पोर्ट ब्लेयर से पहले बदले जा चुके हैं इन जगहों के नाम, कहीं शामिल तो नहीं आपका शहर

जनवरी 2019 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का ऑफिशियल नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया था। वहीं अब पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर विजयपुरम कर दिया गया है। चलिए जानते हैं ऐसे कितने शहर हैं, जिनका दोबारा से नामकरण किया है।

 
port blair name change

सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह ने बीते शुक्रवार को केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजयपुरम कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय देश को छापो से मुक्त करने के लिए किया गया है। साथ ही, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का एक अनूठा स्थान है। यह कोई पहली बार नहीं है, जब किसी ऐसी जगहों के नाम बदले गए हैं। इससे पहले भी भारत की संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के लिए देश में कई शहरों और सड़कों के नाम बदले गए हैं। ऐतिहासिक महत्व वाले पुराने शहरों और जगहों के नाम बदलने का सिलसिला जारी है। इस लेख में आज हम आपको कुछ ऐसे शहरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके नामों में बदलाव किया गया है।

इलाहाबाद से प्रयागराज

Prayagraj

साल 2019 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया। कुंभ मेले से ठीक पहले, केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार की मांग के अनुसार इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने को मंजूरी दी।

फैजाबाद से अयोध्या

उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक जिले फैजाबाद का नाम भी बदलकर अयोध्या रखा गया। हालांकि राज्य में पहले से ही फैजाबाद से थोड़ी दूरी पर अयोध्या नाम का एक शहर था और फैजाबाद के साथ इसकी नगरपालिका सीमा भी साझा थी, इसलिए फैजाबाद जिले को अयोध्या घोषित कर दिया गया।

मुगल गार्डन से अमृत उद्यान

केंद्र सरकार ने 28 जनवरी, 2024 को राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन का नाम बदलकर 'अमृत उद्यान' कर दिया था। इसके बाद उत्तरी परिसर में स्थित दिल्ली विश्वविद्यालय के मुगल गार्डन का नाम बदलकर गौतम बुद्ध शताब्दी उद्यान कर दिया गया था।

राजपथ से कर्तव्य पथ

Rajpath

साल 2022 को सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के उद्घाटन से ठीक पहले, केंद्र ने दिल्ली के प्रतिष्ठित 'राजपथ' का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' कर दिया, जिसका अर्थ है 'कर्तव्य का मार्ग'।

गुड़गांव से गुरुग्राम

12 अप्रैल, 2016 को गुड़गांव का नाम बदलकर 'गुरुग्राम' और पड़ोसी मेवात जिले का नाम बदलकर 'नूह' करने का फैसला लिया गया। बता दें, इस विषय पर मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने कहा कि यह लोगों की मांग थी।

नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप से शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप तक

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की स्मृति को सम्मानित करने के लिए, 2018 में द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा गया।

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Image credit-Freepik

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