हमारे शरीर में हार्मोन्स की अहम भूमिका होती है। शरीर के कई फंक्शन्स, हार्मोन्स से प्रभावित होते हैं और ऐसे में हार्मोनल इंबैलेंस का असर, कई बॉडी फंक्शन्स को प्रभावित कर सकता है। खासकर, अगर बात महिलाओं की करें तो पीरियड्स, सेक्शुअल लाइफ और फर्टिलिटी समेत कई चीजों का हमारे हार्मोन्स से सीधा रिश्ता है। शरीर में कई ऐसे हार्मोन्स होते हैं, जो कंसीव करने की क्षमता पर सीधा असर डालते हैं। अगर इनमें से किसी हार्मोन का लेवल ऊपर-नीचे हैं, तो मां बनने में मुश्किल आ सकती है। आपकी सेक्शुअल लाइफ कैसी होगी, कंसीव करना आसान होगा या मुश्किल और प्रेग्नेंसी का सफर कैसा रहेगा, ये सभी काफी हद तक हमारे हार्मोन्स पर निर्भर करता है।
ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन भी पीरियड्स, ओव्युलेशन और कंसीव करने के लिए बहुत जरूरी है। यह हार्मोन किस तरह आपकी फर्टिलिटी पर असर डाल सकता है और इसे बैलेंस करने के लिए डाइट में किन फूड्स को शामिल करना चाहिए, चलिए इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं और रीबूट गट हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली की फाउंडर और डायरेक्टर हैं।
ओव्युलेशन के लिए जरूरी है ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन
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ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच), हेल्दी ओव्युलेशन और रेगुलर पीरियड्स के लिए बहुत जरूरी है। अगर आप कंसीव करने की प्लानिंग कर रही हैं, रिप्रोडक्टिव हेल्थ को दुरुस्त करना चाहती हैं, तो इस हार्मोन के सही लेवल पर ध्यान दें।
ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन को बैलेंस करने के लिए खाएं ये फूड्स
- अखरोट, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर होता है। यह हार्मोनल बैलेंस और ओव्युलेशन में मदद करता है।
- बादाम, विटामिन-ई और मैग्नीशियम से भरपूर होता है। यह हार्मोन रेगुलेशन के लिए जरूरी है।
- काजू में जिंक होता है। यह एलएच हार्मोन के प्रोडक्शन को बूस्ट करता है और रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए जरूरी है।
- चिया सीड्स, ओमेगा-3 और फाइबर से भरपूर होता है। यह इंफ्लेमेशन को कम करता है और हार्मोन्स को बैलेंस करता है।
- दालचीनी, इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारती है। यह एचएल रेगुलेशन में मदद करती है।
- अवाकाडो, हेल्दी फैट्स और विटामिन्स से भरपूर होता है। जो महिलाएं कंसीव करने की प्लानिंग कर रही हैं, उन्हें इसे डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।
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ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन को बैलेंस करने से क्या फायदे मिलते हैं?
- ओव्युलेशन हेल्दी होता है
- मेंस्ट्रुअल साइकिल रेगुलर होती है
- फर्टिलिटी और रिप्रोडक्टिव हेल्थ में सुधार होता है
- हार्मोन्स बैलेंस होते हैं
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महिलाओं के नेचुरली कंसीव करने के लिए, शरीर में कई हार्मोन्स का लेवल सही होना बहुत जरूरी है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock
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