अगर कुदरत का कहर बने मौत की वजह, तो क्या सरकार से मिल सकती है मदद? जानें अधिकार और क्लेम करने का तरीका

Disaster Relief Funds Application Process: मानसून के मौसम में पहाड़ी इलाकों में लैंडस्लाइड और बादल फटने जैसी घटनाएं होती है। इससे न केवल वहां की प्रकृति चीजों बल्कि जान-माल का भी भारी नुकसान होता है। 14 अगस्त को दिल्ली के कालकाजी में पेड़ गिरने से दो लोगों की मौत हो गई थी। अब ऐसे में मन में सवाल आता है कि क्या नेचुरल डिजास्टर से अगर किसी शख्स को नुकसान या उसकी मौत हो जाती है, तो क्या सरकार उसका मुआवजा दिया जाता है। अगर हां, तो क्लेम करने का पूरा तरीका क्या है।
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How To Apply For Natural Disaster Compensation:प्राकृतिक आपदा जैसे बारिश, बाढ़, बादल फटने, लैंड स्लाइड, भूकंप या तूफान आने अगर कई लोगों के जान चली जाती है, तो ऐसी स्थिति में सरकार और बचाव एजेंसियां पीड़ितों के परिवार को आर्थिक मदद मुहैया कराई जाती है। अब ऐसे में पहला सवाल जो मन में आता है कि क्या हर प्रकार के नेचुरल डिजास्टर में पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाता है। इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस स्थिति में सरकार द्वारा यह सुविधा दी जाती है और जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार को मुआवजा पाने को लेकर क्या अधिकार हैं?

प्राकृतिक घटनाओं का शिकार हुए किन परिवारों को मिलता है मुआवजा

how to apply for natural disaster compensation

  • प्राकृतिक आपदाओं के कारण जानमाल के नुकसान पर भारत सरकार और राज्य सरकारें मिलकर पीड़ितों को मुआवजा सहायता दी जाती है। बता दें कि यह सहायता राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) और राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) के तहत दी जाती है।
  • मृतक के परिवार- यदि किसी प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, भूकंप, तूफान, भूस्खलन, बादल फटने या अन्य आपदा में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। उस स्थिति में उसके परिवार को आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा तय मानकों के अनुसार होती है।
  • गंभीर रूप से घायल व्यक्ति- जो लोग आपदा में गंभीर रूप से घायल होते हैं और उन्हें इलाज की आवश्यकता होती है। उन्हें भी आर्थिक सहायता मिलती है। इसमें इलाज का पूरा खर्च और चोट की गंभीरता के अनुसार मुआवजा शामिल होता है।
  • जिनके घर या संपत्ति को नुकसान पहुंचा है- ऐसे परिवार जिनके घर, दुकान या अन्य संपत्ति को प्राकृतिक आपदा या घटना के कारण पूरी तरह बर्बाद हो जाते हैं, तो घर के र्निर्माण या मरम्मत के लिए उन्हें सहायता राशि मिलती है।
  • किसानों और पशुपालकों को- अगर तेज बारिश या ओले के कारण अगर किसानों की फसल को बड़ा नुकसान या बर्बाद हो जाती है, तो उन्हें फसल के नुकसान के लिए मुआवजा दिया जाता है। इस तरह अगर पशुपालकों के पशु जैसे गाय, भैंस, बकरी, भेड़ आदि अगर आपदा में मर जाते हैं तो उन्हें भी आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है।

प्राकृतिक आपदा में हुए नुकसान के लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं?

How much can we claim for natural calamities

हर राज्य के मुआवजे की राशि और पात्रता के नियम अलग-अलग हो सकते हैं। इसके पीछे का मुख्य कारण राज्य सरकार केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम राशि के अलावा अतिरिक्त सहायता भी दे सकती हैं। मुआवजे के लिए आवेदन करने के लिए पीड़ित परिवार को संबंधित सरकारी विभाग के पास आवश्यक दस्तावेज जमा करने होते हैं।

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जरूरी दस्तावेज

  • आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड।
  • राशन कार्ड, बिजली का बिल, पानी का बिल।
  • बैंक पासबुक की कॉपी
  • नुकसान का प्रमाण
  • मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र, पुलिस रिपोर्ट, एफआईआर की कॉपी
  • मेडिकल रिपोर्ट/इलाज का प्रमाण।
  • फसल या कृषि भूमि के नुकसान होने पर खसरा-खतौनी की नकल, फसल बुवाई का प्रमाण।
  • घर या संपत्ति के नुकसान पर संपत्ति की रजिस्ट्री, पट्टा की कॉपी, क्षतिग्रस्त घर की तस्वीरें/वीडियो
  • पशुओं की हानि पर पशु की मृत्यु का प्रमाण पत्र

आवेदन करने का पूरा प्रोसेस

Can insurance be claimed for natural calamities in india

  • आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपदा के तुरंत बाद अपने क्षेत्र के पटवारी, तहसीलदार या जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय को नुकसान की जानकारी दें।
  • इसके बाद सरकारी अधिकारी आपके नुकसान का आकलन करने के लिए मौके पर आकर नुकसान का ब्यौरा दर्ज करेंगे।
  • अगर आप ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं, तो अपने राज्य के ऑफिशियल वेबसाइट पर जैसे उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन विभाग या Bihar Disaster Management Authority पर जाकर आवेदन पत्र भरें।
  • इसके अलावा आवेदन पत्र तहसील कार्यालय, जिला कलेक्टर कार्यालय, ग्राम पंचायत या ऑनलाइन पोर्टल से प्राप्त किया जा सकता है।
  • इसके साथ आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक की कॉपी, राशन कार्ड, संपत्ति के कागजात और नुकसान से संबंधित तस्वीरें अपलोड करें।
  • यदि आप किसान हैं तो सीधे PMFBY पोर्टल पर जाएं।
  • आवेदन पत्र में सभी जानकारी सही और स्पष्ट रूप से भरें। किसी भी कॉलम को खाली न छोड़ें।
  • भरे हुए आवेदन पत्र को सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ संबंधित सरकारी विभाग आमतौर पर तहसील या जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय में जमा करें।
  • फॉर्म जमा करने या करने के बाद रसीद अवश्य लें।
  • जमा किए गए दस्तावेजों और सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर आपके आवेदन की जांच की जाएगी।
  • यदि सभी जानकारी सही पाई जाती है और आप पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं तो मुआवजे की राशि स्वीकृत की जाएगी।

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Image Credit- freepik


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