता है।
  • हार्मोन्स को बैलेंस करने में कई हर्ब्स भी मदद कर सकते हैं। ऐसे में इन्हें डाइट में जरूर शामिल करें। स्पियरमिंट यानी पहाड़ी पुदीने की चाय, एस्ट्रोजन डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करती है, पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतों में आराम देती है और पीसीओडी के लक्षणों को रिवर्स करने में मदद करती है।

 

 

 

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  • अगर आपको पीसीओडी है तो कोशिश करें कि आपके हर मील में कॉम्पलेक्स कार्ब्स और लीन प्रोटीन हो। इससे ब्लड शुगर लेवल में स्पाइक नहीं होता है और हार्मोन्स बैलेंस रहते हैं। पीसीओडी में रिफाइंड शुगर से दूरी बनाना भी जरूरी है।

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  • आप ग्रीन टी या लेमन टी को डाइट का हिस्सा बनाएं। इससे शरीर डिटॉक्स होता है। अपनी स्लीप साइकिल को मैनेज करें। लंबे समय तक तनाव में रहना या नींद पूरी न होना भी हार्मोनल इंबैलेंस का एक बड़ा कारण हो सकती है।
  • जिन महिलाओं को पीसीओडी है उन्हें प्राणायाम जरूर करना चाहिए ताकि दिमाग शांत रहे और स्ट्रेस को कम करने में मदद मिले। स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के बढ़ने का सीधा असर, शरीर के अन्य हार्मोन्स और फंक्शन्स पर होता है।

 

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PCOD में हार्मोन्स को बैलेंस करने में ये हैक्स मदद कर सकते हैं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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