Twin Tower: 17 करोड़ रुपए खर्च कर क्यों गिराया जा रहा है नोएडा का ट्विन टावर?

Twin Tower: नोएडा का ट्विन टावर क्यों गिराया जा रहा है? जानिए इस आर्टिकल में। 

 
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Twin Tower: सुपरटेक ट्विन टावर (Supertech Twin Towers) नोएडा में बनी बड़ी-बड़ी इमारतों में से एक है। इस टावर को पिछले कुछ समय से गिराने की बात चल रही है। ऐसे में आपके मन में सवाल आ सकता है कि ऐसा क्यों किया जा रहा है? इस आर्टिकल में हम आपको इसी बारे में बताने वाले हैं।

क्यों गिराया जा रहा है ट्विन टावर

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  • सुपरटेक ट्विन टावर नोएडा के सेक्टर 93-A स्थित एमराल्ड कोर्ट में बने टावरों में से एक है। इस टावर का निर्माण 2009 शुरू किया गया था।
  • न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने अवासीय भवन के निर्माण के लिए इस जमीन का आवंटन किया गया था।
  • कुल 16 टावरों और 1 शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माणके लिए मंजूरी दी गई थी। लेकिन टावर का निर्माण पूरा हो जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि यह निर्माण सभी शर्तों का पालन करके नहीं बनाया गया है।
  • न्यूनतम दूरी जैसी कईं शर्तों का उल्लंघन करने की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने इस टावर को अवैध बताया। यही कारण है कि अब इस टावर को गिराया जा रहा है।

कैसे गिराया जाएगा टावर

ट्विन टावर को गिराने से कुछ समय पहले एक्सप्रेस-वे को बंद कर दिया जाएगा। साथ ही आसपास की बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को भी अपना घर खाली करने का आदेश दिया गया है। वहीं किसी भी तरह की दुर्घटना से बचने के लिए फायर ब्रिगेड, पुलिस, स्थानीय प्रशासन और मेडिकल टीम मौके पर मौजूद रहेगी।

कब गिराया जाएगा टावर

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कोर्ट के आदेश के बाद इस इमारत को 28 अगस्त को गिराया जाएगा। ट्विन टावर को जिस तकनीक से गिराया जा रहा है उसे इमप्लोइसन (Implosion) कहा जाता है। इस तकनीक से टावर गिराने पर बिल्डिंग का मलबा वहीं गिरेगा जितने क्षेत्र में टावर बना है। इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल करने से पहले सारी तैयारी की जाती है। ऐसे में आसपास के लगभग 5000 लोगों को अपने घर खाली करने का आदेश दिया गया है। (पत्नी किसी की भी निजी संपत्ति नहीं- सुप्रीम कोर्ट)

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कितना आएगा खर्च

इस टावर को गिराने में 17.55 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। 3700 किलो विस्फोटक लगाकर इस टावर को गिराया जाएगा। यह सारा खर्च सुपरटेक द्वारा उठाया जाएगा।

इस फैसले से खरीदारों का क्या होगा

सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने के फैसले से खरीदारों पर बहुत प्रभाव पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सुपरटेक को दो महीने के अंदर 12 फीसदी सालाना ब्याज के साथ ट्विन टावरों में फ्लैट खरीदारों को सभी राशि वापस करनी होगी।

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Photo Credit: Jagran


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