हम सभी अपने और अपने परिवार के लिए बहुत कुछ सोचते हैं। अच्छी पढ़ाई करके बढ़िया नौकरी के लिए दिन रात मेहनत करते हैं। लेकिन उन लोगों का क्या जिनको सारी सुविधाएं ना मिलने की वजह से नौकरी मिलने में परेशानी होती है?
ऐसे ही लोगों की मदद का सराहनीय काम कर रही हैं कोमल अग्रवाल। फैशन डिजाइनर होने के साथ-साथ वो रोजाना कई बच्चों को अलग-अलग क्लासेस के जरिए कुछ नया सिखाने और नौकरी के लिए स्किल्ड बनाने में मदद कर रही हैं। आइए जानते हैं उनके और उनके कार्य के बारे में।
कौन हैं कोमल अग्रवाल
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कोमल अग्रवाल मूल रूप में से बिहार से हैं। उन्होंने अपनी स्कूलिंग बिहार की है। इसके बाद वो कुछ समय के लिए कोलकत्ता, पुणे और बेंगलुरु में रहने चली गईं। वहां से उन्होंने फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई की। ढेर सारे शो किए और सीखने के प्रक्रिया जारी रखी।
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फैशन डिजाइनिंग में कदम रखना नहीं था आसान
फैशन डिजाइनिंग को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह की भावना देखने को मिलती है। अधिकतर लोग इस फील्ड को सही नहीं मानते हैं। इस बारे में सवाल करने पर कोम अग्रवाल कहती हैं, "मेरे खुद के परिवार में इससे पहले किसी ने फैशन डिजाइनिंग नहीं की थी। मेरी एक बहन गूगल में और दूसरी यूएस बैंक में कार्य कर रही है। ऐसे में मेरे लिए इस फिल्ड में कदम रखना आसान नहीं था। बहुत से लोगों ने मुझे सलाह भी दी कि मैं इस फील्ड को छोड़ दूं।"
लोगों का नजरिया
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फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में लोगों के नजरिए के सवाल के जवाब में कोमल कहती हैं, "लोग अक्सर इस फिल्ड को ड्रा करने वाली फिल्ड और ट्रेलर की नौकरी कहकर पुकारते हैं जो गलत है।" उन्होंने बताया कि बहुत से लोग फैशन डिजाइनिंग को करियर नहीं मानते हैं और ऐसे लोगों का हमें आए दिन सामना करना पड़ता है। (महिलाओं पर अजीबो-गरीब जोक बनाकर क्यों लगाए जाते हैं ठहाके?)
बच्चों की कर रही हैं मदद
कोमल बेंगलोर के एक फैशन कॉलेज में शिक्षक के रूप में कार्य करती हैं। इसके साथ-साथ वो खुद की क्लासेज भी चलाती हैं। वह बताती हैं, एक दिन मेरे पास मेरी दोस्त आई जो नौकरी ना मिलने की वजह से बहुत परेशान थी। मैं जानती थी कि वो बहुत टैलेंटेड है लेकिन डिजिटल सॉफ्टवेयर की नॉलेज नहीं होने की वजह से उसे नौकरी मिलने में परेशानी हुई।" इसी के बाद से कोमल ने खुद बच्चों को अलग-अलग सॉफ्टवेयर की मदद से स्किल्ड बनाने की क्लासेज की शुरुआत की और आज उनके स्टूडेंट कई बड़ी-बड़ी ब्रांड के साथ कार्य कर रहे हैं।
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महिलाओं की मदद करना है मकसद
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कोमल कहती हैं कि मैं महिलाओं के लिए डिजाइनिंग करती हूं और मेरे अधिकतर स्टूडेंट भी फिमेल ही होती है जो मेरे लिए गर्व की बात है। एक महिला का आत्मनिर्भर होना आसान नहीं है कि क्योंकि उनके बहुत सारी जिम्मेदारी होती है लेकिन इंडिपेंडेंट होना जरूरी है। (फाइनेंशियली इंडिपेंडेट होने के पांच बड़े लाभ)
हजारों बच्चों की मदद कर रही कोमल के बारे में जानकर आप कैसा लगा? यह हमें इस आर्टिकल के कमेंट सेक्शन में जरूर बताए।
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