आज कल घरों के बाहर नेमप्लेट लगवाने का चलन काफी बढ़ता जा रहा है। इससे ना केवल अनजान व्यक्ति को पता खोजने में आसानी होती है, बल्कि आने वाले व्यक्तियों पर आपका अच्छा इंप्रेशन भी पड़ता है। शायद यही कारण है कि आजकल मार्केट में वुडन से लेकर विभिन्न तरह की धातु की नेम प्लेट मिलती है। इतना ही नहीं, इसमें कई डिजाइन भी अवेलेबल हैं और हर व्यक्ति एक बेस्ट नेमप्लेट का चयन करना चाहता है, ताकि उसका एक स्टाइल स्टेटमेंट नेमप्लेट के जरिए झलके।
लेकिन क्या आपको पता है कि घर के मुख्य द्वार पर लगाई गई नेमप्लेट का वास्तु से भी संबंध है। अगर घर में नेमप्लेट को वास्तु के नियमों को ध्यान में रखकर लगाया जाता है तो इससे घर में सकारात्मकता और खुशहाली आती है। दरअसल, वास्तु के अनुसार घर का मुख्य द्वार ऊर्जा प्रवाह का एक मुख्य स्थान है। ऐसे में अगर आपके घर के मुख्य द्वार पर नेमप्लेट ही गलत लगी होगी तो इसका विपरीत असर आपके घर के भीतर भी देखने को मिलेगा। तो चलिए आज इस लेख में वास्तुशास्त्री डॉ. आनंद भारद्वाज आपको बता रहे हैं कि घर में नेम प्लेट लगाते समय आपको किन-किन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए-
घर का मस्तक है मुख्य द्वार
कहते हैं कि इंसान की किस्मत उसके माथे पर लिखी होती है। ठीक उसी तरह, किसी भी घर का मस्तक माना जाता है उसका मुख्य द्वार। इस प्रकार, यह घर में ऊर्जा और सकारात्मकता के संचार में अहम् भूमिका निभाता है। आप मुख्य द्वार की सजावट किस प्रकार करते हैं, वहां पर किन चीजों का इस्तेमाल करते हैं और उनके लिए किन कलर्स का प्रयोग करते हैं, यह सभी बिन्दु काफी अहम् है। इस लिहाज से आपको नेम प्लेट भी बेहद सोच-समझकर लगानी चाहिए।
हाइट हो अधिक
नेम प्लेट लगाते समय आपको हाइट का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए आप यह सुनिश्चित करें कि आपके घर में जिस भी सदस्य की हाइट सबसे अधिक है, आपके घर की नेम प्लेट उसके कद से अधिक उंची होनी चाहिए। आपके घर का नाम व नंबर हमेशा थोड़ा हाइट पर होना अच्छा माना जाता है।
नेमप्लेट का कलर
नेमप्लेट का कलर काफी मायने रखता है और नेमप्लेट का कलर घर की दिशा के अनुसार चुनना चाहिए। उत्तर मुखी घर में कभी भी रेड व ब्लू कलर की नेमप्लेट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, बल्कि इसके स्थान पर लाइट येलो व व्हाइट कलर को चुन सकती हैं। वहीं, अगर आपका घर पूर्व मुखी है तो भी आप येलो कलर को यूज कर सकती हैं। इसी तरह, दक्षिण मुखी घर के लिए रेड कलर की नेमप्लेट का इस्तेमाल करना अच्छा माना जाता है। वहीं, पश्चिम मुखी घर के लिए आप लाइट ग्रे, गोल्डन सिल्वर और ब्रॉन्ज में किसी भी कलर की नेमप्लेट को यूज कर सकती हैं।
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अल्फाबेट का कलर
जब आप घर पर नेमप्लेट लगा रही हैं तो कोशिश करें कि उस पर लिखा गया आपका या घर का नाम गोल्डन कलर से लिखा हो। यह सबसे अच्छा माना जाता है। हालांकि, इसके अलावा आप अल्फाबेट के कलर के लिए सिल्वर कलर का चयन भी कर सकती हैं, लेकिन गोल्डन अधिक उपयुक्त माना गया है।
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प्लास्टिक की नेम प्लेट से बचें
जब आप अपने घर में नेम प्लेट का इस्तेमाल कर रही हैं तो उसकी धातु पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। कभी भी घर के बाहर प्लास्टिक से बनी नेम प्लेट का इस्तेमाल ना करें। यह एक नेगेटिव नेमप्लेट होती है, जो आपके घर व जीवन पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है। इसके स्थान पर आप ब्रास, धातु या मार्बल आदि की नेम प्लेट लगा सकती हैं। इसके अलावा, आप कीमती धातु से बनी नेम प्लेट को भी यूज ना करें।
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