हैरी के दिमाग में कोई भी बात नहीं घूम रही थी। मानों वो शून्य हो चुका हो। ऐसा कैसे हो सकता है क्योंकि वो तो सिर्फ कहानी पढ़ रहा था और वो 500 साल पहले आ गया। ये तो सही नहीं है, ऐसा नहीं होना चाहिए। हैरी बस उसे देखे जा रहा था। उस योद्धा ने हैरी की तरफ देखा और कहा, 'मैं कब से तुम्हारा इंतजार कर रहा था। आखिर तुम आ ही गए। अपने चेहरे को निशान के साथ देखने की आदत हो गई है। अब तुम्हें देखकर अजीब लग रहा है। चलो मेरे साथ...' इतना कहकर उसने हैरी का हाथ पकड़ा और लगभग घसीटते हुए अपने साथ ले गया। 'इंतजार कर रहा था? इसका क्या मतलब है? तुम्हें कैसे पता कि मैं आने वाला हूं? और तुम्हारी शक्ल मेरे जैसी क्यों है? कौन हो तुम?', हैरी उससे सवाल करता रहा और वो किसी बेफिक्र घोड़े की तरह आगे बढ़ता रहा।
वह उसे जंगलों के पास बसे एक कबीले में ले गया। किसी बड़े शहर से कोसों दूर, जंगलों के बीच बसे इस कबीले के लोग हैरी को काफी अजीब तरह से देख रहे थे। हैरी अब तक यह समझ चुका था कि वो किसी सपने में नहीं है। घबराया हुआ हैरी फिर से एक बार सवालों की झड़ी लगा देता है, लेकिन कोई असर नहीं। कोई उसका जवाब नहीं दे रहा है। वो चलते-चलते एक ऐसी झोपड़ी के सामने पहुंच जाता है जहां उसे कौए बैठे हुए दिखते हैं। छत पर, इधर उधर सिर्फ कौवे। ये जगह बहुत डरावनी लग रही थी। हैरी अब तक बुरी तरह से घबरा चुका था। योद्धा उसे अंदर जाने को कहता है और हैरी इस बार बिना सवाल किए अंदर चला जाता है।
हैरी को लग रहा था कि वह अब किसी तरह से बच जाए, लेकिन उसे पहले यह तो समझ आए कि हो क्या रहा है। अंदर जाते ही हैरी को एक महिला मिलती है जो दूसरी तरफ मुंह करके बैठी है और आग के सामने पता नहीं क्या किए जा रही है। यहां हैरी जाकर उसके पास बैठ जाता है, तो वो महिला हैरी का हाथ पकड़ कर एक कील से उसके हाथ से खून निकाल लेती है। 'ये क्या, ये तो वही कील है जो उस जादूगरनी ने दिखाई थी, मतलब यह वही जादूगरनी है, लेकिन ये तो बूढ़ी नहीं है।', हैरी मन ही मन सोचने लगा।
इसके बाद वह जादूगरनी एक किताब में हैरी के खून से ही कुछ लिख देती है। अब तक तो हैरी भी समझ गया था कि ये किताब वही किताब है जो 500 साल बाद उसके पास आनी है।
वो औरत हैरी से जाने के लिए कहती है और हैरी अपना सा मुंह लेकर बाहर आ जाता है। अब योद्धा भी नहीं दिख रहा है, लेकिन हैरी को लेकर एक लड़का एक और झोपड़ी नुमा घर में जाता है। वहां हैरी के लिए कपड़े रखे हुए थे, उसके लिए खाना था और आराम करने के लिए एक जगह भी थी। वो लड़का जाने लगता है, तो हैरी से रहा नहीं जाता और वो उससे पूछता है, 'आखिर यहां क्या हो रहा है? मैं यहां क्यों हूं? कौन हो तुम लोग?' हैरी की झुंझलाहट देख वो लड़का कहता है, 'रात होने दो, सब कुछ पता चल जाएगा।' इतना कहते ही वो झोपड़ी से बाहर चला जाता है।
अब हैरी ने भी गांव वालों की तरह कपड़े पहन लिए थे और अपने मॉर्डन कपड़े अपने साथ लाए बैग में रख दिए थे। हैरी इतना जानता था कि वह 500 साल पहले है, लेकिन क्यों और कैसे उसे इसके बारे में कुछ नहीं पता था। इतने में शाम ढल गई और वो योद्धा वापस आया, इस बार उसके कपड़ों में खून लगा हुआ था, जैसे किसी का शिकार करके आया हो। इस बार वो योद्धा अजीब लग रहा था। उसने हैरी को देखा और फिर कहा, 'तुम्हारे मन में बहुत से सवाल होंगे, चलो कुछ बता देता हूं।'
'आज से ठीक 15 साल पहले मैं भी तुम्हारी तरह एक किताब पढ़कर अपने कमरे से यहां आ गया था। तुम मेरा ही अतीत हो हैरी... जो हुआ है तुम्हारे साथ वो होना ही है। मैं यहां से कभी नहीं जा पाया, यहां आने के बाद समझ आया कि मुझे यहां के राजा से कई लोगों को बचाना है। अगर मैं नाकाम होता हूं, तो कई लोगों की जान चली जाएगी, कत्लेआम मच जाएगा।
अभी तुम सिर्फ इतना जान लो कि तुम्हारा यहां आना लिखा हुआ था, और यहां से जाने का रास्ता मैं यानी तुम अभी तक नहीं ढूंढ पाए हो। मैं हमेशा से इस पल का इंतजार कर रहा था क्योंकि जब मैं यहां आया था, तब मुझे भी योद्धा दिखा था। मेरे साथ भी वही सब हुआ था जो तुम्हारे साथ हो रहा है। वो कील जिसपर तुम्हारा खून लगा है, उसका इस्तेमाल कैसे होगा मैं नहीं जानता, लेकिन मैं इतना जानता हूं कि ये सब किसी चक्रव्यूह की तरह है। मैं इतना जानता हूं कि अगले 30 दिनों के अंदर मैं गायब हो जाऊंगा। ठीक वैसे ही जैसे किताब में लिखा था, फिर मेरी जिंदगी तुम जियोगे और 15 साल बाद एक और हैरी ऐसे ही वापस आएगा। ये सब ना जाने कितनी बार हो चुका है। ना जाने मुझसे पहले कितने हैरी योद्धा बन चुके हैं।'
'मुझे नहीं पता कि आगे क्या होने वाला है, ना ही मुझे पता है कि 30 दिनों बाद मैं कैसे गायब होऊंगा। जादूगरनी ना चाहते हुए भी मेरे गायब होने में राजा की मदद करेगी। बस इतना जानता हूं कि अगर इसमें से एक भी काम नहीं हुआ, तो यह नगर बर्बाद हो जाएगा। यहां रह रहे सैंकड़ों लोग, ये जंगल और ये कबीला सब खत्म हो जाएगा। यानी 500 साल बाद ना ही ये तुम्हारा शहर बनेगा, ना ही कोई और होगा। मुझे आज भी याद है, मां की वो डांट जिसके बाद गुस्से में खाना नहीं खाया था। अगर पता होता कि आखिरी बार ही वो खाना मिलना है, तो सब कुछ भूलकर खा लेता, मम्मी को गले लगा लेता, घर वालों के साथ मिलकर बात कर लेता, उस दिन लाइब्रेरी ना जाता, लेकिन वो सब होना ही था। तुम्हें यहां आना ही था, ताकि मैं जा सकूं।' इतना कहकर वो योद्धा शांत हो गया।
हैरी को समझ आने लगा था कि किसी किस्से-कहानी की तरह ही, वो टाइमलूप में फंस गया है। जो भी उसके साथ हो रहा है वो हर 15 साल में दोहराया जाता है, लेकिन ऐसा कैसे है? इससे निकलने का कोई तो तरीका होगा।
आखिर क्या थी राजा की कहानी? क्यों उस योद्धा ने कहा था कि हैरी का आना निश्चित था? कैसे जादूगरनी की वो किताब पहुंची उस लाइब्रेरी में, क्यों हैरी ही उस लाइब्रेरी में गया? इस सबके बारे में जानिए कहानी के अगले भाग- माया नगरी की कहानी-पार्ट 4 में।
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