उन्नाव रेप पीड़िता की दिल का दौरा पड़ने से मौत, आखिरी शब्द थे 'डॉक्टर साहब, मैं मरना नहीं चाहती'

उन्नाव रेप केस पीड़िता ने अपने साथ हुई नाइंसाफी की जंग बहादुरी से लड़ी, लेकिन आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गई। 

unnao rape case victim fight for justice main

उन्नाव की बहादुर बेटी की आंखों में भी सपने थे एक अच्छी जिंदगी के, वो भी लाइफ में आगे बढ़ना चाहती थी, उसने अपने गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए अदालत में लड़ाई लड़ी, लेकिन आखिरकार वह जिंदगी से जंग हार गई। हैदराबाद की वेटरनरी डॉक्टर की मौत के बाद उन्नाव की यह रेप पीड़िता भी 90 फीसदी जलने के बाद मौत की शिकार हो गई। गंभीर हालत में उसे एयरलिफ्ट कराकर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था।लेकिन यहां इलाज के दौरान पीड़िता की रात 11:10 मिनट पर कार्डियक अरेस्त से मौत से हो गई। इससे पहले पीड़िता को जमानत पर छूटे रेपिस्ट्स ने जिंदा जलाया दिया था। जलते शरीर के साथ पीड़िता एक किलोमीटर तक भागकर लोगों से मदद मांगने पहुंची थी। इस दुखद घटना पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा था, 'आरोपियों को एक महीने के भीतर फांसी दी जाए।

unnao rape case victim dies

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उन्नाव रेप पीड़िता को जब अस्पताल में भर्ती कराया गया था तो उसने वहां के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुनील गुप्ता से कहा था, ‘‘डॉक्टर साहब, मैं बच तो जाऊंगी ना? मैं मरना नहीं चाहती। मेरे गुनहगारों को सजा जरूर दिलवाइएगा।'

लोगों ने सोशल मीडिया पर जाहिर की नाराजगी

ट्विटर पर लोगों ने उन्नाव रेप पीड़िता के लिए संवेदना व्यक्त की है, तो वहीं बहुत से लोगों ने इसे सिस्टम का फेलियर बताया है। कुछ लोगों ने आरोपियों को बेल देने वाले जज पर उंगली उठाई है तो कुछ ने पुलिस पर निशाना साधा है, जिन्होंने उन्नाव रेप पीड़िता की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया।

सदमे में पीड़िता का परिवार

unnao rape case victim dies from cardiac arrest

पीड़िता की बड़ी बहन भी अपनी मां के साथ शुक्रवार को लखनऊ से सफदरजंग अस्पताल पहुंची थी। बहन की मौत से वह पूरी तरह टूट गई है। मरने से पहले उन्नाव रेप पीड़िता ने अपने भाई से वादा लिया कि वह उसके गुनहगारों को जरूर सजा दिलवाए।

कोर्ट के आदेश पर मार्च 2018 में दर्ज हुआ था मामला

लड़की को उसी के गांव के आरोपी शिवम ने शादी का झांसा देकर उसके साथ रेप किया था। उसने रेप का वीडियो बनाकर पीड़िता को ब्लैकमेल किया था और उसे मेंटली टॉर्चर किया था। परेशान होकर लड़की अपनी बुआ के घर रायबरेली चली गई। लेकिन शिवम ने यहां भी उसका पीछा किया और हथियारों का डर दिखाकर उसके साथ गैंगरेप किया। इस मामले में 5 मार्च, 2018 को परिवार की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर रेप के दो आरोपियों शिवम और शुभम को गिरफ्तार किया था। लेकिन 3 दिसंबर को दोनों को जमानत दे दी गई और जेल से बाहर आते ही उन्होंने पीड़िता को जला दिया। पुलिस ने इस मामले पर कार्रवाई करते हुए शिवम, उसके पिता रामकिशोर, शुभम, हरिशंकर और उमेश बाजपेयी को गिरफ्तार किया है।

रेप जैसे मामलों के लिए कड़े कानून की जरूरत

हैरानी की बात ये है कि हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर को जिंदा जला देने की घटना के बाद से मालदा से लेकर उन्नाव तक, कई जगहों से रेप विक्टिम्स की हत्या और उन्हें जिंदा जला देने के मामले सामने आ रहे हैं। साफ है कि रेपिस्ट्स और यौन हिंसा करने वालों में कानून का डर नहीं रह गया है। साल 2012 में निर्भया के साथ सामूहिक रेप और दरिंदगी के बाद आंदोलन तो बहुत हुए, लेकिन महिलाओं के लिए स्थितियां बेहतर नहीं हुईं। आज भी देश की लाखों महिलाएं यौन हिंसा की शिकार हो रही हैं। यह स्थिति तभी बदल सकती है जब महिलाओं के साथ होने वाली यौन हिंसा पर कड़े एक्शन लिए जाएं और आरोपियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए।

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