हैरी को समझ आ चुका था कि वो राजा ही लाइब्रेरियन था, लेकिन अब क्या होने वाला था? हैरी को लग रहा था कि उसके सवालों का जवाब किसी और के पास नहीं उस जादूगरनी के पास ही होगा। हैरी ने योद्धा से वापस कबीले में जाने को कहा। योद्धा भी अब काफी हैरान था। पुस्तकालय को एक बार और छान लेने के बाद ये लोग फिर से चले गए। इस बार हैरी कबीले वाली जादूगरनी से मिला और सवालों की झड़ी लगा दी।
'क्या हो रहा है ये, क्या कह रही थीं तुम कि किताब के पन्ने राजा के पास मिलेंगे? कौन सी किताब की बात हो रही है यहां? कुछ बताओगी? राजा के पास कैसे पहुंचे वो पन्ने, मेरे बैग से कैसे निकले? आखिर मैं क्यों यहां फंसा हुआ हूं?' इतना सब कहते ही हैरी की सांस फूलने लगी।
'तुम क्या बोले जा रहे हो मुझे नहीं पता, कौन सी किताब? मुझे नहीं पता कि ये सब कैसे होता है, मुझे बस इतना पता है कि तुम और योद्धा एक ही हो। मुझसे योद्धा ने कहा था कि मैं उसकी मौत का कारण बनूंगी, लेकिन मुझे कुछ नहीं पता। और मैंने कब तुमसे कहा कि किताब राजा के पास है?', जादूगरनी ने हैरानी से हैरी से पूछा।
हैरी समझ गया था कि इस जादूगरनी को कुछ नहीं पता है। यही जादूगरनी 30 दिन बाद योद्धा की मौत का कारण बनने वाली है और यही जादूगरनी आगे चलकर बूढ़ी होगी और इस मायानगरी में फंसकर रह जाएगी, इसे भी इसका भविष्य नहीं पता।
हैरी को पता था कि अब ना ही योद्धा कुछ कर सकता है, ना ही जादूगरनी, उसे उस बूढ़ी महिला को ढूंढना ही होगा। हैरी देर रात बिना किसी को बताए झोपड़ी से निकलकर जंगल की ओर चला गया। उसे उस बूढ़ी औरत को ढूंढना था और उसकी बातें सुननी थीं। काफी ढूंढने के बाद भी उसे कोई नहीं मिल रहा था। जंगल में जंगली जानवरों की आवाज आने लगी थी। आज हैरी को इस जगह आए तीन दिन हो गए थे। अगले 27 दिनों में ही उसे कुछ करना है नहीं तो वो फिर से इसी मायाजाल में फंस जाएगा।
उसके पास कोई और रास्ता नहीं था, उसे कुछ काम तो करना है। जंगल में भटकते हुए उसे एक परछाई सी दिखी, हैरी उसी जगह पहुंच चुका था जहां आखिरी बार उसने बूढ़ी जादूगरनी को देखा था। पीछे मुड़ा तो उसे फिर वो खड़ी दिखी। अब उसे जानना था कि आखिर हो क्या रहा है और कैसे उसे वापस जाने का मौका मिलेगा। उसने जादूगरनी के सामने जाकर वापस वही सवाल किए, 'मैं यहां कैसे हूं, कैसे वापस जाऊं, ये चल क्या रहा है? क्यों हर 15 साल में ये चीजें दोहराती हैं? आखिर क्या चाहती हो तुम? और पिछली बार क्या कह रही थीं? मैं कैसे बचा सकता हूं सब कुछ?'
जादूगरनी ने उसे देखा और मुस्कुरा दी, 'तुम्हें किसी भी चीज के बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन मैं जानती हूं कि तुम ही बचा सकते हो। अगर इस बार नहीं किया, तो अगले 500 साल और इंतजार करना पड़ेगा। जिस दिन तुम यहां आए, उस दिन ग्रहों की दिशा वैसी ही थी, जैसी 500 साल पहले। ठीक वही योग बने थे जैसे उस समय बने थे जब ये सब शुरू हुआ। इसलिए तुम ही हो जिसे मैं दोबारा दिख रही हूं। तुमसे पहले जितने भी आए उनमें से किसी को नहीं दिखी।', जादूगरनी ने कहा।
'पर मुझे ये तो बताओ कि आखिर ये सब चल क्या रहा है?,' हैरी ने झुंझलाते हुए पूछा। अब उस जादूगरनी ने हैरी को आखिरकार यह बताया कि ये कहानी बहुत पुरानी है। 'तुम्हें या यहां किसी को इसके बारे में नहीं पता, लेकिन ये किताब असल में इस कबीले के पूर्वजों ने लिखी थी। ये कब से इस कबीले का हिस्सा है किसी को नहीं पता। किताब के अंदर ताकत है समय को बांधने की। जिसकी कहानी भी इस किताब में लिखी जाती है, वो समय के साथ बंध जाता है।' जादूगरनी बोली।
हैरी को याद आया कि किताब में लिखा हुआ था कि योद्धा 15 साल तक कबीले के लोगों की मदद करता रहा। इसका मतलब कबीले से ही किसी ने उस योद्धा की कहानी उस किताब में लिखी। इसलिए ही हर 15 साल में एक नया योद्धा आता है। पर मैं ही क्यों? हैरी ने सोचा। जादूगरनी ने और बताना शुरू किया, 'तुम ही हो जिसके पास ये किताब पहली बार आई थी। तुम 500 सालों से इस किताब को उसी लाइब्रेरी से उठा रहे हो। क्योंकि तुम ही हो राजा के वंशज, राजा ने अपने स्वार्थ के लिए वो किताब कबीले से ही चुरा ली थी। इसलिए मैंने खुद ही तुम्हारा नाम इस किताब में लिखा था। तुम असल में राजा के परिवार का हिस्सा हो, राजा को अपना पोता चाहिए था और राजा की बहू के पेट में जो बच्चा है, वो 27 दिन बाद पैदा होगा। बच्चे के पैदा होते ही, मेरा अभी वाला रूप उस किताब में योद्धा की कहानी लिख देगा। वो बच्चा गायब हो जाएगा, राजा उस पुस्तकालय में फंस जाएगा और वो बच्चा भविष्य में उसी पुस्तकालय से किताब लेकर वापस इस जगह आएगा। यही नियती है... यही 500 सालों से होता आ रहा है।'
'योद्धा 27 दिन बाद गायब हो जाएगा क्योंकि योद्धा बच्चे के रूप में इस दुनिया में जन्म लेगा और उस दुनिया में जाएगा और बड़ा होने के बाद दोबारा यहां आकर कबीले की रक्षा करेगा। राजा के वंशज को यह सजा मैंने ही दी थी क्योंकि उसने कबीले में कत्लेआम मचा दिया था। राजा ठीक 26 दिन बाद कबीले पर हमला करेगा और हर बूढ़े, हर बच्चे और हर औरत को मार देगा। मर्दों को ले जाकर अपना बंदी बना लेगा। मैं किसी तरह से बच गई थी और उस वक्त ही मैंने राजा से बदला लेने के लिए किताब में यह लिखा था।' जादूगरनी की बातों से हैरी का दिमाग और घूम गया। हैरी असल में राजा का पोता था और उसे भविष्य में भेजकर दोबारा इस जगह बुलाया गया था। फिर मौजूदा समय में उसके माता-पिता कौन थे?
'मैं 500 सालों से यही होता देख रही हूं, लेकिन किताब में मैंने ये भी लिख दिया था कि योद्धा की मौत का कारण मैं बनूंगी, इसलिए मैं भी इसी मायाजाल में फंस गई। अब समझ आया कि तुम्हारी तो कोई गलती ही नहीं थी, लेकिन अब तुम ही हो, जो इस मयाजाल को तोड़ सकते हो। अपनी दुनिया में वापस जा सकते हो। तुम्हें जो भी करना है, राजा के कबीले पर हमला करने से पहले करना है। तुम्हें अपनी किताब के पन्ने वापस लाने हैं। जिस दिन मेरे अभी वाले रूप ने तुम्हारा खून कील पर लिया था, उसी दिन उसने किताब को पहचानकर पन्ने चुरा लिए थे। मेरा अभी वाला रूप राजा के लिए काम करती है, लेकिन उसे पता नहीं कि राजा उसका इस्तेमाल करके ही कबीले पर हमला करेगा। इसलिए तुम्हारी किताब के पन्ने राजा के पास हैं।'
जादूगरनी ने इतना कहा और गायब हो गई। अब हैरी के सामने एक ही तरीका था। उसे राजा को कबीले पर हमला करने से रोकना था और अपनी किताब के पन्ने वापस उसमें लाने थे। तभी वो वापस जाएगा और तभी ये मायाजाल टूटेगा।
पर हैरी ये करेगा कैसे? भला योद्धा का क्या होगा? और हैरी के अभी वाले माता-पिता कौन हैं? राजा क्यों कबीले को बर्बाद करना चाहता है? ये सब जानिए कहानी के अगले भाग- मायानगरी की कहानी, भाग 6 में।
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