
हिंदू धर्म के अनुसार किसी भी एकादशी तिथि का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। हर महीने दो बार आने वाली यह तिथि न केवल व्रत और उपासना के लिए शुभ होती है, बल्कि इसे पापों के नाश और मोक्ष प्राप्ति का माध्यम भी माना जाता है। किसी भी महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन आने वाली तिथि को एकादशी कहा जाता है और भक्त इस दौरान व्रत-उपवास करते हैं। सभी महीनों की ही तरह नवंबर का महीना भी बहुत पवित्र माना जाता है और इस महीने भी दो एकादशी तिथियां पड़ने वाली हैं। इस महीने में पड़ने वाली तिथियां देवउठनी और उत्पन्ना एकादशी हैं। दोनों ही तिथियों का ज्योतिष और हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। मान्यता है कि देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा पूरी करके जागृत अवस्था में आ जाते हैं और सृष्टि का कार्यभार फिर से संभाल लेते हैं। ऐसे ही उत्पन्ना एकादशी का महत्व भी बहुत ज्यादा होता है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें नवंबर महीने में पड़ने वाली एकादशी की सही तिथि और मुहूर्त के बारे में विस्तार से।
इस साल देवउठनी एकादशी 01 नवंबर, शनिवार को मनाई जाएगी।
देवउठनी एकादशी कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है और इसे प्रबोधिनी या देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता हो। हिंदू शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु अपनी चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं। आषाढ़ शुक्ल एकादशी से शुरू होने वाली यह योगनिद्रा चातुर्मास के अंत तक चलती है और देवउठनी एकादशी एकादशी इस दिव्य निद्रा से भगवान के जागरण का पवित्र क्षण माना जाता है। इस दिन से पुनः सभी शुभ एवं मांगलिक काम आरंभ हो जाते हैं जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण और अन्नप्राशन आदि। कई स्थानों पर इसी दिन तुलसी और भगवान शालिग्राम की विवाह भी किया जाता है। इस दिन का उपवास करने वाले के जीवन से सभी कष्ट दूर होते हैं और समृद्धि बनी रहती है। देवउठनी एकादशी को नकारात्मक ऊर्जा के अंत और नए सकारात्मक शुभारंभ का प्रतीक भी माना जाता है और इस दिन की गई पूजा व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्ति और ईश्वरीय कृपा प्रदान करती है।
इसे जरूर पढ़ें: Dev Uthani Ekadashi 2025: देवउठनी एकादशी पर गन्ने का होता है विशेष महत्व, जानें इसका धार्मिक महत्व
वैदिक पंचांग के अनुसार नवंबर यानी कि मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 15 नवंबर को है।
उत्पन्ना एकादशी का दिन अत्यंत पावन महत्व माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से जन्म-जन्मांतर के पापों का क्षय होता है और साधक को मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। यह एकादशी श्रद्धा और भक्ति के भाव से किए गए साधना का श्रेष्ठ फल प्रदान करती है। इस दिन विष्णुजी के साथ माता लक्ष्मी की आराधना भी विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है, क्योंकि यह दिन माता लक्ष्मी की दिव्य ऊर्जा को जाग्रत करके भक्त के जीवन में समृद्धि और सौभाग्य का प्रवेश करवाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार उत्पन्ना एकादशी के दिन किए गए दान और पुण्य कर्म सामान्य दिनों की अपेक्षा कई गुना फल प्रदान करते हैं।
अगर आप भी नवंबर में एकादशी का व्रत करती हैं तो उसकी सही तिथि भी जान लेनी जरूरी है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Images: Freepik.com
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।