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ताजमहल से कम नहीं इनका जादू! ये हैं भारत के शाही मुगल गार्डन, जिनकी खूबसूरती आज भी करती है कायल

भारत में ऐसे कई शाही मुगल गार्डन हैं जो अपनी बेजोड़ वास्तुकला, बनावट और फूलों की अद्भुत सुंदरता के कारण ताजमहल से कम नहीं माने जाते हैं। यहां का शांत वातावरण आज भी हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देता है। इनकी भव्यता मुगलकालीन सौंदर्य और शांति की प्रतीक है, जिनकी खूबसूरती सदियों बाद भी बरकरार है।
Editorial
Updated:- 2025-11-03, 10:00 IST

भारत में मुगलों का दौर सिर्फ शानदार किलों और भव्य मकबरों तक ही सीमित नहीं रहा है, बल्कि उन्होंने बाग-बगीचों के रूप में भी ऐसी विरासत छोड़ी, जो आज भी अपनी खूबसूरती से सबका दिल जीत लेती हैं। ये मुगल गार्डन (Mughal Gardens) सिर्फ हरियाली के ल‍िए नहीं जाने जाते हैं, बल्कि उस दौर की कला और सोच को भी द‍िखाते हैं। मुगल बादशाहों का मानना था कि धरती पर जन्नत का एहसास उनके बागों से मिलना चाहिए।

यही कारण है क‍ि उन्‍होंने पानी, फूलों और पेड़ों को चार हिस्सों में बांटकर ऐसे गार्डन बनाए, जिनमें हर कदम पर सुकून और सौंदर्य झलकता है। हम आपको ऐसे शाही मुगल गार्डन के बारे में बताने जा रहे हैं, जि‍नकी खूबसूरती आज भी जलवा ब‍िखेरती है। आइए जानते हैं-

beautiful mughal gardens of india (2)

आराम बाग (आगरा)

ताजमहल से लगभग पांच किलोमीटर दूर स्थित आराम बाग भारत का सबसे पुराना मुगल गार्डन माना जाता है। इसे बादशाह बाबर ने साल 1526 में बनवाया था। पहले इसका नाम बाग-ए-गुल अफशान था, जिसका मतलब होता है फूल बिखेरने वाला बाग। बाद में इसे आराम बाग कहा जाने लगा। कहते हैं कक‍ि बाबर को ये जगह इतनी पसंद थी कि उनकी अस्थियां पहले यहीं रखी गईं थीं। बाद में उन्हें काबुल ले जाया गया। यहां का नजारा ऐसा है क‍ि वाकई जन्‍नत का एहसास होता है।

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हुमायूं टॉम्ब (दिल्ली)

दिल्ली में बना ये बाग अपने आप में वास्तुकला का एक नायाब नमूना है। ये एक चारबाग शैली में बना है, जिसमें पूरा एर‍िया चार बराबर हिस्सों में बटा है। बीचों-बीच हुमायूं का मकबरा है और चारों ओर नहरों, फूलों और पेड़ों की सुंदर सजावट है। इस गार्डन को धरती पर जन्नत का प्रतीक माना गया। यहां घूमने वाला हर कोई इसके शांत वातावरण से मंत्रमुग्‍ध हो जाता है।

शालीमार बाग (श्रीनगर)

डल लेक के किनारे बसा शालीमार बाग कश्मीर की रौनक बढ़ा देता है। इसे जहांगीर ने 1619 में नूरजहां के लिए बनवाया था। तीन हिस्सों में बना ये बाग अपने खूबसूरत फव्वारों, फूलों और पथरीले रास्तों के लिए फेमस है। सर्दियों में जब बर्फ गिरती है, तो पूरा बाग किसी परी कथा जैसा दिखने लगता है। इसीलिए इसे कश्मीर का ताज भी कहा जाता है।

निशत बाग (श्रीनगर)

डल लेक के दूसरी ओर बना ये बाग खुशियों का बाग कहलाता है। इसे आसिफ खान (नूरजहां के भाई) ने 1633 में बनवाया था। 12 टेरेस में बना ये बाग ऊपर से नीचे की ओर उतरता है। कहा जाता है कि शाहजहां खुद इसकी खूबसूरती देखकर इतने कायल हो गए थे कि इसे अपने लिए लेना चाहते थे।

beautiful mughal gardens of india (1)

अछबाल गार्डन (अनंतनाग, कश्मीर)

ये बाग नूरजहां ने 1620 में बनवाया था। यहां का सबसे खास हिस्सा है एक झरना जो बाग के बीचोंबीच गिरता है और नीचे एक ताल बनाता है। इसके आसपास लगे चीड के पेड़ और फूलों की कतारें इसे आकर्षक बनाती हैं। आपको बता दें क‍ि ये बाग आज भी लोगों के पिकनिक और घूमने की पसंदीदा जगहों में से एक है।

राष्ट्रपति भवन मुगल गार्डन (दिल्ली)

दिल्ली में बना राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन भारत के सबसे मॉडर्न लेकिन ट्रेड‍िशनल गार्डनों में से एक है। इसे एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था और इसमें मुगल शैली की झलक साफ दिखती है। ये बाग फरवरी-मार्च में जनता के लिए खोला जाता है, जब यहां सैकड़ों किस्म के फूल जैसे गुलाब, ट्यूलिप, डेजी और लिली खिलते हैं।

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तो अगली बार जब आप आगरा, दिल्ली या कश्मीर जाएं, तो इन मुगल गार्डनों की सैर जरूर करें। ये सिर्फ बगीचे नहीं हैं, बल्कि वो इतिहास हैं, जो आज भी हमें उस दौर की खुशबू और शाही ठाठ-बाट का एहसास कराते हैं। अगर आपको ये स्‍टोरी अच्‍छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- Freepik

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