Adhik Maas Amavasya 2023: कब है अधिक मास की अमावस्या? जानें पूजा मुहूर्त और महत्व

हिन्दू धर्म में अधिक मास का बहुत महत्व है। अधिक मास में भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। वहीं, ऐसा माना जाता है कि अधिक मास की अमावस्या तिथि भी महत्वपूर्ण होती है।  

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Adhik Maas Amavasya 2023 Date, Puja Muhurat Aur Mahatva: हिन्दू धर्म में अधिक मास का बहुत महत्व माना गया है।

अधिक मास भगवान विष्णु को समर्पित है। इस माह में श्री हरि की पूजा का विधान है। इनकी पूजा से जीवन के सुखों में वृद्धि होती है।

वहीं, जितना महत्वपूर्ण अधिक मास का महीना है उतना ही महत्व रखती है अधिक मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या तिथि।

ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं अधिक मास अमावस्या की तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में विस्तार से।

अधिक मास अमावस्या 2023 तिथि (Adhik Maas Amavasya 2023 Date)

adhik maas amavasya  ki tithi

  • अधिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि आरंभ: 15 अगस्त, दिन मंगलवार, दोपहर 12 बजकर 42 मिनट
  • अधिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि समापन: 16 अगस्त, दिन बुधवार (बुधवार के उपाय), दोपहर 3 बजकर 7 मिनट
  • ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस साल अधिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 16 अगस्त को मनाई जाएगी।

अधिक मास अमावस्या 2023 पूजा मुहूर्त (Adhik Maas Amavasya 2023 Puja Muhurat)

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4 बजकर 24 मिनट से सुबह 5 बजकर 7 मिनट
  • स्नान दान मुहूर्त: सुबह 5 बजकर 51 मिनट से सुबह 9 बजकर 8 मिनट
  • पूजा मुहूर्त: सुबह 10 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 25 मिनट
  • पितृ तर्पण समय: सुबह 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 2 बजकर 30 मिनट
  • शिववास का समय: ब्रह्म मुहूर्त से लेकर दोपहर 3 बजकर 7 मिनट

अधिक मास अमावस्या 2023 महत्व (Adhik Maas Amavasya 2023 Mahatva)

adhik maas amavasya  ka muhurat

  • अधिक मास की पूर्णिमा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
  • इस दिन पितृ तर्पण करने से पितरों (पितरों के खुश होने के संकेत) का आशीर्वाद मिलता है।
  • इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा होती है।
  • साथ ही, भगवान विष्णु का भी सानिध्य प्राप्त होता है।
  • अधिक मास अमावस्या की पूजा से नकारात्मकता दूर होती है।
  • कैसा भी बुरा प्रभाव खत्म हो जाता है और राहु भी शांत होता है।
  • अधिक मास अमावस्या के दिन पूजा करने से फल भी अधिक मिलता है।

आप भी अधिक अमस की अमावस्या के दिन पितृ तर्पण और पूजा करना चाहते हैं तो अमावस्या से जुड़ी समस्त जानकारी इस लेख के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: shutterstock

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