herzindagi
know about padshah begum

किस मुगल राजकुमारी को पादशाह बेगम कहा जाता था?

हमने आपको कई मुगल राजकुमारी के बारे में बताया है, लेकिन आज हम पादशाह उपाधि के बारे में बात करेंगे, जिसे हरम में साम्राज्य की अदालत को चलाने वाली महिला को दिया जाता था। तो आइए इस लेख में पादशाह बेगम से जुड़े तथ्यों के बारे में जानते हैं।  
Editorial
Updated:- 2023-03-31, 13:49 IST

जब हम मुगल साम्राज्य की बात करते हैं, तो ज्यादातर लोगों के दिमाग में मुगल बादशाहों के नाम आते हैं। हालांकि, तमाम बादशाहों में सबसे लोकप्रिय और शक्तिशाली सम्राट अकबर रहा है। शायद ही, कोई होगा जिसमें अकबर के बारे में नहीं सुना होगा..खैर। बहुत कम लोग होंगे जिन्हें यह मालूम होगा कि इन बादशाहों के अलावा कुछ राजकुमारियां ऐसी भी रही हैं जिनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज है।

हालांकि, इन राजकुमारियों के बारे में हमने आपको लेख के माध्यम से बताया है जैसे- जोधा बाई, महाम अंगा, रुकैया बेगम आदि। इसी कढ़ी में आज हम आपको मुगल साम्राज्य की ऐसी राजकुमारी के बारे में बताएंगे, जिन्हें पादशाह की उपाधि से नवाजा गया था। मगर इससे पहले मुगल इतिहास पर एक नजर डाल लेते हैं।

मुगल साम्राज्य का संक्षिप्त इतिहास

padshah in hindi

मुगल साम्राज्य का दौर लगभग सन 1526 से 1857 तक रहा, जिसकी स्थापना बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर की थी। इसके बाद हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां आदि के बाद अंतिम मुगल शासक औरंगजेब था, जिन्होंने अपने शासन के दौरान समाज का निर्माण किया था।

हालांकि, कई इतिहासकारों का मानना है कि सन 1707 से लेकर सन 1857 तक मुगल साम्राज्य के पतन यानि विघटन दौर से गुजर रहा था। इसके अलावा, कुछ महिलाएं भी थीं, जिन्होंने अपना योगदान नीति-निर्माण में दिया था।

इसे ज़रूर पढ़ें-मुगल बादशाह अकबर की इन बेगमों के बारे में कितना जानते हैं आप?

पादशाह बेगम किसे कहा जाता था?

padshah begum title in hindi

बता दें कि पादशाह बेगम मुगल साम्राज्य की 'शाही' या 'प्रथम महिला' को प्रदान की जाने वाली एक उत्कृष्ट शाही उपाधि थी। आसान शब्दों में समझने की कोशिश करें तो यह उपाधि बादशाह अपनी सिर्फ एक ही बेगम को देता था, जो हरम की अदालत, साम्राज्य से जुड़े काम करती थी।

किसे मिली पादशाह बेगम की उपाधि?

यह तो हम सभी जानते ही हैं कि मुगल साम्राज्य के इतिहास को लेकर हमेशा से ही विवाद चलता रहा है। ऐसे में पादशाह बेगम को लेकर भी इतिहासकारों में मतभेद है। कहा जाता है कि कहा जाता है कि बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल को यह उपाधि प्रदान की थी, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उन्होंने इस उपाधि को अपनी बेटी जहांआरा बेगम को दे दिया था।

यह विडियो भी देखें

इसके अलावा, यह भी कहा जाता है कि सम्राट मोहम्मद शाह ने अपनी पत्नी बादशाह बेगम को भी यह उपाधि प्रदान की थी। कहा जाता है कि मुगल बादशाह जहांगीर ने नूरजहां बेगम को पादशाह बेगम की उपाधि दी, जो उनकी बीसवीं और अंतिम कानूनी पादशाह बेगम थीं।

किस पादशाह बेगम को छह लाख रुपये मिला था वार्षिक वजीफा?

Padshah begum in hindi

वसीम राजा का कहना है, जहांआरा को जब पादशाह बेगम बनाया गया तो उन्हें एक लाख एक लाख अशर्फियां और चार लाख रुपए दिए गए। साथ ही बादशाह शाहजहां ने जहां आरा के लिए छह लाख रुपये का वार्षिक वजीफा तय कर दिया था, जो अब तक किसी भी महिला को नहीं मिला था।

इसे ज़रूर पढ़ें-जानिए उस मुगल शहजादी की कहानी, जिसकी मदद से औंरगजेब ने पाई थी सत्ता

अब आप यकीनन सोच रहे होंगे कि यह वजीफा क्या होता है, तो आपको बता दें कि इसका मतलब भरण पोषण लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता से है।

इसके अलावा कई और भी बेगमें थीं, जिन्होंने मुगल शासनकाल में अपनी एक अहम भूमिका निभाई थी। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।