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    Thriller Hindi Story Maya Nagari Ki Kahani Part 2: हैरी को पता नहीं था एक किताब उसे समय में पीछे ले जाएगी, अब उसकी जान को खतरा था और उसने जो किया वो किसी ने सोचा नहीं था

    Shruti Dixit

    किताब घर पर आ चुकी है और अभी भी पता क्यों हैरी को उस बूढ़े की बातें सता रही हैं, 'लाइब्रेरी माफ नहीं करेगी' का क्या मतलब था? हैरी ने सोचा कि शायद वह बूढ़ा पागल हो गया है। घर पर आज सभी गुस्से में थे क्योंकि आज हैरी को जरूरत से ज्यादा देर हो गई थी। हैरी की बातें सुनने को कोई तैयार ही नहीं था। मां ने तो चार-पांच बार धमकी भी दे दी थी कि हैरी की सारी किताबों को जलाकर राख कर देंगी। हैरी ने डांट खाई और बिना खाना खाए ही सो गया, लेकिन उसे पता भी नहीं था कि असल में क्या होने वाला है।

    रात को अचानक हैरी की नींद खुली और उसे लगा कि किताब के पन्ने अपने आप ही खुल रहे हैं। ये कोई अजीब बात नहीं थी, खिड़की की हवा से किताब के पन्ने अपने आप पलट रहे थे, पर ऐसा कैसे हो सकता है कि किताब का इतना भारी कवर भी अपने आप खुल गया हो? हैरी को लगा कि शायद वही सोने से पहले किताब को खोलकर सो गया होगा।

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    वह उठा और अपनी किताब के पन्नों को देखने लगा, धुंधले से शब्द अब कुछ साफ दिखने लगे थे। हैरी ने उस किताब को पढ़ने की कोशिश की जिसमें किसी ऐसे इंसान की कहानी थी जो पहाड़ के ऊपर शिकार करता था, जानवरों का नहीं, इंसानों का। 'कोई रॉबिनहुड टाइप कहानी होगी,' मन में सोचकर हैरी उसे पढ़ने लगा। एक योद्धा की कहानी जो पेड़ों के ऊपर ऐसे चढ़ता था मानों उड़ रहा हो, जिसके एक वार से कोई जानवर हो या इंसान बच नहीं पाता था। उस योद्धा की मौत भी छल से हुई थी। उस योद्धा को यहां के राजा ने अपनी सेना में शामिल करने की लाख कोशिशें की थीं, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला था। जैसे-जैसे हैरी पढ़ता जा रहा था उसे लग रहा था जैसे वह उसी काल में पहुंच गया हो। योद्धा के पास खड़ा हो।

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    हैरी को ऐसा लगने लगा कि वह कहानी का हिस्सा है और उसे अहसास हुआ कि उसकी कल्पना में ही सही वह योद्धा जीवित है। किताब के आखिरी पन्ने पर लिखी थी एक बात, एक जादूगरनी की कहानी जो पहाड़ पर ही रहती थी। उस जादूगरनी ने योद्धा को मरवाने में मदद भी की थी और अपनी गलती का अहसास होने के बाद उस योद्धा को वापस भी लाना चाहती थी। उस किताब में कहीं भी यह नहीं लिखा था कि आखिर उस योद्धा की मौत कैसे हुई? क्या गलती थी उस जादूगरनी की? बस किताब के अंत में दो लाइन लिखी थी जो किसी मंत्र की तरह लग रही थी। हैरी ने उस मंत्र को पढ़ने की कोशिश की, लेकिन ठीक से पढ़ नहीं पाया।

    सुबह उठते ही हैरी को अपना शरीर थोड़ा भारी लग रहा था, वह आज कॉलेज नहीं जाने वाला था। वह आज उसी किताब को लेकर बैठ गया और पता नहीं कैसे आखिर में वो दिया मंत्र दोहराने लगा। उसके दिमाग में बस सनक बैठ गई थी कि उसे यह मंत्र पूरा पढ़ना है। दो,चार,दस बार गलत पढ़ने के बाद आखिर उसने सही पढ़ ही लिया, लेकिन फिर... किताब के पन्ने अपने आप उड़ने लगे और हैरी को ऐसा लगा कि उसे चक्कर आ रहा है। हैरी ने अपने आपको संभाला और फिर उसे याद आया कि उसने रात को खाना नहीं खाया था। हैरी कमरे से बाहर निकला और पूरी दुनिया ही बदल चुकी थी।

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    हैरी के कमरे के बाहर वीरान जंगल था। उस जंगल के बीचों-बीच बस वही कमरा मौजूद था। बस वही कमरा जिसमें हैरी का सामान था और वो किताबें। हैरी को बार-बार उस बूढ़े की कही बातें याद आ रही थीं कि अगर किताब का एक भी पन्ना खोया, तो लाइब्रेरी उसे माफ नहीं करेगी। हैरी तुरंत अंदर गया और एक बैग में अपना कुछ सामान और वो किताबें रखकर बाहर निकला और कमरा गायब। अब हैरी पूरे जंगल में अकेला था। वह डर चुका था, लेकिन उसे पता नहीं था कि आखिर कब क्या होगा।

    हैरी को समझने में दिक्कत हो रही थी कि आखिर क्यों उसके साथ ऐसा हो रहा है। जंगल में भटकते हुए उसे लग रहा था कि वह अभी भी अपने सपने में है, लेकिन हैरी ने कुछ नहीं कहा। अचानक उसे अपने पीछे किसी की आवाज सुनाई दी और वहां एक औरत खड़ी थी। पुरानी सी पोशाक पहने, गले और हाथों में काले रंग के गहने। लाल रंग की पोशाक, ऐसी मानो कई सौ साल पुरानी हो। यह औरत हैरी को देखकर बोली, 'आखिर आ ही गए तुम यहां... इतने सालों से इंतजार था। आखिर पढ़ ही लिया तुमने वो मंत्र'। हैरी की हालत अब तक खराब हो चुकी थी और अभी भी उसे समझ नहीं आ रहा था कि किया क्या जाए। उसने उस औरत से पूछा, 'मैं यहां कैसे हूं और तुम?' हैरी के इतना पूछने पर वो औरत मुसकुराई और अपने हाथ से एक कील निकाली।

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    कील को देखकर हैरी एकदम चौंक गया, 'ये कील तो... उस किताब में... तुम जादूगरनी हो।' हैरी ने कहा और उसे याद आया कि किताब में उसी कील का जिक्र था जिसकी मदद से जादूगरनी ने योद्धा को मारने के लिए जादू किया था। जादू के बारे में सोचकर हैरी की सांसें अटक गईं। वह किताब की कहानी का हिस्सा बन चुका था। पर किताब में उस जादूगरनी की उम्र इतनी ज्यादा नहीं थी। कील दिखाकर वो जादूगरनी गायब हो गई। अब हैरी को अपने वापस जाने का रास्ता ढूंढना था और इस जंगल से निकलने का कोई रास्ता उसे समझ नहीं आ रहा था। दब्बू सा बनकर अपने कमरे में किताबों के बीच रहने वाला हैरी, अब किताबों की कहानियों का हिस्सा बन गया था, हैरी अब 500 साल पीछे आ गया था। जिस कहानी को वो पढ़ रहा था, वह 500 साल पुरानी थी और अब हैरी उसका हिस्सा था।

    हैरी ने रात से कुछ नहीं खाया था और उसे चक्कर भी आ रहे थे, किताब में एक नदी का भी जिक्र था और वह उसे ही ढूंढने लगा। हैरी को इस जगह से बचने के लिए हर जगह किताब का सहारा लेना था। वह 500 साल पहले था मतलब उसने जो कपड़े पहने हैं, वो भी इस युग के नहीं हैं और इससे उसकी तरफ ध्यान आकर्षित हो सकता है। पर इतना सब सोचने से पहले वह अपनी भूख मिटा ले। किसी तरह से दोपहर होते-होते हैरी को वह नदी मिल गई। उसका पानी पिया और वह उस पेड़ को ढूंढने लगा जिससे वो योद्धा फल खाता था। इसके बारे में भी तो उस किताब में ही लिखा था।

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    हैरी को आखिर वह अमरूद का पेड़ मिल ही गया। उसने जल्दी-जल्दी खाना शुरू किया और कुछ एक अमरूद अपने बैग में रखकर वह आगे बढ़ गया। किताब के मुताबिक, उसे पूर्व की ओर जाना था जिससे वह शहर में चला जाता। हैरी को शहर का रास्ता मिला और कुछ गांव वाले दिखे जो उसे देखकर उसकी तरफ आ रहे थे। हैरी का पहनावा बदलना बहुत जरूरी था इसलिए उसने अपने लिए एक कहानी गढ़ दी। उसने उन गांव वालों को बताया कि वह विदेश से आया है और जंगल में खो गया है। उसके देश में ऐसे ही कपड़े पहने जाते हैं। किसी तरह से भोला-भाला हैरी अपनी बात गांव वालों को समझा कर आगे बढ़ गया। गांव वालों से उसने कुछ कपड़े मांगे और आगे चलते-चलते हैरी थक ही गया।

    शहर अभी भी बहुत दूर था और हैरी थक चुका था, इतने में हैरी को पीछे से एक आवाज आई। बस ऐसे ही जैसे हवा हो और अचानक एक तलवार हैरी के बगल से होती हुई पेड़ पर जा लगी। ऐसा तो सिर्फ फिल्मों में देखा था हैरी ने, लेकिन सच में कोई था। हैरी ने भागने की कोशिश की, लेकिन फिर किसी ने उसके गले में रस्सी का फंदा बांध दिया। हैरी फंस चुका था, उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है और उसने देखा कि उसके सामने वो खड़ा था। बिल्कुल वैसा ही जैसा किताब में लिखा था। एक योद्धा... काले रंग के कपड़ों में, अपने साथ कई हथियार लिए। ऐसा लग रहा था मानों हैरी कल्पना के परे पहुंच गया हो। वह छलांग लगा रहा था तो लग रहा था मानो वो उड़ रहा हो। वह हैरी के पास आया और ये क्या... इस योद्धा की शक्ल ... ये तो हैरी खुद है। ऐसा लग रहा है जैसे आईना देख रहा हो... उसकी उम्र थोड़ी बड़ी लग रही थी।

    हैरी को यकीन नहीं हुआ। वह योद्धा वही था... बस चेहरे पर एक निशान। पर ऐसा कैसे हो सकता है? हैरी खुद ही योद्धा है? ये कौन सी दुनिया में आ गया है हैरी? क्या हो रहा है उसके साथ? जानने के लिए पढ़ें अगला भाग... माया नगरी की कहानी- पार्ट 3।

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